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जानिए कैसे होता है COVID 19 के संदिग्ध मरीज का इलाज - बरेली आइसोलेशन वार्ड के हालात

उत्तर प्रदेश के बरेली के जिला अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की स्थिति का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची. इस दौरान मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड की सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियों का जायजा लिया गया. साथ ही यह भी जाना गया कि मरीज का इलाज कैसे किया जाता है.

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बरेली जिला अस्पताल में बना आइसोलेशन वार्ड.
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Published : Mar 26, 2020, 8:50 PM IST

बरेलीः पिछले करीब दो महीनों से आप कोरोना के कहर के बारे में सुन रहे हैं. देश के इतिहास में पहली बार जनता कर्फ्यू लगते देखा गया. साथ ही कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. ईटीवी भारत ने बरेली जिला अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड के बारे में बारीकी से जानने की कोशिश की.

जानिए कैसे होता है कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज का इलाज.

पहले लिया जाता है संदिग्ध का सैंपल

जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तैनात महिला स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि सबसे पहले संदिग्ध मरीज का सैंपल लिया जाता है. इसके बाद एक फ्रिजर वाले बॉक्स में सुरक्षित रखकर लखनऊ जांच के लिए भेजा जाता है. रिपोर्ट आने तक मरीज को क्वारंटाइन किया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी फिलहाल सभी रिपोर्ट निगेटिव आईं हैं.

नर्सें बोलीं, डरेंगे तो सेवा कैसे करेंगे

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पूरी तन्मयता से काम कर रहे हैं. वहीं जिला अस्पताल में काम करने वाली नर्सों ने कहा कि अगर वही डर जाएंगी तो मरीजों की देखभाल कौन करेगा.

इसे भी पढ़ें- बरेली: एसएसपी का खास संदेश, अनावश्यक घरों से निकले तो होगी कार्रवाई

वहीं डॉक्टर वागीश वैश्य का कहना है कि जिला अस्पताल में कोरोना संदिग्ध दो मरीजों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था. इनमें से एक मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं एक की रिपोर्ट आनी बाकी है. उन्होंने बताया कि दो मरीजों को अभी भी आइसोलेशन वार्ड में रखकर उनका इलाज किया जा रहा है.

बरेलीः पिछले करीब दो महीनों से आप कोरोना के कहर के बारे में सुन रहे हैं. देश के इतिहास में पहली बार जनता कर्फ्यू लगते देखा गया. साथ ही कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. ईटीवी भारत ने बरेली जिला अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड के बारे में बारीकी से जानने की कोशिश की.

जानिए कैसे होता है कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज का इलाज.

पहले लिया जाता है संदिग्ध का सैंपल

जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तैनात महिला स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि सबसे पहले संदिग्ध मरीज का सैंपल लिया जाता है. इसके बाद एक फ्रिजर वाले बॉक्स में सुरक्षित रखकर लखनऊ जांच के लिए भेजा जाता है. रिपोर्ट आने तक मरीज को क्वारंटाइन किया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी फिलहाल सभी रिपोर्ट निगेटिव आईं हैं.

नर्सें बोलीं, डरेंगे तो सेवा कैसे करेंगे

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पूरी तन्मयता से काम कर रहे हैं. वहीं जिला अस्पताल में काम करने वाली नर्सों ने कहा कि अगर वही डर जाएंगी तो मरीजों की देखभाल कौन करेगा.

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वहीं डॉक्टर वागीश वैश्य का कहना है कि जिला अस्पताल में कोरोना संदिग्ध दो मरीजों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था. इनमें से एक मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं एक की रिपोर्ट आनी बाकी है. उन्होंने बताया कि दो मरीजों को अभी भी आइसोलेशन वार्ड में रखकर उनका इलाज किया जा रहा है.

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