बरेली: पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर कारखाना ने एक और नई उपलब्धि हासिल की है. हाल में ही मैकेनिकल विभाग के कर्मचारियों ने बायो टैंक का नया मॉडल देकर बायो-डाइजेस्टर टैंक स्मार्ट एंड ग्रीन टॉयलेट तैयार किया है. जल्द ही मोडीफाइड स्मार्ट टॉयलेट ट्रेनों में लगे होंगे.
इज्जतनगर रेल कारखाना में 2017 से बायो टॉयलेट बनाए जा रहे हैं. पहले चरण में एक हजार बायो टॉयलेट बनाए गए थे. अब यहां आधुनिक स्मार्ट एवं ग्रीन टॉयलेट का मॉडल भी बनाया जा चुका है. मोदी सरकार ने दो अक्टूबर 2019 को देश की सभी ट्रेनों को पारंपरिक टॉयलेट से मुक्ति दिलाई थी. स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश की सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगवा दिए हैं.
बायो-डाइजेस्टर टैंक के फायदे
आधुनिक तकनीकी में बायो-डाइजेस्टर टैंक के साथ संलग्न एक जैव-शौचालय होता है, जो मानव मल को बायोगैस और पुनः उपयोग किए जा सकने वाले जल में परिवर्तित करता है. उस पानी को बागवानी-कृषि में प्रयोग किया जा सकता है.
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टॉयलेट की खासियत
- पारंपरिक शौचालय टैंक की तुलना में कम स्थान की जरूरत.
- बदबू से मुक्त होंगे टॉयलेट होगा.
- मीथेन गैस पाइप से बाहर को जाएगी, नये मॉडल में छह चैंबर होंगे.
- गंदा पानी भी साफ होकर बाहर आएगा.
- अधिक पानी होने को वॉटर आउट लेट सिस्टम से बाहर हो जाएगा.
- बायो-डाइजेस्टर टैंक के रखरखाव और स्थापना की लागत भी कम होगी.
- टंकियों को परिस्थितियों के आधार पर अनुकूलित करने की सुविधा होगी.
इज्जतनगर रेल कारखाना में मैकेनिकल विभाग के कर्मचारियों ने बायो टॉयलेट टैंक का एक नया मॉडल तैयार किया है, जो सराहनीय है. भविष्य में इस तरह के ही स्मार्ट एवं ग्रीन टॉयलेट गाड़ियों में प्रयोग किए जाएंगे. जिससे स्वच्छता क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन होगा.
-राजेन्द्र कुमार, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर