बाराबंकी: जनपद बाराबंकी की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अब अपने हाथों से बनाये गए उत्पादों को बेचने के लिए किसी कार्यालय या दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. क्योंकि नगरीय विकास अभिकरण यानी डूडा ने इनको एक प्लेटफार्म मुहैया कराया है. इनके लिए नगर पालिका की एक दुकान उपलब्ध कराई गई है. जहां हस्तनिर्मित उत्पादों का न केवल प्रदर्शन लगेगी, बल्कि उनकी बिक्री भी की जाएगी. प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई दुकान पाकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में जबरदस्त उत्साह है.
बाराबंकी में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत डूडा द्वारा संचालित हो रही है. शहरी क्षेत्र में करीब 270 समूह संचालित हो रहे हैं. जिनमें जुड़कर शहरी क्षेत्र की महिलाएं अपने हाथों से निर्मित दर्जनों उत्पाद तैयार कर रही हैं. महिलाओं को रोजगार से जोड़कर स्वावलम्बी बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कई समूहों को परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस बनाने का काम दिया था. जिसे समूह की महिलाओं ने समय पर पूरा कर दिखाया. प्रशासन ने इन महिलाओं के हाथों से निर्मित ड्रेस नए सत्र के बच्चों को देकर यूनिफार्म वितरण की शुरुआत भी की.
इस बारे में जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि कोरोना काल में इन समूहों ने मास्क, सैनिटाइजर, सेनेटरी नैपकिन और आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार कर न केवल अपने को आर्थिक तौर पर मजबूत किया, बल्कि पीएम मोदी के आत्मनिर्भर बनने की मंशा को भी पूरा किया है. इनके उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री का कोई स्थान न होने से समूहों को अपेक्षित लाभ नहीं हो पा रहा था. इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने इन्हें एक दुकान मुहैया कराया है.
बाराबंकी: स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशासन ने दिया प्लेटफार्म, स्वनिर्मित उत्पादों की करेंगी बिक्री
बाराबंकी की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अब अपने हाथों से बनाये गए उत्पादों को बेचने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नगर पालिका की एक दुकान उपलब्ध कराई गई है. जहां हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री की जाएगी.
बाराबंकी: जनपद बाराबंकी की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अब अपने हाथों से बनाये गए उत्पादों को बेचने के लिए किसी कार्यालय या दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. क्योंकि नगरीय विकास अभिकरण यानी डूडा ने इनको एक प्लेटफार्म मुहैया कराया है. इनके लिए नगर पालिका की एक दुकान उपलब्ध कराई गई है. जहां हस्तनिर्मित उत्पादों का न केवल प्रदर्शन लगेगी, बल्कि उनकी बिक्री भी की जाएगी. प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई दुकान पाकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में जबरदस्त उत्साह है.
बाराबंकी में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत डूडा द्वारा संचालित हो रही है. शहरी क्षेत्र में करीब 270 समूह संचालित हो रहे हैं. जिनमें जुड़कर शहरी क्षेत्र की महिलाएं अपने हाथों से निर्मित दर्जनों उत्पाद तैयार कर रही हैं. महिलाओं को रोजगार से जोड़कर स्वावलम्बी बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कई समूहों को परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस बनाने का काम दिया था. जिसे समूह की महिलाओं ने समय पर पूरा कर दिखाया. प्रशासन ने इन महिलाओं के हाथों से निर्मित ड्रेस नए सत्र के बच्चों को देकर यूनिफार्म वितरण की शुरुआत भी की.
इस बारे में जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि कोरोना काल में इन समूहों ने मास्क, सैनिटाइजर, सेनेटरी नैपकिन और आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार कर न केवल अपने को आर्थिक तौर पर मजबूत किया, बल्कि पीएम मोदी के आत्मनिर्भर बनने की मंशा को भी पूरा किया है. इनके उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री का कोई स्थान न होने से समूहों को अपेक्षित लाभ नहीं हो पा रहा था. इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने इन्हें एक दुकान मुहैया कराया है.