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सूचना देने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी अब जाएंगे जेल! - अजय कुमार उप्रेती का बाराबंकी दौरा

बाराबंकी के दौरे पर आए राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने सूचना देने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. उनका कहना है कि आयोग इन अधिकारियों के खिलाफ सजा का प्रावधान बनाने की कोशिशों में लगा हुआ है.

अधिकारियों को संबोधित करते राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती.
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Published : Jul 11, 2019, 5:46 AM IST

बाराबंकी: आरटीआई के तहत वादी द्वारा मांगी गई सूचना न देने वाले लापरवाह जनसूचना अधिकारियों को भविष्य में जेल भी जाना पड़ सकता है. राज्य सूचना आयोग ऐसे लापरवाह अधिकारियों को सजा दिए जाने के प्रावधान बनाए जाने की कोशिशों में लगा है. आयोग का मानना है कि जुर्माना लगाए जाने के बाद भी अधिकारी लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे क्योंकि इनसे न तो आसानी से जुर्माना वसूल हो पाता है और न ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो पाती है.

जानकारी देते राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती.
लापरवाह अधिकारियों पर कसा जाएगा शिकंजा
  • सूचना देने में लापरवाही बरतने वाले अधिकरियों पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.
  • अधिकारियों के वेतन से इस जुर्माने को काटने के निर्देश दिए जाते हैं.
  • जुर्माना लगाए जाने के बाद भी लापरवाह अधिकारी अपनी आदतों में सुधार नहीं कर रहे.
  • जुर्माना न देने पर विभागीय कार्रवाई के भी प्रवधान हैं.
  • इसमें भी हीलाहवाली होती है.
  • जुर्माना लगाए जाने के बाद भी अधिकारियों में खौफ नहीं रहता.
  • राज्य सूचना आयोग अब इन लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सजा का प्रावधान बनाए जाने की कोशिशों में लगा है .
  • राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती का कहना है कि आयोग इसके लिए प्रयासरत है.

सजा के प्रावधान के लिए एक्ट में संशोधन करना होगा, जिसके लिए संवैधानिक प्रक्रिया है. अगर एक्ट में संशोधन कर सजा का प्रावधान हो गया तो निश्चय ही आरटीआई आमजनमानस के लिए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार होगा.

बाराबंकी: आरटीआई के तहत वादी द्वारा मांगी गई सूचना न देने वाले लापरवाह जनसूचना अधिकारियों को भविष्य में जेल भी जाना पड़ सकता है. राज्य सूचना आयोग ऐसे लापरवाह अधिकारियों को सजा दिए जाने के प्रावधान बनाए जाने की कोशिशों में लगा है. आयोग का मानना है कि जुर्माना लगाए जाने के बाद भी अधिकारी लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे क्योंकि इनसे न तो आसानी से जुर्माना वसूल हो पाता है और न ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो पाती है.

जानकारी देते राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती.
लापरवाह अधिकारियों पर कसा जाएगा शिकंजा
  • सूचना देने में लापरवाही बरतने वाले अधिकरियों पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.
  • अधिकारियों के वेतन से इस जुर्माने को काटने के निर्देश दिए जाते हैं.
  • जुर्माना लगाए जाने के बाद भी लापरवाह अधिकारी अपनी आदतों में सुधार नहीं कर रहे.
  • जुर्माना न देने पर विभागीय कार्रवाई के भी प्रवधान हैं.
  • इसमें भी हीलाहवाली होती है.
  • जुर्माना लगाए जाने के बाद भी अधिकारियों में खौफ नहीं रहता.
  • राज्य सूचना आयोग अब इन लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सजा का प्रावधान बनाए जाने की कोशिशों में लगा है .
  • राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती का कहना है कि आयोग इसके लिए प्रयासरत है.

सजा के प्रावधान के लिए एक्ट में संशोधन करना होगा, जिसके लिए संवैधानिक प्रक्रिया है. अगर एक्ट में संशोधन कर सजा का प्रावधान हो गया तो निश्चय ही आरटीआई आमजनमानस के लिए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार होगा.

Intro:बाराबंकी ,10 जुलाई । आरटीआई के तहत वादी द्वारा मांगी गई सूचना न देने वाले लापरवाह जन सूचना अधिकारियों को भविष्य में जेल भी जाना पड़ सकता है क्योंकि राज्य सूचना आयोग ऐसे लापरवाह अधिकारियों को सजा दिए जाने के प्रावधान बनाए जाने की कोशिशों में लगा है । आयोग का मानना है कि जुर्माना लगाए जाने के बाद भी अधिकारी लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे क्योंकि इनसे न तो आसानी से जुर्माना वसूल हो पाता है और ना ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो पाती है ।


Body:वीओ - आयोग में अपील के बाद भी वादी द्वारा मांगी गई सूचना देने में लापरवाही करने वाले सूचना अधिकारियों के खिलाफ आयोग ऐसे लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाता है । इस जुर्माने को उसके वेतन से काटने के निर्देश दिए जाते है । इसके बाद भी लापरवाह अधिकारी अपनी आदतों में सुधार नही कर रहे । दरअसल जुर्माना वसूलने में ज्यादा सख्ती नही की जाती यही नही जुर्माना न देने पर विभागीय कार्यवाई के भी प्रवधान है लेकिन इसमें भी हीलाहवाली होती है । जुर्माना लगाये जाने के बाद भी अधिकारियों में खौफ नही रहता । शायद यही वजह है कि आयोग अब इन लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सजा का प्राविधान बनाये जाने की कोशिशों में लगा है । राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती का कहना है कि आयोग इसके लिए प्रयासरत है ।
बाईट - अजय कुमार उप्रेती , राज्य सूचना आयुक्त


Conclusion:सजा के प्राविधान के लिए ऐक्ट में संशोधन करना होगा जिसके लिए संवैधानिक प्रक्रिया है । अगर ऐक्ट में संशोधन कर सजा का प्राविधान हो गया तो निश्चय ही आरटीआई आमजनमानस के लिए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार होगा ।

रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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