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बरेलीः आला हजरत के 103वें उर्स का समापन, मुल्क में अमन-चैन की दुआ - बरेली की न्यूज

बरेलवी मसलक के सबसे बड़े धर्मगुरु इमाम अहमद रजा खा फाजिले बरेलवी आला हजरत (Ala Hazrat) के 103वें उर्स-ए-रिजवी का सोमवार को समापन हो गया. इस मौके पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई.

आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.
आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.
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Published : Oct 4, 2021, 7:02 PM IST

बरेलीः बरेलवी मसलक के सबसे बड़े धर्मगुरु इमाम अहमद रजा खा फाजिले बरेलवी आला हजरत के 103वें तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी का सोमवार को समापन हो गया. इस दौरान कुलशरीफ की रस्म अदा की गई. आला हजरत दरगाह पर मौलानाओं और जायरीनों ने देश मे अमन-चैन और खुशहाली के लिए दुआ की. साथ ही कोरोना जैसी महामारी का देश और दुनिया से खात्मे के लिए भी दुआ की गई.

मुफ़्ती शहजाद आलम ने मुफ़्ती-ए-आजम हिन्द की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि आला हजरत ने 1400 किताबें लिखकर पूरे हिंदुस्तान का सिर ऊंचा कर दिया. वह कौम के मसीहा और हमदर्द थे.

बरेली में आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.
बरेली में आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.

उधर, तीन दिवसीय उर्स के अंतिम दिन हजारों की संख्या में जायरीन उमड़े. इस्लामिया कॉलेज के मैदान से लेकर सौदा ग्रान की संकरी गलियों से होते हुए दरगाह आला हजरत पर हाजिरी देने पहुंचे. मरकज अहले सुन्नत वल जमात के सेंटर पर देश भर के उलेमाओ ने कुल शरीफ में हाजिरी दी. दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रज़ा खान व सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा कादरी की सदारत में उर्स की सभी ताक़रीबात को अदा किया गया.

बरेली में आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.
बरेली में आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.

यह भी पढ़ेंः लखीमपुर खीरी मामला: मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी व 45 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी योगी सरकार


मौलाना मुख्तार बहेडवी ने कहा कि पर्दा इस्लाम का अहम हिस्सा है. मौजूदा हालत के मद्देनजर मुसलमान अपनी बहन-बेटियों की खुद हिफाजत करें. उनको परदे में रहने के लिए ताकीद करें. बेटियां जब शादी लायक हो जाएं तो अच्छा घर देखकर उनकी शादी कर दें. साथ ही बेटियों को दहेज देने की जगह अपनी विरासत में हिस्सा दें.

उर्स का लाइव टेलीकास्ट भी हुआ

34 देशों में उर्स एक साथ मनाया गया. उर्स के प्रोग्राम का ऑडियो लाइव आला हजरत वेबसाइट पर टेलीकास्ट हुआ. बताया गया कि तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी का आगाज 2 अक्टूबर को परचम कुशाई के साथ हुआ था. सोमवार को कुल की रस्म अदायगी के बाद समापन हो गया. दुनिया भर में उनके मुरादगारों व अकीदमंदों ने घर बैठे उर्स के प्रोग्राम में ऑनलाइन शिरकत की.

बरेलीः बरेलवी मसलक के सबसे बड़े धर्मगुरु इमाम अहमद रजा खा फाजिले बरेलवी आला हजरत के 103वें तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी का सोमवार को समापन हो गया. इस दौरान कुलशरीफ की रस्म अदा की गई. आला हजरत दरगाह पर मौलानाओं और जायरीनों ने देश मे अमन-चैन और खुशहाली के लिए दुआ की. साथ ही कोरोना जैसी महामारी का देश और दुनिया से खात्मे के लिए भी दुआ की गई.

मुफ़्ती शहजाद आलम ने मुफ़्ती-ए-आजम हिन्द की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि आला हजरत ने 1400 किताबें लिखकर पूरे हिंदुस्तान का सिर ऊंचा कर दिया. वह कौम के मसीहा और हमदर्द थे.

बरेली में आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.
बरेली में आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.

उधर, तीन दिवसीय उर्स के अंतिम दिन हजारों की संख्या में जायरीन उमड़े. इस्लामिया कॉलेज के मैदान से लेकर सौदा ग्रान की संकरी गलियों से होते हुए दरगाह आला हजरत पर हाजिरी देने पहुंचे. मरकज अहले सुन्नत वल जमात के सेंटर पर देश भर के उलेमाओ ने कुल शरीफ में हाजिरी दी. दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रज़ा खान व सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा कादरी की सदारत में उर्स की सभी ताक़रीबात को अदा किया गया.

बरेली में आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.
बरेली में आला हजरत के 103वें उर्स का समापन.

यह भी पढ़ेंः लखीमपुर खीरी मामला: मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी व 45 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी योगी सरकार


मौलाना मुख्तार बहेडवी ने कहा कि पर्दा इस्लाम का अहम हिस्सा है. मौजूदा हालत के मद्देनजर मुसलमान अपनी बहन-बेटियों की खुद हिफाजत करें. उनको परदे में रहने के लिए ताकीद करें. बेटियां जब शादी लायक हो जाएं तो अच्छा घर देखकर उनकी शादी कर दें. साथ ही बेटियों को दहेज देने की जगह अपनी विरासत में हिस्सा दें.

उर्स का लाइव टेलीकास्ट भी हुआ

34 देशों में उर्स एक साथ मनाया गया. उर्स के प्रोग्राम का ऑडियो लाइव आला हजरत वेबसाइट पर टेलीकास्ट हुआ. बताया गया कि तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी का आगाज 2 अक्टूबर को परचम कुशाई के साथ हुआ था. सोमवार को कुल की रस्म अदायगी के बाद समापन हो गया. दुनिया भर में उनके मुरादगारों व अकीदमंदों ने घर बैठे उर्स के प्रोग्राम में ऑनलाइन शिरकत की.

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