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राम मंदिर निर्माण में लगेगा मासूम बच्चों के गुल्लक का पैसा

अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रव्यापी चंदा संग्रह अभियान 15 जनवरी से शुरू हो गया है. बरेली में ऐसे दो नन्हे राम भक्त देखने को मिले, जिन्होंने मन्दिर निर्माण के लिए सिक्कों से भरे अपने गुल्लक को बिना किसी संकोच के दान कर दिया.

मासूमों ने भेंट किए अपने गु्ल्लक.
मासूमों ने भेंट किए अपने गु्ल्लक.
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Published : Jan 18, 2021, 6:14 PM IST

बरेली: अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए देश भर में इन दिनों राष्ट्रव्यापी फंड कलेक्शन 15 जनवरी से चल रहा है. बरेली में भी चंदा संग्रह के लिए बनाई गई टीमें डोर टू डोर जाकर संपर्क कर रही हैं. जिले में भगवान राम के मंदिर के लिए नन्हे मासूम भी सामने आ रहे हैं. बरेली में नन्हे मासूम अपने गुल्लक को देने में कोई गुरेज नहीं कर रहे.

बच्चों ने भेंट किए अपने गु्ल्लक.
समर्पण निधि अभियान में मासूमों की भूमिका
दरअसल, जब समर्पण निधि एकत्र करने वाली टीम इन नन्हे राम भक्तों के घर पहुंची, तो उन्होंने अपनी गुल्लक ही श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए दान कर दी. बच्चों ने एक अलग मिसाल पेश की है. मासूम बच्चों की भावना देखकर धन संग्रह में जुटी टीमें भी बच्चों की भावनाओं को देखकर जैसे निशब्द हो जाती हैं.
15 जनवरी से जारी है समर्पण निधि संग्रह अभियान
गौरतलब है कि देश भर में राष्ट्रव्यापी चंदा संग्रह का कार्यक्रम इन दिनों अलग-अलग टीम बनाकर भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए चल रहा है, क्योंकि श्रीराम का भव्य मंदिर बने और उसमें जन सहयोग रहे. इसके वृहद स्तर पर टीमें लगातार डोर टू डोर तो पहुंच ही रही हैं. साथ ही लोगों से जुड़कर भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के बारे में जागरूक कर रही हैं. साथ ही चंदे के तौर धन संग्रह कर रही हैं. अलग-अलग रसीद भी दान दाताओं का ब्यौरा मेंटेन करते हुए दी जा रही हैं.
रूही ने दान की अपनी गुल्लक
बरेली के वीर सावरकर इलाके में भगवान श्री राम मंदिर निर्माण समर्पण निधि को संग्रह करने का जिम्मा संभाल रहे अंशुमन त्रिपाठी को तो 5 वर्षीय नन्ही रूही ने अपनी गुल्लक ही उठा कर दे दी. रूही ने जब ईटीवी भारत से बातचीत की तो बताया कि भगवान श्री राम का घर बनना है. बड़े ही मासूमियत से उसने कहा कि इसीलिए अपनी गुल्लक भगवान राम जी के लिए दे रही हैं. मासूम की बात सुनकर चंदा संग्रह टीम के सदस्य अंशुमन कुछ देर तो मासूम की तरफ देखते ही रह गए.

अंशुमान त्रिपाठी ने बताया कि मासूम की आंखों में जो आशा गुल्लक उनके हाथ में देते हुए थी, उससे वो अभिभूत हैं. परिवार के लोग भी अपने घर की नन्ही बच्ची का मुंह देखते रह गए. वहीं बेटी के इस निर्णय से सभी बेहद खुश हैं.

मासूम दिवित ने सौंपा गुल्लक
बरेली महानगर के ही राजेंद्र नगर इलाके में भी एक करीब 6 वर्षीय दिवित पाल ने भी ऐसा ही किया. बता दें कि जब मन्दिर निर्माण के लिए समर्पण निधि हेतू धन संग्रह करने के लिए टीम वहां पहुंची, तो नन्हे दिवितपाल ने देखा कि उनकी मम्मी और दादी मां मन्दिर निर्माण हेतू योगदान दे रही हैं, तो उस मासूम से भी नहीं रहा गया. उसने भी अपने घर के अंदर रखी गुल्लक लाकर टीम को यह कहते हुए सौंप दी.

परिवार के लोगों के साथ-साथ संग्रह टीम सदस्य भी मासूमियत से कही दिवित की बात सुनकर बेहद खुश हुए. दिवित ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वो चाहता है कि भगवान राम के मंदिर को बनाने में उसकी गुल्लक काम में आ जाए.

गौरतलब है कि 15 जनवरी से धनसंग्रह का अभियान जारी है, जिसमें लोग बढ़ चढ़कर लगातार सामने आ रहे हैं. अपनी स्वेच्छा से सामर्थ्यानुसार दान भी कर रहे हैं. बरेली को अलग अलग भागों में विभाजित किया गया है. राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण राशि देने के लिए लोग लगातार टीमों से भी स्वेच्छा से सम्पर्क कर रहे हैं. ऐसे में बरेली के इन दोनों मासूमों की भगवान राम के मन्दिर निर्माण के लिए अपनी तरफ से दी गयी. धनराशि से इन मासूमों के इस कदम की सराहना होना तो लाजिमी है.

बरेली: अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए देश भर में इन दिनों राष्ट्रव्यापी फंड कलेक्शन 15 जनवरी से चल रहा है. बरेली में भी चंदा संग्रह के लिए बनाई गई टीमें डोर टू डोर जाकर संपर्क कर रही हैं. जिले में भगवान राम के मंदिर के लिए नन्हे मासूम भी सामने आ रहे हैं. बरेली में नन्हे मासूम अपने गुल्लक को देने में कोई गुरेज नहीं कर रहे.

बच्चों ने भेंट किए अपने गु्ल्लक.
समर्पण निधि अभियान में मासूमों की भूमिका
दरअसल, जब समर्पण निधि एकत्र करने वाली टीम इन नन्हे राम भक्तों के घर पहुंची, तो उन्होंने अपनी गुल्लक ही श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए दान कर दी. बच्चों ने एक अलग मिसाल पेश की है. मासूम बच्चों की भावना देखकर धन संग्रह में जुटी टीमें भी बच्चों की भावनाओं को देखकर जैसे निशब्द हो जाती हैं.
15 जनवरी से जारी है समर्पण निधि संग्रह अभियान
गौरतलब है कि देश भर में राष्ट्रव्यापी चंदा संग्रह का कार्यक्रम इन दिनों अलग-अलग टीम बनाकर भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए चल रहा है, क्योंकि श्रीराम का भव्य मंदिर बने और उसमें जन सहयोग रहे. इसके वृहद स्तर पर टीमें लगातार डोर टू डोर तो पहुंच ही रही हैं. साथ ही लोगों से जुड़कर भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के बारे में जागरूक कर रही हैं. साथ ही चंदे के तौर धन संग्रह कर रही हैं. अलग-अलग रसीद भी दान दाताओं का ब्यौरा मेंटेन करते हुए दी जा रही हैं.
रूही ने दान की अपनी गुल्लक
बरेली के वीर सावरकर इलाके में भगवान श्री राम मंदिर निर्माण समर्पण निधि को संग्रह करने का जिम्मा संभाल रहे अंशुमन त्रिपाठी को तो 5 वर्षीय नन्ही रूही ने अपनी गुल्लक ही उठा कर दे दी. रूही ने जब ईटीवी भारत से बातचीत की तो बताया कि भगवान श्री राम का घर बनना है. बड़े ही मासूमियत से उसने कहा कि इसीलिए अपनी गुल्लक भगवान राम जी के लिए दे रही हैं. मासूम की बात सुनकर चंदा संग्रह टीम के सदस्य अंशुमन कुछ देर तो मासूम की तरफ देखते ही रह गए.

अंशुमान त्रिपाठी ने बताया कि मासूम की आंखों में जो आशा गुल्लक उनके हाथ में देते हुए थी, उससे वो अभिभूत हैं. परिवार के लोग भी अपने घर की नन्ही बच्ची का मुंह देखते रह गए. वहीं बेटी के इस निर्णय से सभी बेहद खुश हैं.

मासूम दिवित ने सौंपा गुल्लक
बरेली महानगर के ही राजेंद्र नगर इलाके में भी एक करीब 6 वर्षीय दिवित पाल ने भी ऐसा ही किया. बता दें कि जब मन्दिर निर्माण के लिए समर्पण निधि हेतू धन संग्रह करने के लिए टीम वहां पहुंची, तो नन्हे दिवितपाल ने देखा कि उनकी मम्मी और दादी मां मन्दिर निर्माण हेतू योगदान दे रही हैं, तो उस मासूम से भी नहीं रहा गया. उसने भी अपने घर के अंदर रखी गुल्लक लाकर टीम को यह कहते हुए सौंप दी.

परिवार के लोगों के साथ-साथ संग्रह टीम सदस्य भी मासूमियत से कही दिवित की बात सुनकर बेहद खुश हुए. दिवित ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वो चाहता है कि भगवान राम के मंदिर को बनाने में उसकी गुल्लक काम में आ जाए.

गौरतलब है कि 15 जनवरी से धनसंग्रह का अभियान जारी है, जिसमें लोग बढ़ चढ़कर लगातार सामने आ रहे हैं. अपनी स्वेच्छा से सामर्थ्यानुसार दान भी कर रहे हैं. बरेली को अलग अलग भागों में विभाजित किया गया है. राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण राशि देने के लिए लोग लगातार टीमों से भी स्वेच्छा से सम्पर्क कर रहे हैं. ऐसे में बरेली के इन दोनों मासूमों की भगवान राम के मन्दिर निर्माण के लिए अपनी तरफ से दी गयी. धनराशि से इन मासूमों के इस कदम की सराहना होना तो लाजिमी है.

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