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बरेली : पाश्चुरेल्ला कैनिस से पांच हिरणों की मौत, प्राणी उद्यान के आसपास जैविक सुरक्षा बढ़ी - havoc of pashurellacanis bacteria

उत्तर प्रदेश में बरेली के आईवीआरआई के प्राणी उद्यान में रखे गए पांच हिरणों की बैक्टीरियल संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई. यह सभी हिरण पाश्चुरेल्ला कैनिस बीमारी के शिकार हो गये और मौत के मुंह में समा गये. फिलहाल आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने समय रहते इलाज शुरू कर दिया है.

पाश्चुरेल्लाकैनिस बैक्टीरिया के शिकार हिरणों की मौत.
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Published : Oct 2, 2019, 2:31 PM IST

बरेली : आईवीआरआई के प्राणी उद्यान में रखे गए पांच हिरणों की पाश्चुरेल्ला कैनिस बीमारी से मौत हो गई. बैक्टीरियल संक्रमण से एक के बाद एक हिरणों की मौत की बात सामने आ रही है. इसके बाद प्राणी उद्यान के आसपास जैविक सुरक्षा बढ़ा दी गई है. किसी को भी प्राणी उद्यान के आसपास जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. लिहाजा आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने समय रहते इलाज शुरू कर दिया है. हालांकि कुछ हिरण अभी भी बीमार हैं.

पाश्चुरेल्ला कैनिस बैक्टीरिया के शिकार हिरणों की मौत.

पाश्चुरेल्ला कैनिस बैक्टीरिया के शिकार हिरणों की मौत
आईवीआरआई के प्राणी उद्यान में ब्लैक बग हिरण सहित तमाम हिरण प्रजाति के जानवर रखे गए हैं. दो दिन पहले पांच हिरणों की मौत हो गई. डियर पार्क में हिरणों की मौत होने से आनन-फानन में उनके नमूनों की जांच कराई गई. इसमें हिरणों में पाश्चुरेल्ला कैनिस बैक्टीरिया का संक्रमण मिला. इस बीमारी से बचाव का कोई टीका अभी तक नहीं बना है. ऐसे में आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने दूसरे हिरणों का इलाज शुरू कर दिया है. पहले जहां चार हिरणों की मौत हो चुकी थी.

बारिश के महीनों में संक्रमण होता है एक्टिव

वहीं सोमवार को एक हिरण और मर गया. इसकी वजह से अब तक कुल पांच हिरणों की मौत हो चुकी है और कई बीमार हैं, जिनका आईवीआरआई के वैज्ञानिक इलाज कर रहे हैं. बरसात के बाद बदलते मौसम से जानवर स्ट्रेस में आ जाता है और उसको यह संक्रमण हो जाता है. डियर पार्क के पास आसपास जैविक सुरक्षा बढ़ा दी गई है और किसी को भी डियर पार्क के पास आने की अनुमति नहीं है. हर वक्त वैज्ञानिक निगाह रखे हुए हैं.

बरेली : आईवीआरआई के प्राणी उद्यान में रखे गए पांच हिरणों की पाश्चुरेल्ला कैनिस बीमारी से मौत हो गई. बैक्टीरियल संक्रमण से एक के बाद एक हिरणों की मौत की बात सामने आ रही है. इसके बाद प्राणी उद्यान के आसपास जैविक सुरक्षा बढ़ा दी गई है. किसी को भी प्राणी उद्यान के आसपास जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. लिहाजा आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने समय रहते इलाज शुरू कर दिया है. हालांकि कुछ हिरण अभी भी बीमार हैं.

पाश्चुरेल्ला कैनिस बैक्टीरिया के शिकार हिरणों की मौत.

पाश्चुरेल्ला कैनिस बैक्टीरिया के शिकार हिरणों की मौत
आईवीआरआई के प्राणी उद्यान में ब्लैक बग हिरण सहित तमाम हिरण प्रजाति के जानवर रखे गए हैं. दो दिन पहले पांच हिरणों की मौत हो गई. डियर पार्क में हिरणों की मौत होने से आनन-फानन में उनके नमूनों की जांच कराई गई. इसमें हिरणों में पाश्चुरेल्ला कैनिस बैक्टीरिया का संक्रमण मिला. इस बीमारी से बचाव का कोई टीका अभी तक नहीं बना है. ऐसे में आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने दूसरे हिरणों का इलाज शुरू कर दिया है. पहले जहां चार हिरणों की मौत हो चुकी थी.

बारिश के महीनों में संक्रमण होता है एक्टिव

वहीं सोमवार को एक हिरण और मर गया. इसकी वजह से अब तक कुल पांच हिरणों की मौत हो चुकी है और कई बीमार हैं, जिनका आईवीआरआई के वैज्ञानिक इलाज कर रहे हैं. बरसात के बाद बदलते मौसम से जानवर स्ट्रेस में आ जाता है और उसको यह संक्रमण हो जाता है. डियर पार्क के पास आसपास जैविक सुरक्षा बढ़ा दी गई है और किसी को भी डियर पार्क के पास आने की अनुमति नहीं है. हर वक्त वैज्ञानिक निगाह रखे हुए हैं.

Intro:एंकर:-आईवीआरआई के प्राणी उद्यान में रखे गए पांच हिरणों की पाश्चुरेल्लोसिस बीमारी से मौत हो गई । बैक्टीरियल संक्रमण से एक के बाद एक हिरणों की मौत की बात सामने आने के बाद प्राणी उद्यान के आसपास जैविक सुरक्षा बढ़ा दी गई है और किसी को भी प्राणी उद्यान के आसपास जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है । आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने समय रहते इलाज शुरू कर दिया है । हालांकि कुछ हिरण अभी भी बीमार हैं ।


Body:Vo1:- आईवीआरआई के प्राणी उद्यान में ब्लैक बग , हिरण सहित तमाम हिरण प्रजाति के जानवर रखे गए हैं । दो दिन पहले चार हिरणों की मौत हो गई । डियर पार्क में हिरणों की मौत होने से आनन फानन में उनके नमूनों की जांच कराई गई । इसमें हिरणों में पाश्चुरेल्लाकैनिस बैक्टीरिया का संक्रमण मिला । इस बीमारी से बचाव का कोई टीका अभी तक नहीं बना है ऐसे में आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने दूसरे हिरणों का इलाज शुरू कर दिया । पहले जहां चार हिरणों की मौत हो चकी थी वहीं सोमवार को एक हिरण और मर गया । इसकी वजह | से अब तक कुल हिरणों की मौत हो चुकी है और कई बीमार हैं , जिनका आईवीआरआई के वैज्ञानिक इलाज कर रहे है।

बाइट:-राजकुमार सिंह आईवीआरआई के डायरेक्टर

Vo2:- बरसात के बाद बदलते मौसम से जानवर स्ट्रेस में आ जाता है और उसको यह संक्रमण हो जाता है। डियर पार्क के पास आसपास जैविक सुरक्षा बढ़ा दी गई है और किसी को भी डियर पार्क के पास आने की अनुमति नहीं है हर वक्त वैज्ञानिक निगाह रखे हुए हैं हर एक चीज की जांच की जा रही है जिससे जल्द से जल्द इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सके।




Conclusion:Fvo:-फेफड़ों और आंतों पर असर करता है बैक्टीरिया पाश्चुरेल्ला कैनिस बैक्टीरिया फेफड़े और आंत को प्रभावित करता है । यह ज्यादातर कुत्तों में मिलता है पर वैज्ञानिकों के शोध में यह हिरणों में रिपोर्ट हआ है । वैज्ञानिक बताते हैं कि यह बैक्टीरिया तब सक्रिय होता है जब बरसात के बाद मौसम बदल रहा होता है या मानसून लंबा खिंचता है । इसकी वजह से जानवर स्ट्रेस में होता है और बीमारी का शिकार हो जाता है । वैज्ञानिकों का कहना है कि बड़े जानवरों में पाश्चुरेल्ला मल्टोसिडा बैक्टीरिया के संक्रमण का टीका मौजूद हैं पर पाश्चुरेल्ला कैनिस के लिए टीका नहीं है ।

रंजीत शर्मा।

9536666643

ईटीवी भारत, बरेली।

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