ETV Bharat / state

बरेली में संविदा कर्मियों के कब्जे से मुक्त कराया गया सरकारी आवास

author img

By

Published : Dec 28, 2021, 8:20 PM IST

दरअसल, बरेली के 300 बेड के कोविड हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण की पहली लहर आने से पहले संविदा कर्मचारियों को रखा गया था. संविदा पर नर्स, वार्ड बॉय सहित पैरामेडिकल स्टॉफ को रखा गया था. उनको रहने के लिए हॉस्पिटल परिसर में ही सरकारी आवास दिया गया था. अब उनके आवास जबरन खाली करा लिए गए हैं.

सरकारी आवास
सरकारी आवास

बरेली: कोरोना काल के दौरान जिन संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने बरेली के 300 बेड कोविड हॉस्पिटल में सेवाएं दी थी और उनकी सेवाएं समाप्त करने के बाद जब उन्होंने सरकारी आवास खाली नहीं किए तो हॉस्पिटल प्रशासन ने जबरन सामान बाहर निकाल दिया है. इतना ही नहीं खुद के ताले भी डाल दिए हैं. हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि कई बार नोटिस देने के बाद भी जब संविदाकर्मियों ने सरकारी आवास खाली नहीं किए तो मजबूरन उनको यह कदम उठाना पड़ा.


दरअसल, बरेली के 300 बेड के कोविड हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण की पहली लहर आने से पहले संविदा कर्मचारियों को रखा गया था. संविदा पर नर्स, वार्ड बॉय सहित पैरामेडिकल स्टॉफ को रखा गया था. उनको रहने के लिए हॉस्पिटल परिसर में ही सरकारी आवास दिया गया था. तब से संविदा कर्मचारी उन्हीं आवासों में रह रहे थे. पिछले जून से हॉस्पिटल के संविदा पैरामेडिकल स्टॉफ की सेवाएं समाप्त कर दी गई थी. नौकरी से हटने के बाद भी संविदा कर्मियों ने 16 सरकारी आवासों को खाली नहीं किया था. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने कई बार संविदाकर्मियों को नोटिस दिया था. जब संविदा कर्मियों ने सरकारी आवास को खाली नहीं किया तो मंगलवार को हॉस्पिटल प्रशासन ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पीएसी के साथ संविदा कर्मियों के सामान को बाहर निकाल दिया.

संविदा कर्मियों के कब्जे से मुक्त कराया गया सरकारी आवास
16 सरकारी आवासों में कर रखा था कब्जा

कोविड-हॉस्पिटल के सीएमएस डॉक्टर सतीश चंद्रा ने बताया कि हॉस्पिटल परिसर में बने सरकारी आवासों में से 16 आवासों पर संविदा कर्मियों ने जबरन कब्जा कर रखा था जबकि जून में ही इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई. आवास खाली करने के लिए कई बार इन्हें नोटिस भी दी गई, जब आवास खाली नहीं हुए तो मजबूरन आवासों में पड़े तालों को तोड़कर उनका सामान बाहर निकाल कर आवासों को खाली कराया गया ताकि तीसरी लहर को देखते हुए नया स्टाफ रखा जाए तो उसके लिए आवास दिए जा सकें.

कब्जे से मुक्त कराया गया सरकारी आवास
कब्जे से मुक्त कराया गया सरकारी आवास
संविदा कर्मचारी रहे पवन ने बताया कि कोरोना काल के दौरान उन्होंने अपनी जान हथेली पर लगाकर हॉस्पिटल में काम किया था, संविदा पर नौकरी होने के चलते उनको नौकरी से हटाकर अब उनके आवासों को खाली करा लिया गया है. कभी उनके ऊपर फूल बरसाए गए थे और अब उनका सामान घर के बाहर निकाल कर रख दिया गया है यह बहुत बुरा लग रहा है.

बरेली: कोरोना काल के दौरान जिन संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने बरेली के 300 बेड कोविड हॉस्पिटल में सेवाएं दी थी और उनकी सेवाएं समाप्त करने के बाद जब उन्होंने सरकारी आवास खाली नहीं किए तो हॉस्पिटल प्रशासन ने जबरन सामान बाहर निकाल दिया है. इतना ही नहीं खुद के ताले भी डाल दिए हैं. हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि कई बार नोटिस देने के बाद भी जब संविदाकर्मियों ने सरकारी आवास खाली नहीं किए तो मजबूरन उनको यह कदम उठाना पड़ा.


दरअसल, बरेली के 300 बेड के कोविड हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण की पहली लहर आने से पहले संविदा कर्मचारियों को रखा गया था. संविदा पर नर्स, वार्ड बॉय सहित पैरामेडिकल स्टॉफ को रखा गया था. उनको रहने के लिए हॉस्पिटल परिसर में ही सरकारी आवास दिया गया था. तब से संविदा कर्मचारी उन्हीं आवासों में रह रहे थे. पिछले जून से हॉस्पिटल के संविदा पैरामेडिकल स्टॉफ की सेवाएं समाप्त कर दी गई थी. नौकरी से हटने के बाद भी संविदा कर्मियों ने 16 सरकारी आवासों को खाली नहीं किया था. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने कई बार संविदाकर्मियों को नोटिस दिया था. जब संविदा कर्मियों ने सरकारी आवास को खाली नहीं किया तो मंगलवार को हॉस्पिटल प्रशासन ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पीएसी के साथ संविदा कर्मियों के सामान को बाहर निकाल दिया.

संविदा कर्मियों के कब्जे से मुक्त कराया गया सरकारी आवास
16 सरकारी आवासों में कर रखा था कब्जा

कोविड-हॉस्पिटल के सीएमएस डॉक्टर सतीश चंद्रा ने बताया कि हॉस्पिटल परिसर में बने सरकारी आवासों में से 16 आवासों पर संविदा कर्मियों ने जबरन कब्जा कर रखा था जबकि जून में ही इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई. आवास खाली करने के लिए कई बार इन्हें नोटिस भी दी गई, जब आवास खाली नहीं हुए तो मजबूरन आवासों में पड़े तालों को तोड़कर उनका सामान बाहर निकाल कर आवासों को खाली कराया गया ताकि तीसरी लहर को देखते हुए नया स्टाफ रखा जाए तो उसके लिए आवास दिए जा सकें.

कब्जे से मुक्त कराया गया सरकारी आवास
कब्जे से मुक्त कराया गया सरकारी आवास
संविदा कर्मचारी रहे पवन ने बताया कि कोरोना काल के दौरान उन्होंने अपनी जान हथेली पर लगाकर हॉस्पिटल में काम किया था, संविदा पर नौकरी होने के चलते उनको नौकरी से हटाकर अब उनके आवासों को खाली करा लिया गया है. कभी उनके ऊपर फूल बरसाए गए थे और अब उनका सामान घर के बाहर निकाल कर रख दिया गया है यह बहुत बुरा लग रहा है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.