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बाराबंकी: गुलाब देकर वकीलों ने की आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील - barabanki khabar

उत्तर प्रदेश के जिला बाराबंकी में अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को CAA के खिलाफ प्रदर्शन को हिंसक नहीं बनने की अपील की. उन्होंने गुलाब के फूल बांटकर शांति बनाए रखने की अपील की.

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गुलाब देकर बाराबंकी के वकीलों ने की भाईचारा रखने की अपील
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Published : Dec 20, 2019, 8:00 PM IST

बाराबंकी : देशभर में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. ऐसी स्थिति में बाराबंकी के वकीलों ने कचहरी परिसर में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल दी. हिंदू-मुस्लिम वकीलों ने कचहरी में गुलाब देकर लोगों से आपसी भाईचारा बनाने की अपील की. वकीलों ने शांति और सौहार्द का संदेश दिया, वकीलों ने बताया कि किसी भी समस्या का हल हिंसा नहीं हो सकता.

गुलाब देकर बाराबंकी के वकीलों ने की भाईचारा रखने की अपील

​​​​​​वकीलों ने दिया शांति का संदेश ​

  • वकीलों ने कचहरी पहुंचे लोगों को गुलाब का फूल देकर घृणा के बदले प्रेम का संदेश देने का काम किया.
  • वकीलों ने लोगों को गुलाब देकर राष्ट्रीय एकता एवं आपसी भाईचारे का संदेश भी दिया.
  • वकीलों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
  • लोगों को अफवाहों से बचने का भी संदेश दिया.

ये भी पढ़ें: बाराबंकी: बहुजन क्रांति मोर्चा ने किया CAA का विरोध, कहा- कानून वापस ले सरकार

कुछ दिनों से हम लोग देख रहे हैं कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध और समर्थन में लोग अपनी राजनीति कर रहे है. जनता को गुमराह किया जा रहा है. इससे जनता का ही नुकसान होना है. हमें अपने रिश्तों की अहमियत को समझना चाहिए और शांति बनाए रखना चाहिए. बाराबंकी के वकीलों ने किसी भी प्रकार की हिंसा की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है. हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है.

-हिसाल बारी किदवई , अधिवक्ता

बाराबंकी : देशभर में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. ऐसी स्थिति में बाराबंकी के वकीलों ने कचहरी परिसर में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल दी. हिंदू-मुस्लिम वकीलों ने कचहरी में गुलाब देकर लोगों से आपसी भाईचारा बनाने की अपील की. वकीलों ने शांति और सौहार्द का संदेश दिया, वकीलों ने बताया कि किसी भी समस्या का हल हिंसा नहीं हो सकता.

गुलाब देकर बाराबंकी के वकीलों ने की भाईचारा रखने की अपील

​​​​​​वकीलों ने दिया शांति का संदेश ​

  • वकीलों ने कचहरी पहुंचे लोगों को गुलाब का फूल देकर घृणा के बदले प्रेम का संदेश देने का काम किया.
  • वकीलों ने लोगों को गुलाब देकर राष्ट्रीय एकता एवं आपसी भाईचारे का संदेश भी दिया.
  • वकीलों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
  • लोगों को अफवाहों से बचने का भी संदेश दिया.

ये भी पढ़ें: बाराबंकी: बहुजन क्रांति मोर्चा ने किया CAA का विरोध, कहा- कानून वापस ले सरकार

कुछ दिनों से हम लोग देख रहे हैं कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध और समर्थन में लोग अपनी राजनीति कर रहे है. जनता को गुमराह किया जा रहा है. इससे जनता का ही नुकसान होना है. हमें अपने रिश्तों की अहमियत को समझना चाहिए और शांति बनाए रखना चाहिए. बाराबंकी के वकीलों ने किसी भी प्रकार की हिंसा की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है. हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है.

-हिसाल बारी किदवई , अधिवक्ता

Intro:बाराबंकी , 20 दिसंबर। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, बाराबंकी के मुस्लिम और हिंदू वकीलों ने की अनोखी पहल. कचहरी में गुलाब देकर लोगों से की आपसी भाईचारा बनाने की अपील. नागरिकता कानून के विरोध में देश के तमाम जगहों पर आगजनी और हिंसक प्रदर्शन से अलग, यहां बाराबंकी में शांति और सौहार्द का संदेश दिया जा रहा है. इसकी पहल अधिवक्ता हिसाल बारी किदवई आपसी संबंधों की मधुरता बनाए रखने के लिए की है. कचहरी को ही उन्होंने सांकेतिक रूप से जिला माना है ,क्योंकि यहां जिले के हर कोने से लोग आते हैं. वकीलों ने बताया कि किसी भी समस्या का हल हिंसा नहीं हो सकता.


Body:एक तरफ जहां नागरिकता कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन और आगे नहीं हो रही है तो , दूसरी तरफ प्रदर्शन दिन प्रतिदिन ज्यादा हिंसक होते जा रहे हैं.
लेकिन इसी बीच बाराबंकी के वकीलों ने कचहरी में आए लोगों को गुलाब का फूल देकर घृणा के बदले प्रेम का संदेश देने का काम किया.
वकीलों ने लोगों के हाथों में गुलाब का फूल लेकर राष्ट्रीय एकता, अखंडता, संविधान की रक्षा, मां - बहन और बेटी की सुरक्षा एवं आपसी भाईचारे का संदेश भी दिया.
उन्होंने कहा कि कोई भी कानून इंसानियत से बड़ा नहीं हो सकता. इसलिए इंसानियत के नाते शांति बनाए रखें ,और देश की संसद ने जो कानून पास किया है ,उसको पहले समझे. बिना समझे किसी भी प्रकार की हिंसा ना करें.
वकील गुलाब का फूल देने के साथ यह आग्रह भी कर रहे हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए , लेकिन हम आपसी संबंधों की मधुरता को बनाए रखें.
यह सराहनीय पहल कर रहे अधिवक्ता हिसाल बारी किदवई ने कहा कि, कुछ दिनों से हम लोग देख रहे हैं कि , नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध और समर्थन में लोग अपनी राजनीति कर रहे हैं,जिसके चक्कर में जनता फस गई है . जिससे जनता का ही नुकसान होना है. इसलिए हमें अपने रिश्तो की अहमियत को समझना चाहिए ,और शांति व्यवस्था स्थापित करके रहना चाहिए.
बाराबंकी के वकीलों ने किसी भी प्रकार की हिंसा की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है ,और कहा है कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है . इसलिए कानून को समझने की जरूरत है ना कि हिंसा करने की.


Conclusion:byte -

1- अनूप कुमार कल्याणी ,अधिवक्ता ,बाराबंकी

2- सुरेश चंद्र शुक्ला, अधिवक्ता ,बाराबंकी

3- देवांशु प्रताप सिंह ,अधिवक्ता ,बाराबंकी

4- रूबी सिंह, अधिवक्ता ,बाराबंकी

5- सुमन चौहान ,अधिवक्ता , बाराबंकी

6- हिसाल बारी किदवई (अनूठी पहल करने वाले ,अधिवक्ता ), बाराबंकी



रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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