बरेली: योगी सरकार की सख्ती के बावजूद भी घूस लेकर काम करने की अपनी हरकतों से पुलिस बाज नहीं आ रही है. ऐसे में बरेली के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर शुक्रवार को कड़ी कार्रवाई की. एसएसपी ने इज्जत नगर थाने में तैनात दारोगा सचिन शर्मा, सिपाही अनिल पाल, सिपाही शुभम कुमार और सिपाही अंकित कुमार को भ्रष्टाचार और कर्तव्यों का पालन ना करने के चलते निलंबित कर दिया. इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.
बता दें कि बरेली जिला जेल में माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ अहमद बंद है. अशरफ और उसके गुर्गों के खिलाफ बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में एक मुकदमा दर्ज किया गया है. उस मुकदमे में जिन गुर्गों की संलिप्तता पाई जा रही है. उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है. पुलिस की इस कार्रवाई में बरेली के इज्जत नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले फरहद उर्फ गुड्डू का नाम भी अशरफ के गुर्गे के रूप में सामने आया था. जब यह जानकारी इज्जत नगर थाने में तैनात दारोगा सचिन शर्मा और उनके साथी सिपाही अनिल कुमार, शुभम कुमार और अंकित को लगी तो फरहद उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन जेल भेजने की बजाय 25 हजार रुपये रिश्वत लेकर छोड़ दिया.
इज्जत नगर थाने के दरोगा और सिपाहियों की 25 हजार रुपये रिश्वत लेकर अशरफ के गुर्गे को छोड़ने के 2 दिन बाद बिथरी चैनपुर थाना पुलिस ने फरहद उर्फ गुड्डू को दबोच लिया. पुलिस की पूछताछ में फरहद ने इज्जत नगर थाने के दरोगा सहित 4 पुलिसकर्मियों की काली करतूत को उजागर कर दिया. जिसके बाद पूरे मामले की जांच की गई. जांच में सभी आरोप सही पाए गए. जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने मामले को संज्ञान में ले लिया. इसके अलावा इन चारों पुलिसकर्मियों पर टेंपो चालक अरुण कुमार और टेंपू भरे सामान के मालिक आरिफ साथ ही एक बस चालक अशफाक अहमद और अब्दुल को अनावश्यक रूप से पकड़ने और हवालात में भी रखने का आरोप लगा था. इसके अलावा छोड़ने के बदले सभी से एक-एक लाख रुपये की मांग करने का आरोप लगा था. भ्रष्टाचार की जानकारी जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी को हुई तो उन्होंने दोनों मामलों की गहनता से जांच कराई और और जांच के बाद चारों पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया.
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