बरेली : जिले में प्रमोशन के बाद बी सैकड़ों अध्यापक जूनियर टीचर से कम वेतन पा रहे हैं. सैंकड़ों ऐसे शिक्षक हैं जो सहायक अध्यापक से हेड मास्टर तक प्रमोशन पा गए, लेकिन उन्हें पदोन्नति के बावजूद वेतनमान में वृद्धि नहीं हुई. ऐसे टीचर्स का कहना है कि वो अवसादग्रस्त हो रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कई अध्यापकों ने बताया कि काफी बार वो शिक्षा विभाग के अधिकारियों से अपनी परेशानी बता चुके, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ.
पदोन्नति पाए शिक्षकों का कहना है कि काफी प्रयास करने के बावजूद महकमे के जिम्मेदार उनकी इस समस्या को नहीं समझ रहे हैं और न हीं कोई समाधान कर रहे हैं. इस बारे में कांधरपुर के सरकारी विधालय की प्रधानाचार्या सबीना कहती हैं कि 2015 में पदोन्नत किया गया था. पांच वर्ष से भी अधिक समय हो चुका है, लेकिन वेतने नहीं बढ़ा. इससे जूझ रहे कई अध्यापकों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. आलम ये है कि कुछ शिक्षक तो अपनी पूरी नौकरी करके रिटायर तक हो गए, लेकिन उनके वेतन में अठन्नी का भी इजाफा नहीं हुआ.
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वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने बताया कि करीब छह वर्ष पूर्व शिक्षकों को पदोन्नत किया गया था, तब पदोन्नति को लेकर वरीयता के मुद्दे पर कुछ शिक्षकों ने कोर्ट का रुख किया था, बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि इसी वजह से जिन्हें बढ़ा हुआ वेतनमान मिलना था उन्हें बढ़ा वेतनमान नहीं मिल पाया था. बीएसए का कहना है कि वो इस बारे में बेसिक शिक्षा विभाग परिषद के सचिव से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है. बीएसए ने बताया कि ऐसे शिक्षक करीब 450 हैं, जिनको पदोन्नति के बावजूद जूनियर टीचर्स से कम वेतनमान दिया जा रहा है. बता दें कि नवीन नियुक्ति 4200 ग्रेड पे पर होती है, जबकि प्रमोशन के बावजूद 4600 से 4800 ग्रेड पे पदोन्नति पाए शिक्षकों का लग्न था, लेकिन अभी तक भी नहीं लगा. बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार का कहना है कि इस बारे में सीनियर अधिकारियों को अवगत कराकर जो भी दिशा निर्देश मिलेगा उसका पालन किया जाएगा.