बाराबंकी: पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा चीनी मिलें (sugar mills) बेची गई जबकि उनकी सरकार द्वारा बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाया गया है और नई चीनी मिलें स्थापित की गईं हैं. यह कहना है प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी(Sugarcane Development Minister Laxmi Narayan Choudhary) का. गन्ना विकास मंत्री बुधवार को बाराबंकी में एक दिवसीय दौरे पर विकास कार्यों की हकीकत जानने आए थे. इस दौरान मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने बताया कि बाराबंकी के रामनगर में स्थित बुढ़वल और मथुरा के छाता में इसी वर्ष चीनी मिलों का निर्माण शुरू (construction of sugar mills started) हो जाएगा.
उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार की कोशिश है कि सभी चीनी मिलें 15 अक्टूबर से शुरू हो जाएं और हर हाल में 30 मई तक गन्ना खरीद लें. मंत्री ने बताया कि सूबे की योगी सरकार ने बीते 5 साल में गेहूं खरीदकर 40 हजार करोड़ रुपया किसानों के खातों में दिया है. 60 हजार करोड़ रुपया धान खरीद कर किसानों के खातों में भेजा है. एक लाख, 80 हजार करोड़ रुपया गन्ना किसानों को दिया गया है. मुख्य फसलों गेहूं और धान की कीमतों से दो गुना रुपया गन्ना किसानों को दिया गया है.
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उन्होंने बताया कि 86% गन्ना किसानों का भुगतान (sugarcane farmers payment) किया जा चुका है. गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने बताया कि गन्ना एक्ट में 14 दिनों में गन्ना किसानों को उनके गन्ने के मूल्य का भुगतान करने का प्रावधान है लेकिन, अगले दो सालों में हम ऐसा करने जा रहे हैं कि महज दस दिन में ही भुगतान हो जाए. इसके लिए विभाग मैकेनिज्म तैयार कर रहा है. गन्ना मंत्री ने बताया कि प्रदेश में एथेनॉल और डिस्टलरी के प्लांट बढ़ रहे हैं. गन्ना किसानों को उन्नत किस्म के बीज दिए जा रहे हैं. यही वजह है पूरे देश में महाराष्ट्र की तरह ही उत्तरप्रदेश की स्थिति मानी जा रही है.