बाराबंकी: आरटीआई के तहत वादी द्वारा मांगी गई सूचना न देने वाले लापरवाह जनसूचना अधिकारियों को भविष्य में जेल भी जाना पड़ सकता है. राज्य सूचना आयोग ऐसे लापरवाह अधिकारियों को सजा दिए जाने के प्रावधान बनाए जाने की कोशिशों में लगा है. आयोग का मानना है कि जुर्माना लगाए जाने के बाद भी अधिकारी लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे क्योंकि इनसे न तो आसानी से जुर्माना वसूल हो पाता है और न ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो पाती है.
- सूचना देने में लापरवाही बरतने वाले अधिकरियों पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.
- अधिकारियों के वेतन से इस जुर्माने को काटने के निर्देश दिए जाते हैं.
- जुर्माना लगाए जाने के बाद भी लापरवाह अधिकारी अपनी आदतों में सुधार नहीं कर रहे.
- जुर्माना न देने पर विभागीय कार्रवाई के भी प्रवधान हैं.
- इसमें भी हीलाहवाली होती है.
- जुर्माना लगाए जाने के बाद भी अधिकारियों में खौफ नहीं रहता.
- राज्य सूचना आयोग अब इन लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सजा का प्रावधान बनाए जाने की कोशिशों में लगा है .
- राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती का कहना है कि आयोग इसके लिए प्रयासरत है.
सजा के प्रावधान के लिए एक्ट में संशोधन करना होगा, जिसके लिए संवैधानिक प्रक्रिया है. अगर एक्ट में संशोधन कर सजा का प्रावधान हो गया तो निश्चय ही आरटीआई आमजनमानस के लिए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार होगा.