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हादसे के इंतजार में बरेली का ओवरब्रिज, 7 सालों में ही दिखने लगे भ्रष्टाचार के गड्ढे

मुंबई में हुए फुटओवर ब्रिज हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है. देश के अंदर बहुत से ऐसे पुल ओर ओवरब्रिज हैं जो अभी भी खस्ताहाल हैं और एक बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं. बरेली में भी हाल ही में बना ओवरब्रिज खस्ताहाल पड़ा है.

खस्ता हाल पड़ा बरेली ओवर ब्रिज
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Published : Mar 19, 2019, 9:19 PM IST

बरेली : शहर और नैनीताल हाईवे को जोड़ने वाला मात्र एक ओवरब्रिज पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुका है. हर दिन यहां कोई न कोई छोटे-मोटे हादसे का शिकार हो जा रहा है. दो पहिया वाहन वालों को भी बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद प्रशासन का ध्यान इस ओवरब्रिज की ओर नहीं जा रहा है.

बरेली शहर के बीचोंबीच बना यह ओवरब्रिज बरेली शहर और नैनीताल हाईवे को जोड़ने वाला मात्र एक ओवरब्रिज है, जहां से हर दिन हजारों की संख्या में भारी वाहन आते-जाते रहते हैं. बड़े-बड़े अधिकारी भी इसका इस्तेमाल करते हैं, लेकिन फिर भी किसी अधिकारी की नजर खस्ताहाल होते इस ओवरब्रिज पर नहीं पड़ती है न ही इसको सही कराने का कोई प्रयास किया जा रहा है.

खस्ताहाल पड़ा बरेली ओवरब्रिज.

इस ओवरब्रिज का लोकार्पण 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया गया था, लेकिन 7 सालों में ही इसमें हुए भ्रष्टाचार के गड्ढे दिखने लगे. स्थानीय लोगों की शिकायत पर अधिकारियों ने केवल इन गड्ढों पर पैच लगाकर खानापूर्ति कर दी है. वहीं अगर इस ओर प्रशासन ने कोई भी ध्यान नहीं दिया तो इस ओवरब्रिज पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

बरेली : शहर और नैनीताल हाईवे को जोड़ने वाला मात्र एक ओवरब्रिज पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुका है. हर दिन यहां कोई न कोई छोटे-मोटे हादसे का शिकार हो जा रहा है. दो पहिया वाहन वालों को भी बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद प्रशासन का ध्यान इस ओवरब्रिज की ओर नहीं जा रहा है.

बरेली शहर के बीचोंबीच बना यह ओवरब्रिज बरेली शहर और नैनीताल हाईवे को जोड़ने वाला मात्र एक ओवरब्रिज है, जहां से हर दिन हजारों की संख्या में भारी वाहन आते-जाते रहते हैं. बड़े-बड़े अधिकारी भी इसका इस्तेमाल करते हैं, लेकिन फिर भी किसी अधिकारी की नजर खस्ताहाल होते इस ओवरब्रिज पर नहीं पड़ती है न ही इसको सही कराने का कोई प्रयास किया जा रहा है.

खस्ताहाल पड़ा बरेली ओवरब्रिज.

इस ओवरब्रिज का लोकार्पण 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया गया था, लेकिन 7 सालों में ही इसमें हुए भ्रष्टाचार के गड्ढे दिखने लगे. स्थानीय लोगों की शिकायत पर अधिकारियों ने केवल इन गड्ढों पर पैच लगाकर खानापूर्ति कर दी है. वहीं अगर इस ओर प्रशासन ने कोई भी ध्यान नहीं दिया तो इस ओवरब्रिज पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

Intro:मुंबई में गुरुवार को फुटओवर ब्रिज गिरने के कारण 6 लोगों की मौत होने के बाद भी देश की तमाम सत्ताधारी पार्टियों ने कोई भी सबक नहीं लिया है देश के अंदर बहुत से ऐसे पुल ओर ओवरब्रिज है जो अभी भी खस्ता हालत में है और एक बहुत बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं बरेली में भी हाल ही में बना ओवर ब्रिज धीरे धीरे बदहाली की दास्तां सुना रहा है। अगर इस और प्रशासन ने कोई भी ध्यान नहीं दिया तो मुंबई फुटओवर ब्रिज की तरह एक बड़ा हादसा हो सकता है नोट:-पीटीसी रंजीत शर्मा


Body: बरेली शहर के बीचोबीच बना यह ओवर ब्रिज बरेली शहर और नैनीताल हाईवे को जोड़ने वाला मात्र एक ओवर ओवर ब्रिज है जिसमें प्रतिदिन हजारों की संख्या में भारी वाहन आते जाते रहते हैं बड़े बड़े अधिकारी भी इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन फिर भी किसी अधिकारी की नजर खस्ताहाल होते इस ओवर ब्रिज पर नहीं जाती है ना ही इसको सही कराने का कोई प्रयास करा जाता है बाइट:-अभी (राहगीर) इस खस्ताहाल पुल पर निकली हुई सरिया यह बताती हैं कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है भारी वाहन इसके ऊपर से निकल जाते हैं लेकिन बाइक वालों को बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है कभी भी कोई सरिया किसी बाइक में या किसी कार के टायर में हिलक्कर एक बड़ा हादसा करा सकती है लेकिन किसी भी अधिकारी को इसकी कोई फिक्र नही है। बाइट:-दीपक ( क्षेत्रीय लोग) इस फ्लाईओवर का लोकार्पण 2013 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा किया गया था लेकिन 7 सालों में ही इसमें हुए भ्रष्टाचार के गड्ढे दिखने लगे हैं। हर बार स्थानीय लोगों ने इसकी कंप्लेंट कई आला अधिकारियों को करी। लेकिन अधिकारियों से किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं मिल पाया खाना पूर्ति के लिए अधिकारियों ने केवल इन गड्ढों पर पैच लगा दिए जो भारी भरकम वाहनों की चोट के कारण जल्दी खराब हो जाते हैं अगर इसका समाधान सही से ना कराया गया तो इस फ्लाईओवर पर कभी भी बहुत बड़ा हादसा हो सकता है इस बारे में जब आला अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो किसी भी अधिकारी ने कैमरे के सामने से बोलने से साफ मना कर दिया।


Conclusion:हर बार देश के अंदर कोई ना कोई बड़ा हादसा होता है सरकार खाना पूर्ति के लिए इससे संबंधित अधिकारी को निलंबित कर देती है लेकिन कभी भी इन फ्लाई ओवर के लिए कोई गाइडलाइन तैयार नहीं करती है जिससे इससे संबंधित अधिकारी अपने क्षेत्र में स्थित सभी ओवरब्रिज का निरीक्षण कर इससे संबंधित सारी समस्याओं का निवारण कर सके।
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