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बरेलीः 30 रुपये दो, धुआं उगलने वाला वाहन भी हो जाएगा 'प्रदूषण मुक्त' - issue pollution certificate without vehicle check

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं. वहीं प्रशासन प्रदूषण नापने के लिए प्रदूषण नियंत्रण कार्यलय की स्थापना की है. जहां वाहनों में प्रदूषण लेवल को चेक किया जा रहा है. साथ ही लोग प्रदूषण सर्टिफिकेट 30 रुपये में बनवा कर पूरी छूट के साथ वाहन चला रहे हैं.

प्रदूषण सर्टिफिकेट.
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Published : Sep 28, 2019, 10:36 PM IST

बरेलीः शहर के अंदर ही बहुत सारे ऐसे पुराने खस्ताहाल वाहन अभी भी चल रहे हैं, जो पूरे शहर में प्रदूषण फैला रहे हैं, लेकिन नए मोटर व्हीकल एक्ट ने लोगों के दिलों में डर पैदा कर दिया है. इस डर से लोग प्रदूषण का सर्टिफिकेट 30 रुपये में बनवा लेते हैं और उन्हें पूरी छूट मिल जाती है. वहीं आरटीओ पुराने वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं करता है. इन पुराने वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुंए से पूरा शहर दूषित हो रहा है.

नए मोटर व्हीकल एक्ट का डर.

पढ़ें- बरेली: शराब तस्करों पर पुलिस ने कसा शिकंजा, 82 लाख की अवैध शराब बरामद

लाइसेंस और इंश्योरेंस हो रहे ऑनलाइन
वहीं एआरटीओ आरपी सिंह का कहना है कोई भी चीज चाहे वो लाइसेंस हो और इंश्योरेंस अब सब काम ऑनलाइन हो गया है. अगर कोई व्यक्ति अपना प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने जाएगा तो उसकी जो भी जानकारी होगी. वो सब हमारे पास पहुंच जाएगी. उनका कहना है कि किसी भी तरह के गलत काम की तो गुंजाइश ही नहीं है. साथ ही साथ जो पुराने खस्ताहाल वाहन है. उन पर भी समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है.

प्रदूषण का मानक हुआ है तय
वहीं गाड़ियों का प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने वाली कंपनी के कर्मचारियों ने गाड़ी के प्रदूषण के मानकों का पूरा विवरण दिया. उनका कहना है कि गाड़ी का प्रदूषण मानक कार्बन मोनोऑक्साइड 3.5 से ज्यादा नहीं होना चाहिए और हाइड्रो कार्बनऑक्साइड 4,500 से अधिक नहीं होना चाहिए. अगर इससे ज्यादा होगा तो प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं बन सकता है.

भले ही लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और अपने वाहनों की प्रदूषण जांच करवा रहे हैं, लेकिन अब भी बहुत सारे ऐसे खस्ताहाल व्हीकल हैं, जो शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं. जिनका न तो कोई मानक है न ही कोई प्रदूषण का सर्टिफिकेट. आरटीओ को इन वाहनों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए.

बरेलीः शहर के अंदर ही बहुत सारे ऐसे पुराने खस्ताहाल वाहन अभी भी चल रहे हैं, जो पूरे शहर में प्रदूषण फैला रहे हैं, लेकिन नए मोटर व्हीकल एक्ट ने लोगों के दिलों में डर पैदा कर दिया है. इस डर से लोग प्रदूषण का सर्टिफिकेट 30 रुपये में बनवा लेते हैं और उन्हें पूरी छूट मिल जाती है. वहीं आरटीओ पुराने वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं करता है. इन पुराने वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुंए से पूरा शहर दूषित हो रहा है.

नए मोटर व्हीकल एक्ट का डर.

पढ़ें- बरेली: शराब तस्करों पर पुलिस ने कसा शिकंजा, 82 लाख की अवैध शराब बरामद

लाइसेंस और इंश्योरेंस हो रहे ऑनलाइन
वहीं एआरटीओ आरपी सिंह का कहना है कोई भी चीज चाहे वो लाइसेंस हो और इंश्योरेंस अब सब काम ऑनलाइन हो गया है. अगर कोई व्यक्ति अपना प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने जाएगा तो उसकी जो भी जानकारी होगी. वो सब हमारे पास पहुंच जाएगी. उनका कहना है कि किसी भी तरह के गलत काम की तो गुंजाइश ही नहीं है. साथ ही साथ जो पुराने खस्ताहाल वाहन है. उन पर भी समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है.

प्रदूषण का मानक हुआ है तय
वहीं गाड़ियों का प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने वाली कंपनी के कर्मचारियों ने गाड़ी के प्रदूषण के मानकों का पूरा विवरण दिया. उनका कहना है कि गाड़ी का प्रदूषण मानक कार्बन मोनोऑक्साइड 3.5 से ज्यादा नहीं होना चाहिए और हाइड्रो कार्बनऑक्साइड 4,500 से अधिक नहीं होना चाहिए. अगर इससे ज्यादा होगा तो प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं बन सकता है.

भले ही लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और अपने वाहनों की प्रदूषण जांच करवा रहे हैं, लेकिन अब भी बहुत सारे ऐसे खस्ताहाल व्हीकल हैं, जो शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं. जिनका न तो कोई मानक है न ही कोई प्रदूषण का सर्टिफिकेट. आरटीओ को इन वाहनों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए.

Intro:एंकर:-नया मोटर व्हीकल एक्ट आने के बाद कुछ लोगों की लॉटरी लग गई है बरेली शहर के अंदर ही बहुत सारे ऐसे पुराने खस्ताहाल वाहन अभी भी चल रहे हैं। जो पूरे शहर में प्रदूषण फैला रहे हैं लेकिन नया मोटर  व्हीकल एक्ट ने लोगों के दिलों में इस कदर डर पैदा कर दिया है। की लोग इस डर से प्रदूषण का सर्टिफिकेट ₹30 में बनवा लेते हैं। और उन्हें पूरी छूट मिल जाती है। शहर के अंदर प्रदूषण फैलाने की वहीं आरटीओ पुराने वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं करती है।इन पुराने वाहनों से निकलने बाले जहरीले धुंए से पूरा बरेली दूषित हो रहा है।


Body:Vo1:-बही एआरटीओ आरपी सिंह का कहना है।कोई भी चीज़ चाहे वो लाइसेंस हो या इश्योरेंस अब सब काम ऑनलाइन हो गया है अगर कोई व्यक्ति अपना प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने जाएगा तो उसकी जो भी जानकारी होगी वो सब हमारे पास पहुँच जाएगी किसी भी तरह के गलत काम की तो गुंजाइश ही नहीं है। साथ ही साथ जो पुराने खस्ताहाल वाहन है। उन पर भी समय-समय पर कार्रवाई करी जाती है उनके पेपर ना तो बनाए जाते हैं ना ही किसी प्रकार का कोई फर्जीवाड़ा होने दिया जाता है

बाइट:-एआरटीओ आरपी सिंह

Vo2:- वहीं गाड़ियों का प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने वाली कंपनी के कर्मचारी से जब बात करी तो उन्होंने गाड़ी के प्रदूषण के मानकों का पूरा विवरण दिया उन्होंने कहा

गाड़ी का प्रदूषण मानक कार्बन मोनोऑक्साइड 3.5 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए और जो हाइड्रो कार्बनऑक्साइड 4500 से अधिक नहीं होना चाहिए अगर इससे ज़्यादा होगा तो प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं बन सकता है।

 बाइट:-अवनीश बाजपेई




Conclusion:Fvo:- भले ही लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और अपने वाहनों का प्रदूषण जांच करवा रहे हैं लेकिन अब भी बहुत सारे ऐसे खस्ताहाल व्हीकल हैं जो शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं जिनका ना तो कोई मानक है नाही कोई प्रदूषण का सर्टिफिकेट है आरटीओ को इन वाहनों पर पर भी कार्रवाई करनी चाहिए जिससे सभी वाहन मानको उसके अंदर आ सके।

रंजीत शर्मा

9536666643

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