बरेली: देश में कोरोना वायरस की वजह से जो मंदी का दौर है. उससे निपटने के लिए सरकारें तमाम जतन कर रही हैं, लेकिन ऐसे में बरेली जिला प्रशासन ने '100 दिन सौ इकाई' नाम से एक कार्यक्रम का खाका तैयार किया है, जिसमें नए उद्योग स्थापित करने में जिला प्रशासन भी उद्यमियों का साथ देगी. ताकि उद्योग तो स्थापित हो. साथ ही बेरोजगारों को उनके जिले में काम भी मिल सके.
देशभर में कोरोना संक्रमण काल चल रहा है. ऐसे में मंदी की मार ने हर किसी को रुलाया हुआ है. बरेली जिला प्रशासन ने 100 दिन 100 इकाई स्थापित करने के लिए जिले के हर उस शख्स को मौका देने का मन बनाया है, जो कि व्यवसाथ करके व उद्योग इकाई स्थापित करके आत्मनिर्भर होना चाहता है.
ये है प्रशासन की मंशा
जिला प्रशासन की मंशा सिर्फ इतनी है कि अगर लोगों को समय से एनओसी व अन्य आवश्यक कार्य समय से पूरे करके एक बेहतर माहौल दिया जाए तो उद्यमी इंडस्ट्री लगाने में दिलचस्पी दिखाएंगे. जिला प्रशासन ने वर्कशॉप के माध्यम से भी नव उद्यमियों को एड्रेस करने के उद्देश्य से तमाम तरह की क्वैरिज का हल देने की भी कोशिश की है.
नवीन उद्योग स्थापित होने से मिलेगा रोजगार
बरेली में प्रशासन ने औद्योगिक इकाइयां को स्वरोजगार करने के लिए उधमियों से सम्पर्क भी साधा है. वहिं नई इकाइयां स्थापित करने में हरसम्भव सहयोग करने के लिए भी हेल्पिंग बनने की कोशिश की है. इस बारे में जिला उद्योग केंद्र के जॉइंट डायरेक्ट ऋषि रंजन ने बताया कि शासन की मंशा यही है कि लोगों को रोजगार मील इसके लिये जतन किये जाएं.
उद्योग धंधे स्थापित करने में प्रशासन कर रहा सहयोग
उन्होंने बताया कि बरेली में प्रशासन ने नए उधमियों के साथ-साथ हर किसी को एक मंच देने की कोशिश की है ताकि काम की तलाश करने वाले हाथों को काम मिल सके. जिला प्रशासन की माने तो क्योंकि कोरोना की वजह से काफी लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा. वहीं लोग लौटकर अपने-अपने घरों को आ गए थे, ऐसे में अब उन्हें स्वरोजगार के प्रति जागरूक करने की मंशा से जिला प्रशासन भी पूरा सहयोग कर रहा है.
कार्यशालाओं का आयोजन
बरेली में जिला प्रशासन की तरफ से एक कार्यक्रम डिजाइन किया गया है. जिसमें 100 दिन 100 इकाई नाम दिया गया है. खासतौर से जिला प्रशासन ऐसे उद्यमियों को खोज रहा है, जो जिले में कोई भी उद्योग लगाएं और स्वरोजगार से लोग जुडें.
इसके पीछे की मंशा के बारे में हमने जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी ऋषि रंजन से बात की. उन्होंने बताया कि मंशा यही है कि लोगों को स्वरोजगार करने के लिए बढ़ावा दिया जाए और उन्हें एक अच्छा माहौल भी दिया जाए, ताकि लोग स्वरोजगार कर सके और जब अपने काम को करेंगे तो उन्हें मेन पावर की भी आवश्यकता होगी और मेंन पावर के तौर पर जिले के कामगारों को भी काम मिल सकेगा.
वर्कशॉप के माध्यम से नए उद्यमियों को किया जा रहा जागरूक
कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है ताकि उद्यमी अपनी समस्याएं बता सके. वही इसमें जिला प्रशासन ने भी जिलाधिकारी ने भी तमाम अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि किसी भी उद्योग को स्थापित होने में दी जाने वाली एनओसी और अन्य जरूरी कार्यों को यथाशीघ्र पूरा किया जा सके ताकि उद्यमी जल्द से जल्द अपना काम शुरू कर सकें.