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बाराबंकी: स्टेडियम बंद होने से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मिली मदद

यूपी के बाराबंकी जिले में केडी सिंह बाबू स्टेडियम लॉकडाउन की वजह से बंद है, जिसके चलते खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है. वहीं स्टेडियम बंद होने की वजह से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिली है.

लॉकडाउन के चलते स्टेडियम भी बंद
लॉकडाउन के चलते स्टेडियम भी बंद
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Published : May 15, 2020, 3:15 PM IST

बाराबंकी: कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन में जिले की सारी खेल गतिविधियां बंद हो गई हैं. खिलाड़ियों को कोचिंग न मिल पाने से खासा नुकसान हो रहा है, लेकिन स्टेडियम बंद होने से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में खासी मदद मिली है.

स्टेडियम में 9 खेलों की होती है कोचिंग
हमेशा खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों से गुलजार रहने वाला केडी सिंह बाबू स्टेडियम इन दिनों वीरान है. लॉकडाउन के चलते यहां की सारी गतिविधियां बंद हैं. इस स्टेडियम में 9 खेलों की कोचिंग होती थी. क्रिकेट, हॉकी, वॉलीबाल, फुटबॉल, हैंडबॉल, ताइक्वांडो, जूडो और एथलेटिक्स की कोचिंग चलती थी, जिसमें रोजाना करीब चार सौ खिलाड़ी हिस्सा लेते थे.

लॉकडाउन के चलते स्टेडियम में भी लगा ताला
लॉकडाउन के बाद से स्टेडियम में ताला बंद है. सारे कोचिंग कैम्प बंद चल रहे हैं. हर खेल स्किल और फिटनेस पर निर्भर है. फिटनेस खराब होने से खेलों में आगे नहीं बढ़ा जा सकता. फिटनेस के लिए रोजाना प्रैक्टिस जरूरी है, लेकिन इन दिनों सब बंद है.

जान है तो जहान है...
जिला क्रीड़ाधिकारी राजेश सोनकर ने कहा कि नुकसान भले ही हो रहा हो, लेकिन 'जान है तो जहान है'. फिटनेस तो आगे बनाई जा सकती है. तमाम सारी गतिविधियों के बंद होने से खिलाड़ियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन स्टेडियम बंद करके उन्होंने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद की. क्योंकि इसमें सोशल डिस्टेंसिंग बना पाना मुश्किल काम था.

बाराबंकी: कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन में जिले की सारी खेल गतिविधियां बंद हो गई हैं. खिलाड़ियों को कोचिंग न मिल पाने से खासा नुकसान हो रहा है, लेकिन स्टेडियम बंद होने से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में खासी मदद मिली है.

स्टेडियम में 9 खेलों की होती है कोचिंग
हमेशा खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों से गुलजार रहने वाला केडी सिंह बाबू स्टेडियम इन दिनों वीरान है. लॉकडाउन के चलते यहां की सारी गतिविधियां बंद हैं. इस स्टेडियम में 9 खेलों की कोचिंग होती थी. क्रिकेट, हॉकी, वॉलीबाल, फुटबॉल, हैंडबॉल, ताइक्वांडो, जूडो और एथलेटिक्स की कोचिंग चलती थी, जिसमें रोजाना करीब चार सौ खिलाड़ी हिस्सा लेते थे.

लॉकडाउन के चलते स्टेडियम में भी लगा ताला
लॉकडाउन के बाद से स्टेडियम में ताला बंद है. सारे कोचिंग कैम्प बंद चल रहे हैं. हर खेल स्किल और फिटनेस पर निर्भर है. फिटनेस खराब होने से खेलों में आगे नहीं बढ़ा जा सकता. फिटनेस के लिए रोजाना प्रैक्टिस जरूरी है, लेकिन इन दिनों सब बंद है.

जान है तो जहान है...
जिला क्रीड़ाधिकारी राजेश सोनकर ने कहा कि नुकसान भले ही हो रहा हो, लेकिन 'जान है तो जहान है'. फिटनेस तो आगे बनाई जा सकती है. तमाम सारी गतिविधियों के बंद होने से खिलाड़ियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन स्टेडियम बंद करके उन्होंने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद की. क्योंकि इसमें सोशल डिस्टेंसिंग बना पाना मुश्किल काम था.

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