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प्रयागराज महाकुंभ; श्रद्धालुओं के लिए चलाई जाएंगी 40 इलेक्ट्रिक बसें, अलग-अलग रूटों पर दौड़ेंगी - MAHAKUMBH ELECTRIC BUS SERVICE

महाकुंभ से पहले 10 इलेक्ट्रिक बसें पहुंच जाएंगी प्रयागराज, मौनी अमावस्या तक 30 अन्य बसें भी लखनऊ से भेजी जाएंगी.

महाकुंभ के लिए चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें.
महाकुंभ के लिए चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 5, 2025, 7:30 AM IST

लखनऊ/प्रयागराज : प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ मेले की शुरुआत होनी है. मेला 26 फरवरी तक चलेगा. इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रहीं हैं. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने तैयारी की है. श्रद्धालुओं को परिवहन सेवा सुलभ कराने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करने जा रही है. महाकुम्भ से पहले ही प्रयागराज में 10 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो जाएगा, जबकि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के प्रमुख स्नान पर्व तक 30 और बसों को लखनऊ मुख्यालय से प्रयागराज भेज दिया जाएगा. इलेक्ट्रिक बसें विभिन्न रूटों पर चलाए जाएंगी.

कई रूटों पर होगा बसों का संचालन.
कई रूटों पर होगा बसों का संचालन. (Photo Credit; ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के जीएम प्राविधिक अजीत कुमार सिंह ने बताया कि महाकुम्भ मेला के प्रारंभ होने से पूर्व 10 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रयागराज में शुरू हो जाएगा. वहीं, मौनी अमावस्या पर्व के पूर्व लगभग 30 से 40 बसें प्रयागराज पहुंच जाएंगी. इन बसों की सप्लाई स्विच मोबिलिटी द्वारा की जा रही है. बसों की लंबाई 12 मीटर है. एक चार्जिंग में यह लगभग 200 किलोमीटर से अधिक संचालित की जा सकेंगी.

प्रयाग डिपो में होगी बसों की चेकिंग : उन्होंने बताया कि परिवहन निगम से जो नई इलेक्ट्रिक बसें प्राप्त हो रही हैं, उनको सीधे प्रयागराज क्षेत्र ही भेजा जा रहा है. पूर्व में इनका प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन कानपुर में किया जाता था, लेकिन महाकुंभ मेले के दृष्टिगत इन बसों का प्रयागराज क्षेत्र में ही प्रयाग डिपो में चेकिंग की जाएगी. रजिस्ट्रेशन करने के बाद इनको वहीं पर संचालित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय प्रबंधक प्रयागराज द्वारा मार्गों को चिन्हित कर लिया गया है. इन मार्गों पर इन बसों को चलाया जाएगा.

इलेक्ट्रिक बसों के लिए कई चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए हैं.
इलेक्ट्रिक बसों के लिए कई चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

शहर के अंदर-बाहर दोनों रूटों पर चलेंगी बसें : प्रयागराज परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों के लिए शहर और बाहर दोनों का रूट प्लान तैयार है. उन्होंने बताया कि नेहरू पार्क, बेला कछार और अंदावा समेत प्रयागराज में बसों की चार्जिंग की 4 जगह व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है. मेला प्रशासन और पुलिस के द्वारा इनके रूट भी तय किए जा चुके हैं. पीक डेज में कुल 6 रूट्स पर बसों का संचालन होगा, जबकि सामान्य दिनों में 11 रूट्स पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी. उन्होंने बताया कि बसों के आते ही उनका संचालन तत्काल प्रभाव से शुरू कर दिया जाएगा.

परिवहन विभाग द्वितीय चरण में डबल डेकर बसें भी संचालित करेगा. विभाग को दूसरे चरण में कुल 120 इलेक्ट्रिक बसें मिलने की संभावना है. इनमें से 20 बसें डबल डेकर होंगी. 100 बसें 9 मीटर और 12 मीटर की होगी. 20 डबल डेकर की आपूर्ति स्विच मोबिलिटी के अलावा अन्य दो प्रकार की बसों की आपूर्ति में पिनेकल मोबिलिटी प्रा. लि. द्वारा की जाएगी. महाकुम्भ के दौरान इन बसों का संचालन मुश्किल है.

न्यूक्लियर अटैक से बचाव-राहत के लिए दी गई ट्रेनिंग : प्रयागराज में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने महाकुम्भ के दौरान रासायनिक एवं परमाणु आपदाओं से निपटने के लिए शनिवार को मेला क्षेत्र में स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम कार्यक्रम आयोजित किया. महाकुंभ मेले में करीब 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है. इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था के कई इंतजाम किए गए हैं. प्राधिकरण ने मेले के दौरान रासायनिक एवं परमाणु आपदाओं जैसी संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए मेला प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया. ट्रेनिंग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी के सामने दिया गया.

प्रशिक्षण का टॉपिक इंटीग्रेटेड मिशन फॉर प्रिपेयर्डनेस एंड अवेरनेस कम ट्रैंनिंग (IMPACT) फॉर रेडियोलॉजिकल ​एंड न्यूक्लियर ​इमरजेंसी था.आपदा के दौरान उपकरणों के इस्तेमाल का तरीका भी बताया गया. परमाणु ऊर्जा विभाग से आए एक्सपर्ट शरद सेठ ने बताया कि उनकी टीम श्रद्वालुओं की सुरक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

प्रशिक्षण कार्यकम का उद्घाटन यूपी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने किया. उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम में भारत सरकार से परमाणु ऊर्जा विभाग, भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर, मुंबई, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, नई दिल्ली, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, नई दिल्ली, राज्य आपदा मोचन बल, लखनऊ, भारतीय सेना, मेला प्रशासन, पुलिस एवं जिला प्रशासन समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025: रेलवे ने कई ट्रेनों को प्रयागराज में दिया स्टॉपेज, वंदे भारत भी शामिल

लखनऊ/प्रयागराज : प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ मेले की शुरुआत होनी है. मेला 26 फरवरी तक चलेगा. इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रहीं हैं. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने तैयारी की है. श्रद्धालुओं को परिवहन सेवा सुलभ कराने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करने जा रही है. महाकुम्भ से पहले ही प्रयागराज में 10 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो जाएगा, जबकि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के प्रमुख स्नान पर्व तक 30 और बसों को लखनऊ मुख्यालय से प्रयागराज भेज दिया जाएगा. इलेक्ट्रिक बसें विभिन्न रूटों पर चलाए जाएंगी.

कई रूटों पर होगा बसों का संचालन.
कई रूटों पर होगा बसों का संचालन. (Photo Credit; ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के जीएम प्राविधिक अजीत कुमार सिंह ने बताया कि महाकुम्भ मेला के प्रारंभ होने से पूर्व 10 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रयागराज में शुरू हो जाएगा. वहीं, मौनी अमावस्या पर्व के पूर्व लगभग 30 से 40 बसें प्रयागराज पहुंच जाएंगी. इन बसों की सप्लाई स्विच मोबिलिटी द्वारा की जा रही है. बसों की लंबाई 12 मीटर है. एक चार्जिंग में यह लगभग 200 किलोमीटर से अधिक संचालित की जा सकेंगी.

प्रयाग डिपो में होगी बसों की चेकिंग : उन्होंने बताया कि परिवहन निगम से जो नई इलेक्ट्रिक बसें प्राप्त हो रही हैं, उनको सीधे प्रयागराज क्षेत्र ही भेजा जा रहा है. पूर्व में इनका प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन कानपुर में किया जाता था, लेकिन महाकुंभ मेले के दृष्टिगत इन बसों का प्रयागराज क्षेत्र में ही प्रयाग डिपो में चेकिंग की जाएगी. रजिस्ट्रेशन करने के बाद इनको वहीं पर संचालित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय प्रबंधक प्रयागराज द्वारा मार्गों को चिन्हित कर लिया गया है. इन मार्गों पर इन बसों को चलाया जाएगा.

इलेक्ट्रिक बसों के लिए कई चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए हैं.
इलेक्ट्रिक बसों के लिए कई चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

शहर के अंदर-बाहर दोनों रूटों पर चलेंगी बसें : प्रयागराज परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों के लिए शहर और बाहर दोनों का रूट प्लान तैयार है. उन्होंने बताया कि नेहरू पार्क, बेला कछार और अंदावा समेत प्रयागराज में बसों की चार्जिंग की 4 जगह व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है. मेला प्रशासन और पुलिस के द्वारा इनके रूट भी तय किए जा चुके हैं. पीक डेज में कुल 6 रूट्स पर बसों का संचालन होगा, जबकि सामान्य दिनों में 11 रूट्स पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी. उन्होंने बताया कि बसों के आते ही उनका संचालन तत्काल प्रभाव से शुरू कर दिया जाएगा.

परिवहन विभाग द्वितीय चरण में डबल डेकर बसें भी संचालित करेगा. विभाग को दूसरे चरण में कुल 120 इलेक्ट्रिक बसें मिलने की संभावना है. इनमें से 20 बसें डबल डेकर होंगी. 100 बसें 9 मीटर और 12 मीटर की होगी. 20 डबल डेकर की आपूर्ति स्विच मोबिलिटी के अलावा अन्य दो प्रकार की बसों की आपूर्ति में पिनेकल मोबिलिटी प्रा. लि. द्वारा की जाएगी. महाकुम्भ के दौरान इन बसों का संचालन मुश्किल है.

न्यूक्लियर अटैक से बचाव-राहत के लिए दी गई ट्रेनिंग : प्रयागराज में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने महाकुम्भ के दौरान रासायनिक एवं परमाणु आपदाओं से निपटने के लिए शनिवार को मेला क्षेत्र में स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम कार्यक्रम आयोजित किया. महाकुंभ मेले में करीब 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है. इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था के कई इंतजाम किए गए हैं. प्राधिकरण ने मेले के दौरान रासायनिक एवं परमाणु आपदाओं जैसी संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए मेला प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया. ट्रेनिंग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी के सामने दिया गया.

प्रशिक्षण का टॉपिक इंटीग्रेटेड मिशन फॉर प्रिपेयर्डनेस एंड अवेरनेस कम ट्रैंनिंग (IMPACT) फॉर रेडियोलॉजिकल ​एंड न्यूक्लियर ​इमरजेंसी था.आपदा के दौरान उपकरणों के इस्तेमाल का तरीका भी बताया गया. परमाणु ऊर्जा विभाग से आए एक्सपर्ट शरद सेठ ने बताया कि उनकी टीम श्रद्वालुओं की सुरक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

प्रशिक्षण कार्यकम का उद्घाटन यूपी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने किया. उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम में भारत सरकार से परमाणु ऊर्जा विभाग, भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर, मुंबई, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, नई दिल्ली, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, नई दिल्ली, राज्य आपदा मोचन बल, लखनऊ, भारतीय सेना, मेला प्रशासन, पुलिस एवं जिला प्रशासन समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे.

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