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वाह रे कुदरत का खेल: गोद सूनी होने के साथ-साथ उजड़ गई मांग

बाराबंकी जिले में टिकैतनगर थाना क्षेत्र में एक महिला की पहले गोद सूनी हो गई फिर उसकी मांग उजड़ गई. अब महिला बेसहारा हो गई. महिला के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनकी परिवरिश की जिम्मेदारी अब उसी के कंधों पर आ गई है. फिलहाल तो अभी महिला का भी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

टिकैतनगर थाना
टिकैतनगर थाना
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Published : Jun 9, 2021, 6:32 AM IST

बाराबंकी: जिले में दिल को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया है. एक पत्नी पर अचानक आई दोहरी मुसीबतों ने उसे सदमे में पहुंचा दिया. दरअसल, पत्नी ने मृत शिशु को जन्म दिया था. मरे हुए बच्चे के पैदा होने से गमजदा बाप जब पत्नी की दवाई लेकर लौट रहा था कि उसकी भी तालाब में डूब जाने से मौत हो गई. इतना ही नहीं गरीबी के चलते इस परिवार में इतनी भी ताकत नहीं कि दाह संस्कार के खर्च का बोझ उठा सके. लिहाजा गांव वालों ने मदद करके पोस्टमार्टम कराया और मिल-जुल कर दाह संस्कार किया.

जानकारी देते ग्राम प्रधान.

महिला ने मृत शिशु को दिया जन्म
बताते चलें कि टिकैतनगर थाना क्षेत्र के पंसारा गांव के रहने वाले राम सनेही की पत्नी गर्भवती थी. पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो राम सनेही उसे सोमवार को दोपहर बाद कूढा सुखीपुर स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र लेकर पहुंचा. शाम को डिलीवरी हुई, लेकिन मृत शिशु पैदा हुआ. नर्सों ने पत्नी की हालत खराब बताई और उसे दवाई लाने को कहा. बदहवास राम सनेही वहां से थोड़ी दूर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर पहुंचा. वहां से दवाइयां ली और लौट रहा था.

उपकेंद्र के पास के तालाब में डूबा पति
स्वास्थ्य उपकेंद्र के करीब एक तालाब स्थित है. अंधेरे के चलते राम सनेही तालाब के किनारे से गुजरा. हालांकि एक दूसरा मुख्य रास्ता भी था, लेकिन शायद जल्दी के चलते राम सनेही रास्ता समझ नहीं पाया और तालाब की ओर से गुजरा. अंधेरे के चलते उसका पैर फिसल गया और वो तालाब के गहरे पानी में समा गया. राम सनेही के तालाब में गिरने की आवाज पर आसपास के घरों के लोग निकले, लेकिन जब तक उसको निकाला जाता उसकी मौत हो चुकी थी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है.

मेहनत-मजदूरी कर पालता था परिवार
राम सनेही बहुत ही गरीब था. मेहनत-मजदूरी करके किसी तरह पेट पालता था. उसके दो बच्चे हैं. एक पुत्र 6 वर्षीय और 3 वर्षीय बेटी है. मकान नहीं था, लिहाजा ग्राम प्रधान के सहयोग से उसे कॉलोनी मिली थी, जिसमें वो परिवार के साथ रहता था.

इसे भी पढ़ें:- कानपुर सड़क हादसे में 17 की मौत, मोदी शाह ने जताया दुख

पड़ोसियों के उठाया दाह संस्कार का जिम्मा
राम सनेही की पत्नी सदमे में है. छोटे-छोटे बच्चे हैं. गरीबी के चलते इनके पास दाह संस्कार के भी पैसे नहीं थे, लिहाजा आस-पड़ोस के लोगों ने मदद की. ग्राम प्रधान राजेश और पड़ोसियों ने मुख्यालय लाकर पोस्टमार्टम कराया. ग्राम प्रधान राजेश ने बताया कि राम सनेही बहुत ही गरीब था. उसके परिवार की सभी लोग मदद करेंगे.

बाराबंकी: जिले में दिल को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया है. एक पत्नी पर अचानक आई दोहरी मुसीबतों ने उसे सदमे में पहुंचा दिया. दरअसल, पत्नी ने मृत शिशु को जन्म दिया था. मरे हुए बच्चे के पैदा होने से गमजदा बाप जब पत्नी की दवाई लेकर लौट रहा था कि उसकी भी तालाब में डूब जाने से मौत हो गई. इतना ही नहीं गरीबी के चलते इस परिवार में इतनी भी ताकत नहीं कि दाह संस्कार के खर्च का बोझ उठा सके. लिहाजा गांव वालों ने मदद करके पोस्टमार्टम कराया और मिल-जुल कर दाह संस्कार किया.

जानकारी देते ग्राम प्रधान.

महिला ने मृत शिशु को दिया जन्म
बताते चलें कि टिकैतनगर थाना क्षेत्र के पंसारा गांव के रहने वाले राम सनेही की पत्नी गर्भवती थी. पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो राम सनेही उसे सोमवार को दोपहर बाद कूढा सुखीपुर स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र लेकर पहुंचा. शाम को डिलीवरी हुई, लेकिन मृत शिशु पैदा हुआ. नर्सों ने पत्नी की हालत खराब बताई और उसे दवाई लाने को कहा. बदहवास राम सनेही वहां से थोड़ी दूर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर पहुंचा. वहां से दवाइयां ली और लौट रहा था.

उपकेंद्र के पास के तालाब में डूबा पति
स्वास्थ्य उपकेंद्र के करीब एक तालाब स्थित है. अंधेरे के चलते राम सनेही तालाब के किनारे से गुजरा. हालांकि एक दूसरा मुख्य रास्ता भी था, लेकिन शायद जल्दी के चलते राम सनेही रास्ता समझ नहीं पाया और तालाब की ओर से गुजरा. अंधेरे के चलते उसका पैर फिसल गया और वो तालाब के गहरे पानी में समा गया. राम सनेही के तालाब में गिरने की आवाज पर आसपास के घरों के लोग निकले, लेकिन जब तक उसको निकाला जाता उसकी मौत हो चुकी थी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है.

मेहनत-मजदूरी कर पालता था परिवार
राम सनेही बहुत ही गरीब था. मेहनत-मजदूरी करके किसी तरह पेट पालता था. उसके दो बच्चे हैं. एक पुत्र 6 वर्षीय और 3 वर्षीय बेटी है. मकान नहीं था, लिहाजा ग्राम प्रधान के सहयोग से उसे कॉलोनी मिली थी, जिसमें वो परिवार के साथ रहता था.

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पड़ोसियों के उठाया दाह संस्कार का जिम्मा
राम सनेही की पत्नी सदमे में है. छोटे-छोटे बच्चे हैं. गरीबी के चलते इनके पास दाह संस्कार के भी पैसे नहीं थे, लिहाजा आस-पड़ोस के लोगों ने मदद की. ग्राम प्रधान राजेश और पड़ोसियों ने मुख्यालय लाकर पोस्टमार्टम कराया. ग्राम प्रधान राजेश ने बताया कि राम सनेही बहुत ही गरीब था. उसके परिवार की सभी लोग मदद करेंगे.

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