बरेली: पशु चिकित्सा अनुसंधान परिषद (IVRI) में 2011 में 13 करोड़ की लागत से बायोसेफ्टी लैब लेवल 3 की स्थापना की गई थी. इस लैब में कोरोना की जांच बड़े पैमाने पर संभव है. जिलाधिकारी ने शासन और भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र (ICAR) को इस आशय से अनुमोदन के लिये लिखा, जिसके बाद ICAR ने इसकी मंजूरी दे दी. अब शासन से भी 200 नमूनों की जांच के लिये अनुमोदन मिल गया है.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से अनापत्ति के बाद अब केवल शासन से किट आना शेष है. इसके बाद बरेली में प्रतिदिन 200 नमूनों की जांच हो सकेगी, जिसके बाद बरेली के आसपास के लगभग 10 से ज्यादा जिलों को इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा. अभी बरेली से नमूनों को जांच के लिए केजीएमयू भेजा जाता है, जहां से तीन दिन में रिपोर्ट आती है.
आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने शुरू किया शोध
गौरतलब है कि आईवीआरआई में पूरे देश और विदेश से वैज्ञानिक और शोधार्थी कार्य करते हैं. न्यूयॉर्क में शेर में कोरोना वायरस के लक्षण आने के बाद सभी देशों में इस दिशा में भी गंभीरता से अध्ययन शुरू हो गया है कि कहीं ये वायरस जानवरों तक न पहुंच जाए. लिहाजा आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने भी इस पर शोध शुरू कर दिया है.
बरेली: IVRI ने कोरोना को हराने के लिया उठाया एक बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश के बरेली में पशु चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र को अनुमोदन के लिये लिखा, जिसके बाद ICAR ने इसकी मंजूरी दे दी. अब बरेली में प्रतिदिन 200 नमूनों की जांच हो सकेगी.ॉ
बरेली: पशु चिकित्सा अनुसंधान परिषद (IVRI) में 2011 में 13 करोड़ की लागत से बायोसेफ्टी लैब लेवल 3 की स्थापना की गई थी. इस लैब में कोरोना की जांच बड़े पैमाने पर संभव है. जिलाधिकारी ने शासन और भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र (ICAR) को इस आशय से अनुमोदन के लिये लिखा, जिसके बाद ICAR ने इसकी मंजूरी दे दी. अब शासन से भी 200 नमूनों की जांच के लिये अनुमोदन मिल गया है.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से अनापत्ति के बाद अब केवल शासन से किट आना शेष है. इसके बाद बरेली में प्रतिदिन 200 नमूनों की जांच हो सकेगी, जिसके बाद बरेली के आसपास के लगभग 10 से ज्यादा जिलों को इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा. अभी बरेली से नमूनों को जांच के लिए केजीएमयू भेजा जाता है, जहां से तीन दिन में रिपोर्ट आती है.
आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने शुरू किया शोध
गौरतलब है कि आईवीआरआई में पूरे देश और विदेश से वैज्ञानिक और शोधार्थी कार्य करते हैं. न्यूयॉर्क में शेर में कोरोना वायरस के लक्षण आने के बाद सभी देशों में इस दिशा में भी गंभीरता से अध्ययन शुरू हो गया है कि कहीं ये वायरस जानवरों तक न पहुंच जाए. लिहाजा आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने भी इस पर शोध शुरू कर दिया है.