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फर्जी IPS बनकर नौकरी के नाम पर ठगे 8 लाख रुपये, FIR दर्ज

बरेली जिले में तीन जालसाज युवकों ने एक युवक को पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर ली. इतना ही नहीं जालसाजों ने खुद को आईपीएस अफसर बताकर उसे नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया. पुलिस ने इन जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

फर्जी IPS बनकर नौकरी के नाम पर ठगे 8 लाख रुपये
फर्जी IPS बनकर नौकरी के नाम पर ठगे 8 लाख रुपये
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Published : Mar 7, 2021, 3:24 PM IST

बरेली: जिले में तीन जालसाज युवकों ने एक युवक को पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर ली. इतना ही नहीं जालसाजों ने खुद को आईपीएस अफसर बताकर उसे नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया. दारोगा के पद का नियुक्ति पत्र मिलने के बाद जब पीड़ित युवक ने उसे ऑनलाइन चेक किया तो उसके साथ हुई जालसाजी का खुलासा हुआ, जिसके बाद पीड़ित युवक ने एसएसपी से शिकायत की तो सुभाषनगर थाने में तीन लोगों पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

जानकारी देते पीड़ित युवक.

दरअसल, बरेली के सर्वोदय नगर निवासी विष्णु कुमार ने वर्ष 2016 में दारोगा भर्ती का फॉर्म भरा था. आंवला के वीरपुरा निवासी गब्बर सिंह ने उसे रामपुर गार्डन के रहने वाले दिलीप उर्फ टीटू और उसके भाई अजय चौहान से मिलवाया. दिलीप ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताया और विष्णु को पुलिस में भर्ती कराने का आश्वासन दिया. इसके बदले में इन तीनों ने विष्णु से आठ लाख रुपये ले लिए. बीती 14 सितंबर 2017 को लिखित परीक्षा हुई. रिजल्ट आने से पहले ही जालसाज ने उसे एक नियुक्ति पत्र दे दिया और बताया कि पूरी प्रक्रिया होने के बाद उसकी ट्रेनिंग भी होगी. परीक्षा का रिजल्ट जब आया तो वह फेल निकला.

विष्णु ने ये भी बताया कि ठगों की गाड़ी पर नीली बत्ती लगी हुई थी और उसके रूम में पुलिस के चिन्ह की तस्वीर भी लगी थी. इतना ही नहीं उसके मोबाइल नंबर पर ट्रूकॉलर पर आईपीएस एसोसिएशन दिल्ली भी लिखकर आता था, जिसके कारण वो इन ठगों के जाल में फंस गया था.

जब विष्णु समझ गया कि उसके साथ ठगी हुई है तो उसने रुपये वापस मांगने शुरू किए, लेकिन जालसाज दिलीप और अजय टालमटोल करते रहे. पैसे वापस न मिलने पर पीड़ित ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद फर्जी आईपीएस अधिकारी सहित तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि उक्त जालसाज पुलिस भर्ती के नाम पर अन्य लोगों के साथ भी करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.

बरेली: जिले में तीन जालसाज युवकों ने एक युवक को पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर ली. इतना ही नहीं जालसाजों ने खुद को आईपीएस अफसर बताकर उसे नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया. दारोगा के पद का नियुक्ति पत्र मिलने के बाद जब पीड़ित युवक ने उसे ऑनलाइन चेक किया तो उसके साथ हुई जालसाजी का खुलासा हुआ, जिसके बाद पीड़ित युवक ने एसएसपी से शिकायत की तो सुभाषनगर थाने में तीन लोगों पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

जानकारी देते पीड़ित युवक.

दरअसल, बरेली के सर्वोदय नगर निवासी विष्णु कुमार ने वर्ष 2016 में दारोगा भर्ती का फॉर्म भरा था. आंवला के वीरपुरा निवासी गब्बर सिंह ने उसे रामपुर गार्डन के रहने वाले दिलीप उर्फ टीटू और उसके भाई अजय चौहान से मिलवाया. दिलीप ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताया और विष्णु को पुलिस में भर्ती कराने का आश्वासन दिया. इसके बदले में इन तीनों ने विष्णु से आठ लाख रुपये ले लिए. बीती 14 सितंबर 2017 को लिखित परीक्षा हुई. रिजल्ट आने से पहले ही जालसाज ने उसे एक नियुक्ति पत्र दे दिया और बताया कि पूरी प्रक्रिया होने के बाद उसकी ट्रेनिंग भी होगी. परीक्षा का रिजल्ट जब आया तो वह फेल निकला.

विष्णु ने ये भी बताया कि ठगों की गाड़ी पर नीली बत्ती लगी हुई थी और उसके रूम में पुलिस के चिन्ह की तस्वीर भी लगी थी. इतना ही नहीं उसके मोबाइल नंबर पर ट्रूकॉलर पर आईपीएस एसोसिएशन दिल्ली भी लिखकर आता था, जिसके कारण वो इन ठगों के जाल में फंस गया था.

जब विष्णु समझ गया कि उसके साथ ठगी हुई है तो उसने रुपये वापस मांगने शुरू किए, लेकिन जालसाज दिलीप और अजय टालमटोल करते रहे. पैसे वापस न मिलने पर पीड़ित ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद फर्जी आईपीएस अधिकारी सहित तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि उक्त जालसाज पुलिस भर्ती के नाम पर अन्य लोगों के साथ भी करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.

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