बाराबंकी: वित्तविहीन शिक्षकों की समस्याओं पर कोई ध्यान न देने बल्कि उनके खिलाफ समाज में भड़काने का काम करने वाले कई शिक्षक एमएलसी से वित्तविहीन शिक्षक खासे नाराज हैं. इस नाराजगी का खामियाजा चुनाव में भी न भुगतना पड़े लिहाजा कई शिक्षक नेता वित्तविहीन शिक्षकों को मतदाता नहीं बनने देना चाह रहे थे. ये बात शनिवार को बाराबंकी में भाजपा के शिक्षक एमएलसी प्रत्याशी उमेश द्विवेदी ने कही. उन्होंने कहा कि बड़ी तादाद में वित्तविहीन शिक्षक उनके साथ हैं. आने वाले समय में वे उनकी समस्याओं को हल कराएंगे.
वित्तविहीन शिक्षकों के लिए बने नियमावली बने
चुनाव प्रचार के लिए बाराबंकी पहुंचे लखनऊ क्षेत्र से शिक्षक एमएलसी पद के भाजपा उम्मीदवार उमेश द्विवेदी ने नगर के पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि इस चुनाव में वित्तविहीन शिक्षक बड़ी संख्या में मतदाता है. उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया. आज तक उनकी सेवा नियमावली नहीं बन सकी और न ही सरकार की ओर से उसे वेतन दिया जा रहा है. उनकी प्राथमिकता है कि इन शिक्षकों के स्थायित्व के लिए सेवा नियमावली बने और समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाय. इसके लिए वे सरकार से बातचीत कर इसे पूरा करेंगे.
एमएलसी शिक्षक वित्तविहीन शिक्षकों नहीं बनने देना चाहते मतदाता
कुछ शिक्षक एमएलसी वित्त विहीन शिक्षकों को मतदाता नहीं बनने देना चाह रहे थे क्योंकि इन्होंने इन वित्त विहीन शिक्षकों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया और तो और इनका समाज में मजाक भी उड़वाया. आने वाले चुनाव में इन नेताओं को खामियाजा न भुगतना पड़े. इसके लिए इनकी मंशा थी कि वित्तविहीन शिक्षक मतदाता न बनाये जाय.
4400 एडेड विद्यालय हैं तो 23 हजार वित्त विहीन विद्यालय हैं. यही नहीं तमाम टेक्निकल विद्यालय,आईसीएसई और सीबीएसई के तमाम विद्यालय हैं जिनमें बहुत बड़ी तादाद में वोटर्स हैं. ये सभी वोटर्स स्थापित नेताओं से दूर हो गए हैं और वे उनके साथ हैं.
उमेश द्विवेदी, प्रत्याशी, भाजपा शिक्षक एमएलसी