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दो महिला सहित 6 को उम्रकैद, पश्चिम बंगाल से अगवा कर नाबालिग बहनों के साथ 13 दिनों तक किया था रेप

पश्चिम बंगाल से दो नाबालिग बहनों को अगवा कर बरेली जिले में बेचने वाले 6 आरिपियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. बेची गईं दोनों बहनों को पुलिस ने बरेली जिले के मीरगंज से बरामद किया था.

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Published : Jul 14, 2021, 6:12 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 6:18 PM IST

दो महिला सहित 6 को उम्रकैद
दो महिला सहित 6 को उम्रकैद

बरेली : यूपी के बरेली में पश्चिम बंगाल से लाई गईं दो नाबालिग बहनों की तस्करी मामले में स्पेशल कोर्ट पास्को एक्ट ने दो महिलाओं समेत 6 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा सुनते ही आरोपी कोर्ट में जोर-जोर से रोने व चिल्लाने लगे.

पश्चिम बंगाल से दो नाबालिग बहनों की तस्करी कर बेचने के मामले में कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया. अदालत ने मीरगंज के गांव चुरई दलपतपुर के कल्लू उर्फ नरेंद्र, सराय खास के रईस, फतेहगंज पश्चिमी नई बस्ती के इकबाल, उसकी पत्नी गुलशन, मीरगंज के शेखूपुरा के जहांगीर और उसकी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी, बरेली


एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU- Anti-Human Trafficking Unit) यानी मानव तस्करी रोधी ईकाई को पश्चिम बंगाल से कुछ लड़कियों को अपहरण करके बरेली जिले में लाए जाने की सूचना मिली थी. जिसके बाद टीम ने मीरगंज एसआई बाबूराम शर्मा व पुलिस बल के साथ 6 मई 2013 को आरोपी कल्लू उर्फ नरेंद्र के घर पर छापा मारा. घर के भीतर से 10 साल व 13 साल की दो लड़कियां बरामद हुईं. नाबालिग लड़कियों ने पुलिस को बताया कि वे सगी बहनें हैं.

जानकारी के मुताबिक, 2 अप्रैल 2013 को अंगूरी उर्फ सुमन नाम की महिला हावड़ा स्टेशन से उन्हें फुसलाकर बरेली लेकर आई थी. दो दिन तक लड़कियों को जहांगीर के घर में रखा गया. उसके बाद रईस के जरिए कल्लू उर्फ नरेंद्र को 26 हजार रुपये में बेच दिया गया. दोनों 13 दिन तक कल्लू के घर रही थीं. एक लड़की के बयान के अनुसार कल्लू ने घर में बंधक बनाकर 13 दिन तक दोनों के साथ दुष्कर्म किया.

दूसरी तरफ बच्चियों को बेचने वाली अंगूरी पुलिस के छापे से पहले ही वहां से जा चुकी थी. कल्लू के ही घर में पुलिस ने जहांगीर, इकबाल और रईस को भी गिरफ्तार किया. पूछताछ में जहांगीर ने बताया था कि दोनों लड़कियां दो दिन तक उसके घर में रहीं थीं. उसने ये भी बताया कि इससे पहले वे चार दिन फतेहगंज पश्चिमी के इकबाल के घर रही थीं. रईस ने दोनों को अंगूरी से कल्लू को खरीदवाने की बात कही थी. चौथे ने अपना नाम कल्लू उर्फ नरेंद्र बताया. इसके बाद पुलिस ने जहांगीर और इकबाल की पत्नी रेशमा और गुलशन को भी गिरफ्तार किया.

नाबालिग बहनों को अगवा कर बेचने के इस चर्चित केस की सुनवाई विशेष जज पाक्सो एक्ट रामदयाल की विशेष कोर्ट में हुई. आरोप साबित करने को एडीजीसी क्राइम रीतराम राजपूत ने दोनों पीड़िताओं समेत 7 गवाह पेश किये थे. दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद विशेष कोर्ट ने नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म करने के आरोपी कल्लू उर्फ नरेंद्र को सश्रम आजीवन कारावास की सजा के साथ 45 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई. वहीं नाबालिग लड़कियों को अपने घर में रखकर उनकी बिक्री कर अनैतिक व्यापार करने के आरोपी इकबाल व उसकी पत्नी गुलशन, जहांगीर व उसकी पत्नी रेशमा और आरोपी रईस को सश्रम आजीवन कारावास के साथ प्रत्येक पर 35-35 हजार का जुर्माना ठोका है.

बरेली : यूपी के बरेली में पश्चिम बंगाल से लाई गईं दो नाबालिग बहनों की तस्करी मामले में स्पेशल कोर्ट पास्को एक्ट ने दो महिलाओं समेत 6 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा सुनते ही आरोपी कोर्ट में जोर-जोर से रोने व चिल्लाने लगे.

पश्चिम बंगाल से दो नाबालिग बहनों की तस्करी कर बेचने के मामले में कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया. अदालत ने मीरगंज के गांव चुरई दलपतपुर के कल्लू उर्फ नरेंद्र, सराय खास के रईस, फतेहगंज पश्चिमी नई बस्ती के इकबाल, उसकी पत्नी गुलशन, मीरगंज के शेखूपुरा के जहांगीर और उसकी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी, बरेली


एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU- Anti-Human Trafficking Unit) यानी मानव तस्करी रोधी ईकाई को पश्चिम बंगाल से कुछ लड़कियों को अपहरण करके बरेली जिले में लाए जाने की सूचना मिली थी. जिसके बाद टीम ने मीरगंज एसआई बाबूराम शर्मा व पुलिस बल के साथ 6 मई 2013 को आरोपी कल्लू उर्फ नरेंद्र के घर पर छापा मारा. घर के भीतर से 10 साल व 13 साल की दो लड़कियां बरामद हुईं. नाबालिग लड़कियों ने पुलिस को बताया कि वे सगी बहनें हैं.

जानकारी के मुताबिक, 2 अप्रैल 2013 को अंगूरी उर्फ सुमन नाम की महिला हावड़ा स्टेशन से उन्हें फुसलाकर बरेली लेकर आई थी. दो दिन तक लड़कियों को जहांगीर के घर में रखा गया. उसके बाद रईस के जरिए कल्लू उर्फ नरेंद्र को 26 हजार रुपये में बेच दिया गया. दोनों 13 दिन तक कल्लू के घर रही थीं. एक लड़की के बयान के अनुसार कल्लू ने घर में बंधक बनाकर 13 दिन तक दोनों के साथ दुष्कर्म किया.

दूसरी तरफ बच्चियों को बेचने वाली अंगूरी पुलिस के छापे से पहले ही वहां से जा चुकी थी. कल्लू के ही घर में पुलिस ने जहांगीर, इकबाल और रईस को भी गिरफ्तार किया. पूछताछ में जहांगीर ने बताया था कि दोनों लड़कियां दो दिन तक उसके घर में रहीं थीं. उसने ये भी बताया कि इससे पहले वे चार दिन फतेहगंज पश्चिमी के इकबाल के घर रही थीं. रईस ने दोनों को अंगूरी से कल्लू को खरीदवाने की बात कही थी. चौथे ने अपना नाम कल्लू उर्फ नरेंद्र बताया. इसके बाद पुलिस ने जहांगीर और इकबाल की पत्नी रेशमा और गुलशन को भी गिरफ्तार किया.

नाबालिग बहनों को अगवा कर बेचने के इस चर्चित केस की सुनवाई विशेष जज पाक्सो एक्ट रामदयाल की विशेष कोर्ट में हुई. आरोप साबित करने को एडीजीसी क्राइम रीतराम राजपूत ने दोनों पीड़िताओं समेत 7 गवाह पेश किये थे. दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद विशेष कोर्ट ने नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म करने के आरोपी कल्लू उर्फ नरेंद्र को सश्रम आजीवन कारावास की सजा के साथ 45 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई. वहीं नाबालिग लड़कियों को अपने घर में रखकर उनकी बिक्री कर अनैतिक व्यापार करने के आरोपी इकबाल व उसकी पत्नी गुलशन, जहांगीर व उसकी पत्नी रेशमा और आरोपी रईस को सश्रम आजीवन कारावास के साथ प्रत्येक पर 35-35 हजार का जुर्माना ठोका है.

Last Updated : Jul 14, 2021, 6:18 PM IST
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