बरेली: मन में कुछ करने की लगन हो तो कामयाबी भी कदम चूमती है. चाहे राह में कितनी भी बाधाएं क्यों न आएं, लेकिन इंसान अपनी मंजिल को पा ही लेता है. ऐसा ही कर दिखाया है बरेली की रहने वाली छात्रा महिमा ने. महिमा सेरिवल पैलसी बीमारी से ग्रसित है. उसने पहले ही अटेंप्ट में नीट की परीक्षा पास कर एक नई सोच को जन्म दिया. अब वह वेटनरी डॉक्टर बन जानवरों की सेवा करना चाहती है.
सेरिवल पैलसी बीमारी से ग्रसित महिमा का कहना है उसकी सफलता के पीछे उसकी मेहनत, मम्मी-पापा और उसके टीचरों का अहम योगदान है. परीक्षा में राइटर मिलने पर महिमा ने पीएम मोदी को शुक्रिया कहा. महिमा पीएम मोदी को अपना आदर्श मानती हैं
बेटी की इस कामयाबी को लेकर महिमा के परिवार में जश्न का माहौल है. महिमा के पिता शैलेंद्र शाह बताते हैं कि मैंने महिमा को कई संघर्ष भरी कहानियां सुनाई, उन कहानी को महिमा ने अपने जीवन में उतार कर सिद्ध कर दिया. वहीं महिमा की मदर स्मित शाह कहती है कि बचपन से मेरी बेटी का जीवन बहुत संघर्षमय रहा है.
फिलहाल महिमा की इस कामयाबी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी विद्यार्थियों के लिए एक नई मिसाल पेश की है. महिमा की इस कामयाबी ने बता दिया कि रास्ते कितने भी भयानक क्यों न हों, अगर मन में दृढ़ इच्छाशक्ति है तो किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है.