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क्या परिवार नियोजन की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं की है...? - नसबंदी के मामले में पुरुषों से आगे महिलाएं

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में पिछले एक दशक से पुरुषों की नसबंदी न के बराबर है और महिलाओं का अहम योगदान है. तमाम महिलाओं को इस भेद को लेकर खासी पीड़ा भी है. उनका कहना है कि परिवार नियोजन अकेले उनकी जिम्मेदारी नहीं है, इसमें पुरुषों को भी आगे आना होगा.

बाराबंकी में नसबंदी कार्यक्रम
बाराबंकी में नसबंदी कार्यक्रम
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Published : Jan 16, 2022, 8:55 PM IST

बाराबंकी: गोष्ठियों और सेमिनारों में महिला हितों की बड़ी-बड़ी बातें भले ही की जाती हों, लेकिन हमारा समाज आज भी पुरुष मानसिकता से ऊपर नहीं उठ पाया है. राजनीति हो या दूसरे क्षेत्र ज्यादातर मामलों में देखने में आया है कि पुरुष महिलाओं को पीछे करके खुद आगे आ जाते हैं, लेकिन जब बात नसबंदी (sterilization) जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme) की आती है तो पुरुष खुद पीछे होकर महिलाओं को आगे कर देते हैं. कम से कम बाराबंकी में तो ऐसा ही दिखाई दे रहा है, जहां पिछले एक दशक से पुरुषों की नसबंदी (Vasectomy) न के बराबर है, जबकि महिलाएं बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रही हैं.

आंकड़े तो यही बताते हैं -

वर्ष महिला नसबंदी पुरुष नसबंदी
2010-11409413
2011-12346305
2012-13317903
2013-14497324
2014-15661822
2015-16451330
2016-17514563
2017-18455448
2018-19475724
2019-20116507
2020-21413420
बाराबंकी में नसबंदी कार्यक्रम

जनसंख्या नियंत्रण की बनी थी योजना

तेजी से बढ़ रही जनसंख्या को काबू में करने के लिए भारत में वर्ष 1952 में परिवार कल्याण कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी, जिसका मकसद था कि देश की अर्थव्यवस्था की आवश्यकता के अनुरूप जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए जन्म दर में कमी लाई जाए. इसके लिए नसबंदी जैसे तमाम कार्यक्रम चलाए गए, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुरुषों की इसमें जरा भी दिलचस्पी नहीं है. जबकि महिलाओं का योगदान बहुत है. तमाम महिलाओं को इस भेद को लेकर खासी पीड़ा भी है. उनका कहना है कि परिवार नियोजन अकेले उनकी जिम्मेदारी नहीं है, इसमें पुरुषों को भी आगे आना होगा.

इसे भी पढ़ें- अम्बेडकरनगर में नसबंदी कैम्प का आयोजन, 48 महिलाओं का हुआ ऑपरेशन

डॉक्टरों की राय

ज्यादातर डॉक्टरों का मानना है कि समाज में गलत धारणा के चलते पुरुष नसबन्दी कराने से कतराते हैं. पुरुषों में एक भ्रम रहता है कि नसबन्दी कराने से उनमे कमजोरी आ जाएगी. हालांकि पुरुष भी अब जागरूक हो रहे हैं और नसबन्दी कराने के लिए आगे आ रहे हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग परिवार कल्याण को लेकर लगातार अभियान चलाकर पुरुषों को नसबन्दी कराने के लिए प्रेरित कर रहा है.

क्या है नसबन्दी

परिवार नियोजन के लिए किए जाने वाले ऑपरेशन को नसबन्दी (sterilization) कहते हैं. इसमें पुरुषों की अलग नसबन्दी होती है, जिसे (Vasectomy) कहा जाता है. जबकि महिलाओं की नसबन्दी को (Tubectomy) कहा जाता है.

बाराबंकी: गोष्ठियों और सेमिनारों में महिला हितों की बड़ी-बड़ी बातें भले ही की जाती हों, लेकिन हमारा समाज आज भी पुरुष मानसिकता से ऊपर नहीं उठ पाया है. राजनीति हो या दूसरे क्षेत्र ज्यादातर मामलों में देखने में आया है कि पुरुष महिलाओं को पीछे करके खुद आगे आ जाते हैं, लेकिन जब बात नसबंदी (sterilization) जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme) की आती है तो पुरुष खुद पीछे होकर महिलाओं को आगे कर देते हैं. कम से कम बाराबंकी में तो ऐसा ही दिखाई दे रहा है, जहां पिछले एक दशक से पुरुषों की नसबंदी (Vasectomy) न के बराबर है, जबकि महिलाएं बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रही हैं.

आंकड़े तो यही बताते हैं -

वर्ष महिला नसबंदी पुरुष नसबंदी
2010-11409413
2011-12346305
2012-13317903
2013-14497324
2014-15661822
2015-16451330
2016-17514563
2017-18455448
2018-19475724
2019-20116507
2020-21413420
बाराबंकी में नसबंदी कार्यक्रम

जनसंख्या नियंत्रण की बनी थी योजना

तेजी से बढ़ रही जनसंख्या को काबू में करने के लिए भारत में वर्ष 1952 में परिवार कल्याण कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी, जिसका मकसद था कि देश की अर्थव्यवस्था की आवश्यकता के अनुरूप जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए जन्म दर में कमी लाई जाए. इसके लिए नसबंदी जैसे तमाम कार्यक्रम चलाए गए, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुरुषों की इसमें जरा भी दिलचस्पी नहीं है. जबकि महिलाओं का योगदान बहुत है. तमाम महिलाओं को इस भेद को लेकर खासी पीड़ा भी है. उनका कहना है कि परिवार नियोजन अकेले उनकी जिम्मेदारी नहीं है, इसमें पुरुषों को भी आगे आना होगा.

इसे भी पढ़ें- अम्बेडकरनगर में नसबंदी कैम्प का आयोजन, 48 महिलाओं का हुआ ऑपरेशन

डॉक्टरों की राय

ज्यादातर डॉक्टरों का मानना है कि समाज में गलत धारणा के चलते पुरुष नसबन्दी कराने से कतराते हैं. पुरुषों में एक भ्रम रहता है कि नसबन्दी कराने से उनमे कमजोरी आ जाएगी. हालांकि पुरुष भी अब जागरूक हो रहे हैं और नसबन्दी कराने के लिए आगे आ रहे हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग परिवार कल्याण को लेकर लगातार अभियान चलाकर पुरुषों को नसबन्दी कराने के लिए प्रेरित कर रहा है.

क्या है नसबन्दी

परिवार नियोजन के लिए किए जाने वाले ऑपरेशन को नसबन्दी (sterilization) कहते हैं. इसमें पुरुषों की अलग नसबन्दी होती है, जिसे (Vasectomy) कहा जाता है. जबकि महिलाओं की नसबन्दी को (Tubectomy) कहा जाता है.

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