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Lockdown Effect: कोरोना ने फीका किया फूलों का व्यापार, कारोबारी मायूस

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Published : Jun 6, 2021, 5:32 PM IST

कोरोना लॉकडाउन ने फूलों के कारोबार को भी प्रभावित किया है. किसानों की मानें तो खेतों में फूल की फसल तैयार खड़ी है, पर बाजार में उसको खरीदने वाले नहीं हैं. फूल मडी में 150 रुपये किलो बिकने वाला गुलाब 15 रुपये में भी लोग नहीं खरीद रहे. गेंदे के फूल का भी यही हाल है. अगर कोई कारोबारी खरीदता भी है, तो वह बहुत कम दामों में खरीद रहा है.

फूल कारोबारी बेहाल
फूल कारोबारी बेहाल

बरेली: कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन (Lockdown) में फूल कारोबार ठप होने से उसके कारोबारी परेशान हैं. जो गुलाब का फूल इन दोनों में 150 रुपये किलो बिकता था. आज उसे 15 रुपये किलो में भी कोई लेने को तैयार नहीं है. वहीं इन दिनों फूलों के खरीदार भी नहीं दिखते, और जो हैं वह उचित दाम नहीं दे रहे. ऐसे में कहा जा सकता है कि लॉकडाउन का सीधा असर, फूल कारोबारियों के साथ-साथ उसकी खेती करने वाले किसानों पर भी पड़ा है. इन कारोबारियों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

उत्तर प्रदेश के बरेली में फूल का कारोबार करने वाले छोटे बड़े व्यापारी लॉकडाउन के चलते खाली बैठे हैं. लॉकडाउन के शुरूआती दिनों में प्रशासन की सख्ती के चलते वह अपनी फड़ वाली दुकानें भी नहीं लगा रहे थे. अब कुछ दिन से कुछ घंटों के लिए वह सड़क किनारे अपनी दुकानें लगा तो लेते हैं, पर उनके फूलों को खरीदने के लिए कोई नहीं आता. इससे फूल के कारोबारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. दिनों दिन उनका काम ठप होता जा रहा है.

लॉकडाउन में फूलों का व्यापार प्रभावित
इन कार्यों में खूब होता था फूल का प्रयोग

फूलों को बेचने वाले कारोबारियों की मानें तो आम दिनों में धार्मिक स्थलों में और पूजा पाठ में फूलों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था. साथ ही शादी विवाह, पार्टियों में बड़ी मात्रा में फूलों की खरीदारी होती थी. पर लॉकडाउन होने के चलते सबकुछ बंद हो गया, जिससे उनके फूलों के कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा.

लॉकडाउन के चलते फूलों के रेट कम

फूलों के कारोबारियों ने बताया कि आम दिनों में जो गुलाब का फूल 150 रुपये किलो बिकता था. आज वह 15 में भी कोई लेने को तैयार नहीं है. इतना ही नहीं जिस गेंदे के फूल को 100 रुपये के आसपास बिकना चाहिए था, कारोबारी उसे 8-10 रुपये में बेचने को मजबूर हैं. फूल कारोबारी भी चंद पैसों के लिए ग्राहकों का इंतजार करते रहते हैं, ताकि घर खर्च के लिए कुछ कमा सकें.

फड़ लगाकर बेंचने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट

मंदिरों के बाहर और सड़क किनारे फूलों को बेचने वाले छोटे-छोटे कारोबारी लॉकडाउन की मार से बेहाल हैं. लॉकडाउन के चलते फूलों के खरीदार बाजार में नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते उनके सामने रोजी-रोटी का संकट बढ़ता जा रहा है. कभी-कभी ग्राहकों के इंतजार में उनके फूल बिकते नहीं हैं, खराब हो जाते हैं. जिसके चलते उनको फेंकना भी पड़ता है.


किसानों पर पड़ा लॉकडाउन का असर

फूल की खेती करने वाले एक किसान ने बताया कि कभी-कभी तो मंडी में फूल खरीदने वाला कोई नहीं मिलता. इसके चलते फूलों को वापस ले जाकर फेंकना पड़ता है. लॉकडाउन के चलते फूलों की खेती में भारी नुकसान हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम पर अयोध्या में बनेगी मस्जिद

बरेली: कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन (Lockdown) में फूल कारोबार ठप होने से उसके कारोबारी परेशान हैं. जो गुलाब का फूल इन दोनों में 150 रुपये किलो बिकता था. आज उसे 15 रुपये किलो में भी कोई लेने को तैयार नहीं है. वहीं इन दिनों फूलों के खरीदार भी नहीं दिखते, और जो हैं वह उचित दाम नहीं दे रहे. ऐसे में कहा जा सकता है कि लॉकडाउन का सीधा असर, फूल कारोबारियों के साथ-साथ उसकी खेती करने वाले किसानों पर भी पड़ा है. इन कारोबारियों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

उत्तर प्रदेश के बरेली में फूल का कारोबार करने वाले छोटे बड़े व्यापारी लॉकडाउन के चलते खाली बैठे हैं. लॉकडाउन के शुरूआती दिनों में प्रशासन की सख्ती के चलते वह अपनी फड़ वाली दुकानें भी नहीं लगा रहे थे. अब कुछ दिन से कुछ घंटों के लिए वह सड़क किनारे अपनी दुकानें लगा तो लेते हैं, पर उनके फूलों को खरीदने के लिए कोई नहीं आता. इससे फूल के कारोबारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. दिनों दिन उनका काम ठप होता जा रहा है.

लॉकडाउन में फूलों का व्यापार प्रभावित
इन कार्यों में खूब होता था फूल का प्रयोग

फूलों को बेचने वाले कारोबारियों की मानें तो आम दिनों में धार्मिक स्थलों में और पूजा पाठ में फूलों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था. साथ ही शादी विवाह, पार्टियों में बड़ी मात्रा में फूलों की खरीदारी होती थी. पर लॉकडाउन होने के चलते सबकुछ बंद हो गया, जिससे उनके फूलों के कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा.

लॉकडाउन के चलते फूलों के रेट कम

फूलों के कारोबारियों ने बताया कि आम दिनों में जो गुलाब का फूल 150 रुपये किलो बिकता था. आज वह 15 में भी कोई लेने को तैयार नहीं है. इतना ही नहीं जिस गेंदे के फूल को 100 रुपये के आसपास बिकना चाहिए था, कारोबारी उसे 8-10 रुपये में बेचने को मजबूर हैं. फूल कारोबारी भी चंद पैसों के लिए ग्राहकों का इंतजार करते रहते हैं, ताकि घर खर्च के लिए कुछ कमा सकें.

फड़ लगाकर बेंचने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट

मंदिरों के बाहर और सड़क किनारे फूलों को बेचने वाले छोटे-छोटे कारोबारी लॉकडाउन की मार से बेहाल हैं. लॉकडाउन के चलते फूलों के खरीदार बाजार में नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते उनके सामने रोजी-रोटी का संकट बढ़ता जा रहा है. कभी-कभी ग्राहकों के इंतजार में उनके फूल बिकते नहीं हैं, खराब हो जाते हैं. जिसके चलते उनको फेंकना भी पड़ता है.


किसानों पर पड़ा लॉकडाउन का असर

फूल की खेती करने वाले एक किसान ने बताया कि कभी-कभी तो मंडी में फूल खरीदने वाला कोई नहीं मिलता. इसके चलते फूलों को वापस ले जाकर फेंकना पड़ता है. लॉकडाउन के चलते फूलों की खेती में भारी नुकसान हो रहा है.

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