बरेली: विश्व व्याख्यात दरगाह आला हजरत (World lecturer Dargah Ala Hazrat) से जुड़े तंजीम उलमा ए इस्लाम (Ulama e Islam) के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी (National General Secretary Maulana Shahabuddin Razvi Barelvi) ने यूपी में मदरसों के सर्वे को लेकर तीखा विरोध प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि हमें यूपी की हुकूमत की नियत पर शक है. सर्वे के नाम पर मुस्लिमों को डराने की कोशिश की जा रही है.
मौलाना ने कहा यूपी अल्पसंख्यक विभाग (UP Minorities Department) के लोग उर्दू नहीं जानते है. खुद मंत्री दानिश और बोर्ड चेयरमैन भी उर्दू नहीं जानते है. ये लोग क्या सर्वे और क्या मदरसों की हकीकत जानेंगे. हमें यूपी की हुकूमत की नियत पर शक है. सर्वे के नाम पर डराने की कोशिश की जा रही है. मदरसे बंद करने की साजिश हो रही है, जिससे मुस्लिम बच्चे तालीम हासिल नहीं कर पाएंगे और वह कमजोर रह जाएंगे.
इतना ही नहीं मौलाना सहाबुद्दीन ने कहा कि मदरसों को बदनाम करने के लिए आतंकवाद की शिक्षा का हवाला दिया जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसी सोच रखने वाले लोगों को मैं दावत देता हूं कि वह मदरसों में आएं और देखें यहां क्या होता है. मदरसों में कुरान हदीस और कंप्यूटर की पढ़ाई के साथ ही शांति और इंसानियत का पैगाम दिया जाता है.
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मौलाना ने कहा कि यूपी में तकरीबन 16 हजार मदरसे हैं, जिनमें 550 मदरसे यूपी सरकार की मदद से चलते हैं. बाकी मदरसे चंदे और जकात से चलते हैं. इसके बाद मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि असम के मुख्यमंत्री मुस्लिमों से दुश्मनी रखते हैं. आतंकवाद का नाम देकर उन्होंने मदरसों पर बुलडोजर चला दिया. देश भर के मुसलमान नाराज हैं. अभी तक मुख्यमंत्री किसी भी मौलवी को आतंकवादी साबित नहीं कर पाए हैं.
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