बाराबंकी: राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की महत्वपूर्ण विधानसभा है हैदरगढ़. वर्तमान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस विधानसभा का दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और अमेठी से सटी इस विधानसभा पर अभी भाजपा का कब्जा है. वर्तमान में इस सीट से बैजनाथ रावत विधायक हैं.बैजनाथ रावत से विभिन्न मुद्दों पर ईटीवी संवाददाता ने खास बातचीत की.पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल: बीते पांच वर्षों में क्षेत्र के विकास में आपकी क्या उपलब्धियां रही?
जवाब: वर्ष 2017 में चुनाव जीतने के बाद हमारी प्राथमिकता रही कि हैदरगढ़ का चौमुखी विकास कैसे हो. वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए यहां विधायक रहे. उन्होंने इस विधानसभा में तमाम काम किये थे. उनके जाने के बाद जो काम पेंडिंग रहे या जो अधूरे रहे सबसे पहले हमने उन कामों को पूरा कराने का प्रयास किया. सड़कें खराब हो गई थीं उनकी मरम्मत कराने का काम किया.कोविड महामारी के चलते एक वर्ष काम ठप रहा,एक वर्ष की निधि भी नहीं मिली.यानी ये कहा जा सकता है कि हम पांच वर्ष के नही बल्कि चार वर्ष के विधायक हैं.
भाजपा विधायक बैजनाथ रावत बोले- हम पांच साल के नहीं बल्कि चार साल के हैं विधायक - रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
यूपी विधानसभा चुनाव 2022(UP Assembly Election 2022) नजदीक आते ही राजनीतिक गलियारे की सरगर्मियां तेज हो गईं हैं. इस चुनावी समर में ईटीवी भारत की टीम प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में हुए विकास और राजनीतिक समीकरण जनता तक पहुंचा रही है. इसी क्रम में ईटीवी भारत की टीम ने भाजपा विधायक बैजनाथ रावत से बातचीत की.
बाराबंकी: राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की महत्वपूर्ण विधानसभा है हैदरगढ़. वर्तमान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस विधानसभा का दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और अमेठी से सटी इस विधानसभा पर अभी भाजपा का कब्जा है. वर्तमान में इस सीट से बैजनाथ रावत विधायक हैं.बैजनाथ रावत से विभिन्न मुद्दों पर ईटीवी संवाददाता ने खास बातचीत की.पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल: बीते पांच वर्षों में क्षेत्र के विकास में आपकी क्या उपलब्धियां रही?
जवाब: वर्ष 2017 में चुनाव जीतने के बाद हमारी प्राथमिकता रही कि हैदरगढ़ का चौमुखी विकास कैसे हो. वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए यहां विधायक रहे. उन्होंने इस विधानसभा में तमाम काम किये थे. उनके जाने के बाद जो काम पेंडिंग रहे या जो अधूरे रहे सबसे पहले हमने उन कामों को पूरा कराने का प्रयास किया. सड़कें खराब हो गई थीं उनकी मरम्मत कराने का काम किया.कोविड महामारी के चलते एक वर्ष काम ठप रहा,एक वर्ष की निधि भी नहीं मिली.यानी ये कहा जा सकता है कि हम पांच वर्ष के नही बल्कि चार वर्ष के विधायक हैं.