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बरेली में न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला, दुष्कर्म के दो आरोपियों को सुनाई फांसी की सजा

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 2016 में एक किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने दो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है.

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Published : Jan 10, 2020, 10:34 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 11:00 PM IST

बरेली: नवाबगंज क्षेत्र के स्थित गांव में जनवरी 2016 में एक किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. चार साल तक कोर्ट में चले इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सुनील कुमार यादव ने दोषी पाए गए मुरारीलाल और उमाकांत को फांसी की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश ने इसे निर्भया कांड से भी ज्यादा गंभीर बताया है. साथ ही कहा कि निर्भया बालिग थी, जबकि यह पीड़िता नाबालिग थी. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 4 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

जानकारी देते अपर जिला शाशकीय अधिवक्ता.

11 गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
29 जनवरी 2016 को 12 साल की बच्ची के साथ उस समय दुष्कर्म हुआ था, जब नाबालिग बच्ची खेत में दादी को खाना देने जा रही थी. इसी दौरान नवाबगंज थाना क्षेत्र के दो युवक मुरारीलाल और उमाकांत ने बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या कर दी थी. शुक्रवार को 11 गवाहों के बयान के आधार पर अपर जिला न्यायाधीश सुनील कुमार यादव ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है.

ये भी पढ़ें- वाराणसी: गंगा में डोली प्रियंका की नैया, ओवरलोड बनी वजह

फैसले पर पीड़िता की मां ने जताई संतुष्टि
बच्ची की मां ने कोर्ट के इस फैसले पर संतुष्टि जताई है. उन्होंने इस फैसले का सम्मान करते हुए कोर्ट का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सरकार से और कुछ नहीं चाहिए, जो कुछ भी सरकार ने किया है यह हमारे लिए बहुत है.

ये भी पढ़ें- सपा कार्यकर्ता देखेंगे 'छपाक', अखिलेश यादव ने बुक किया पूरा हॉल

अच्छा और ऐतिहासिक फैसला
डीआईजी ने बताया कि कोर्ट ने सही तरीके से इस मामले की पैरवी की और चार साल तक इस मुकदमे के गवाहों से सम्पर्क बनाए रखा. अब कोर्ट ने अपना निर्णय लिया है, जो कि बहुत ही अच्छा और ऐतिहासिक फैसला है.

बरेली: नवाबगंज क्षेत्र के स्थित गांव में जनवरी 2016 में एक किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. चार साल तक कोर्ट में चले इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सुनील कुमार यादव ने दोषी पाए गए मुरारीलाल और उमाकांत को फांसी की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश ने इसे निर्भया कांड से भी ज्यादा गंभीर बताया है. साथ ही कहा कि निर्भया बालिग थी, जबकि यह पीड़िता नाबालिग थी. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 4 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

जानकारी देते अपर जिला शाशकीय अधिवक्ता.

11 गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
29 जनवरी 2016 को 12 साल की बच्ची के साथ उस समय दुष्कर्म हुआ था, जब नाबालिग बच्ची खेत में दादी को खाना देने जा रही थी. इसी दौरान नवाबगंज थाना क्षेत्र के दो युवक मुरारीलाल और उमाकांत ने बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या कर दी थी. शुक्रवार को 11 गवाहों के बयान के आधार पर अपर जिला न्यायाधीश सुनील कुमार यादव ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है.

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फैसले पर पीड़िता की मां ने जताई संतुष्टि
बच्ची की मां ने कोर्ट के इस फैसले पर संतुष्टि जताई है. उन्होंने इस फैसले का सम्मान करते हुए कोर्ट का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सरकार से और कुछ नहीं चाहिए, जो कुछ भी सरकार ने किया है यह हमारे लिए बहुत है.

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अच्छा और ऐतिहासिक फैसला
डीआईजी ने बताया कि कोर्ट ने सही तरीके से इस मामले की पैरवी की और चार साल तक इस मुकदमे के गवाहों से सम्पर्क बनाए रखा. अब कोर्ट ने अपना निर्णय लिया है, जो कि बहुत ही अच्छा और ऐतिहासिक फैसला है.

Intro:एंकर:-बरेली में गैंग रेप के वाद हत्या के जघन्य निर्भया जैसी घटना को अंजाम देने वाले दोनों युवकों को पास्को कोर्ट ने आज सुनाया फांसी का फैसला । बरेली के नबाबगंज में तीन साल पहले 29 जनवरी 2016 को किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म, प्राईवेट पार्ट में लकड़ी डालना, और फिर हत्या कर जघन्य वारदात को दिया था अंजाम । दो युवकों को इस घटना में कोर्ट माना है दोषी ।कोर्ट निर्भया कांड से तुलना करते हुए आज सुनाई है आरोपियों को फांसी की सजा ।


Body:Vo1- कहते भगवान के यहाँ देर है अंधेर नही ,बरेली के नबाबगंज थाना छेत्र  के एक गांव में 29 जनवरी 2016 को बारह साल की नाबालिग किशोरी के साथ दो युवकों ने  सरसो के खेत में गैंगरेप किया था रेप के बाद दरिंदगी करते हुए उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डाल दी थी, साथ ही गला दबा कर हत्या कर दी


 बाईट:-सुनीति कुमार पाठक, जिला शाशकीय अधिवक्ता


Vo2- 29 जनवरी 2016 को 12 साल बच्ची के साथ उस समय रेप हुआ था जब नाबालिग बच्ची खेत मे दादी के खाना देने जा रही थी । दादी खाना दे कर लौट आये पर बच्ची वही रुक गई।इसी दौरान नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव आनन्दापुर के दो युवक मुरारी लाल और उमाकांत ने बच्ची के सामूहिक रेप करने के साथ जधन्य हत्या और प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डालने का काम किया था। आज कोर्ट ने 4 साल सुनवाई और 11 गवाहों के बयान के आधार पर  बरेली में अपर जिला न्यायधीश सुनील कुमार यादव ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। इस केस में बीच में बच्ची की दादी ने पुलिस की कहानी का समर्थन नही किया पर फिर भी कोर्ट ने परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर फैसला सुनाया ।


Vo3: कोर्ट ने फैसले में निर्भया केस का भी संदर्भ लिया है, और केस को उसी  तरह से पाया,  और उसे रेयर ऑफ रेयरेस्ट माना है


बाईट: रीतराम ,अपर जिला शाशकीय अधिवक्ता

vo4:- वही बच्ची की माँ इस फैसले से बहुत खुश है उन्होंने इस फैसले का सम्मान किया और कानून का दिल से धन्यवाद दिया भगवान से दुआ की के ऐसे अपराधियों को तो फांसी की ही सज़ा मिलनी चाहिए। सरकार से और कुछ नहीं चाहिए जो कुछ भी सरकार ने किया हमारे लिए बहुत है।

बाईट:- पीड़िता की माँ

vo5:- वहीं बरेली रेंज के डीआईजी का कहना है कि 29 जनवरी 2016 को नवाबगंज में एक 12 साल की नाबालिग बच्ची का बलात्कार किया था और उसके बाद उस बच्ची की हत्या कर दी गयी थी। डीआईजी ने बताया कि कोर्ट ने सही तरीके से इस मामले की पैरवी की और चार साल तक इस मुकदमें के गवाह से सम्पर्क बनाये रखा अब कोर्ट ने अपना निर्णय लिया है जो कि बहुत ही अच्छा और ऐतिहासिक फैसला है।

बाईट:- राजेश कुमार पांडेय डीआईजी बरेली


Conclusion:Fvo:-सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्भया मामले में फांसी बरकरार रखना और अब बरेली की कोर्ट द्वारा बच्ची से गैंग रेप और हत्या के मामले में फाँसी की सजाअपराधी जधन्य अपराधों को करने से बचेंगे।

रंजीत शर्मा

ईटीवी भारत

9536666643


Last Updated : Jan 10, 2020, 11:00 PM IST
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