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हैदरगढ़ की जनता बोली- कागज तो पर तो हुआ मगर धरातल पर काम नदारद - हैदरगढ़ विधानसभा

विधानसभा 2022 के चुनाव की बिसात बिछ चुकी है. तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने क्षेत्रों में जा-जाकर वोटरों को अपने पाले में करने की जुगत में लग गए हैं. ईटीवी भारत की टीम भी जनता के बीच में जा-जाकर पिछले साढ़े चार वर्षों में जनप्रतिनिधियों द्वारा कराए गए विकास कार्यों की सच्चाई जानने की कोशिश कर रही है. साथ ही क्षेत्र के मुद्दों को लेकर जनता की राय जानने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में बाराबंकी में ईटीवी भारत की टीम ने जिले की हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र पहुंचकर लोगों की राय जानी.

हैदरगढ़ की जनता बोली
हैदरगढ़ की जनता बोली
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Published : Oct 4, 2021, 10:59 PM IST

बाराबंकी: यूपी विधानसभा 2022 के चुनाव की बिसात बिछ चुकी है. तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने क्षेत्रों में जा-जाकर वोटरों को अपने पाले में करने की जुगत में लग गए हैं. ईटीवी भारत की टीम भी क्षेत्र में जा-जाकर पिछले साढ़े चार वर्षों में जनप्रतिनिधियों द्वारा कराए गए विकास कार्यों की सच्चाई जानने की कोशिश कर रही है साथ ही क्षेत्र के मुद्दों को लेकर जनता की राय जानने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में बाराबंकी में ईटीवी भारत की टीम ने जिले की हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र पहुंचकर लोगों की राय जानी.

कई मायनों में खास है हैदरगढ़ विधानसभा
लखनऊ-रायबरेली और अमेठी जिलों की सीमाओं को छूती हुई हैदरगढ़ विधानसभा की गिनती जिले की महत्वपूर्ण विधानसभा में होती है. दरअसल इस सीट से दो बार वर्तमान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. पहली बार तो उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए यहां से उपचुनाव लड़ा था.अब तक इस सीट पर 5 बार कांग्रेस,5 बार भाजपा,3 बार सपा,2 बार निर्दल,1 बार सोशलिस्ट और 1 बार भारतीय क्रांतिदल का कब्जा रहा है. वर्तमान में यहां से भाजपा के बैजनाथ रावत विधायक हैं. इससे पहले लगातार तीन बार यानी वर्ष 2003 से 2012 तक सपा का कब्जा था.

हैदरगढ़ की जनता बोली
क्या है जनता की राय
इस क्षेत्र की जनता छुट्टा जानवरों से परेशान है. सड़कों का बुरा हाल है. जनता में अब तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधियों में खासा आक्रोश है. जनता का कहना है कि चुनाव से पहले तो बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद वादे भूल जाते हैं.

वहीं युवाओं में बेरोजगारी को लेकर खासा आक्रोश है. इनका कहना है कि नौकरी के नाम पर केवल फार्म भराये जाते हैं.इनका कहना है कि सरकार बनने के बाद रोजगार देने का वादा किया था लेकिन कुछ नही हुआ. कोरोना काल मे वापस लौटे युवा बेरोजगारी के आलम में जी रहे हैं. क्षेत्र में कोई उद्योग धंधा न होने से रोजगार की समस्या है.ज्यादातर जनता का कहना है कि मूलभूत समस्याओं का अभाव है. क्षेत्र में चिकित्सा और शिक्षा बदहाल है. लड़कियों के लिए कोई भी उच्च शिक्षा की व्यवस्था नही है. हैदरगढ़ चौराहे पर जाम की समस्या रहती है कई बार आंदोलन हुआ लेकिन नतीजा कुछ नही निकला.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी, कहा- ऐसी घटनाओं की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता

बाराबंकी: यूपी विधानसभा 2022 के चुनाव की बिसात बिछ चुकी है. तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने क्षेत्रों में जा-जाकर वोटरों को अपने पाले में करने की जुगत में लग गए हैं. ईटीवी भारत की टीम भी क्षेत्र में जा-जाकर पिछले साढ़े चार वर्षों में जनप्रतिनिधियों द्वारा कराए गए विकास कार्यों की सच्चाई जानने की कोशिश कर रही है साथ ही क्षेत्र के मुद्दों को लेकर जनता की राय जानने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में बाराबंकी में ईटीवी भारत की टीम ने जिले की हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र पहुंचकर लोगों की राय जानी.

कई मायनों में खास है हैदरगढ़ विधानसभा
लखनऊ-रायबरेली और अमेठी जिलों की सीमाओं को छूती हुई हैदरगढ़ विधानसभा की गिनती जिले की महत्वपूर्ण विधानसभा में होती है. दरअसल इस सीट से दो बार वर्तमान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. पहली बार तो उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए यहां से उपचुनाव लड़ा था.अब तक इस सीट पर 5 बार कांग्रेस,5 बार भाजपा,3 बार सपा,2 बार निर्दल,1 बार सोशलिस्ट और 1 बार भारतीय क्रांतिदल का कब्जा रहा है. वर्तमान में यहां से भाजपा के बैजनाथ रावत विधायक हैं. इससे पहले लगातार तीन बार यानी वर्ष 2003 से 2012 तक सपा का कब्जा था.

हैदरगढ़ की जनता बोली
क्या है जनता की राय
इस क्षेत्र की जनता छुट्टा जानवरों से परेशान है. सड़कों का बुरा हाल है. जनता में अब तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधियों में खासा आक्रोश है. जनता का कहना है कि चुनाव से पहले तो बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद वादे भूल जाते हैं.

वहीं युवाओं में बेरोजगारी को लेकर खासा आक्रोश है. इनका कहना है कि नौकरी के नाम पर केवल फार्म भराये जाते हैं.इनका कहना है कि सरकार बनने के बाद रोजगार देने का वादा किया था लेकिन कुछ नही हुआ. कोरोना काल मे वापस लौटे युवा बेरोजगारी के आलम में जी रहे हैं. क्षेत्र में कोई उद्योग धंधा न होने से रोजगार की समस्या है.ज्यादातर जनता का कहना है कि मूलभूत समस्याओं का अभाव है. क्षेत्र में चिकित्सा और शिक्षा बदहाल है. लड़कियों के लिए कोई भी उच्च शिक्षा की व्यवस्था नही है. हैदरगढ़ चौराहे पर जाम की समस्या रहती है कई बार आंदोलन हुआ लेकिन नतीजा कुछ नही निकला.

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