बरेली: धर्म संसद में कालीचरण द्वारा महात्मा गांधी को अपशब्द कहने और गोडसे की तारीफ करने के मामले में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि धर्म के दृष्टिकोण से, कानून के दृष्टिकोण से, राजनीतिक के दृष्टिकोण से, सामाजिक दृष्टिकोण से, राष्ट्रीय एकता के दृष्टिकोण से किसी भी नजरिए से कालीचरण का जो बयान है वह देशद्रोह की परिधि में आता है. उन्होंने कहा कि गांधी भारत की आत्मा है और उन्होंने भारत की आत्मा को घायल किया है.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कालीचरण के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जहां तक सवाल धर्म का है तो हमारा धर्म तो उदारता सिखाता है, दया, त्याग, तपस्या सिखाता है. अहिंसा परमो धर्मा, सेवा परमो धर्मा, सत्य अहिंसा की बात करता है. हमारा धर्म ये नहीं सिखाता कि किसी दूसरे धर्म के मानने वालों को गाली दी जाए. उन्होंने कहा कि करुणा का नाम हिंदुत्व है. जो लोग यह काम कर रहे हैं मैं उन्हें हिंदू मानने को तैयार नहीं हूं, ना मैं उन्हें हिंदू मानता हूं ना मैं उन्हें हिंदुस्तानी मानता हूं.
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प्रमोद कृष्णम ने कहा भारत एक लोकतांत्रिक देश है, भारत में कानून का शासन है, संविधान है. यदि आप किसी से सहमत नहीं है तो उसका विरोध कर सकते हैं. असहमति व्यक्त करने का अधिकार भारत का संविधान देता है, किसी की हत्या करने का, अहिंसा करने का, किसी के घर में आग लगाने का, किसी को गाली देने का अधिकार संविधान नहीं देता. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है बीजेपी के शासन में भारतीय जनता पार्टी और उनके नेता इस देश को धर्म के उन्माद की आग में झोंकना चाह रहे हैं, जो देश के लिए उचित नहीं है.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा धर्म के नाम पर जब-जब उन्माद फैला है तब-तब बीजेपी को फायदा हुआ है. बीजेपी ऐसा मैसेज देना चाहती है कि जैसे वह नहीं रहेगी तो हिंदू धर्म खतरे में पड़ जाएगा जबकि, बीजेपी का जन्म 1980 में हुआ और हिंदू धर्म तो लाखों-करोड़ों साल पुराना है.