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इन बातों का रखें ध्यान तो नहीं होंगे साइबर क्राइम का शिकार : एसपी बाराबंकी

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Published : Jan 22, 2020, 8:32 PM IST

प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध को लेकर पुलिस विभाग सतर्क है. बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने साइबर क्राइम को लेकर ईटीवी भारत से विस्तृत चर्चा की. उन्होंने बताया कि साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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जानकारी देते पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी

बाराबंकी: पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने साइबर क्राइम पर विशेष चर्चा की. बातचीत में उन्होंने बताया कि हम साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम कितनी तरह का होता है और इससे किस तरह से बचा जा सकता है.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी
उन्होंने बताया कि हर गांव में S- 10 नाम से वॉलिंटियर बनाए गए हैं. डिजिटल वालंटियर भी बनाए गए हैं, जिससे ऐसी घटनाओं पर नजर रखी जा सके. उन्होंने कहा कि अगर दुर्भाग्य से किसी के साथ घटना होती है तो, वह 24 घंटे के भीतर पुलिस को सूचना दे, जिससे उनके साथ होने वाली घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जा सके.तीन प्रकार के होते हैं साइबर अपराध 1- संस्थानों के खिलाफ साइबर अपराध2- व्यक्तिगत साइबर अपराध3- फाइनेंसियल साइबर अपराध ऐसे करें बचाव
1- साइबर सुरक्षा मानकों का ध्यान रखें.
2- सोशल मीडिया पर जिन्हें जानते हों उन्हीं को जोड़ें .
3- निजी फोटो, जानकारी और आवागमन की स्थिति साझा न करें.
4- वित्तीय जानकारी किसी से साझा न करें.
5- ओटीपी, पासवर्ड किसी से शेयर न करें.
6- बैंकिंग व अन्य के लिए कठिन पासवर्ड रखें.
7- समय-समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहे.

बाराबंकी: पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने साइबर क्राइम पर विशेष चर्चा की. बातचीत में उन्होंने बताया कि हम साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम कितनी तरह का होता है और इससे किस तरह से बचा जा सकता है.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी
उन्होंने बताया कि हर गांव में S- 10 नाम से वॉलिंटियर बनाए गए हैं. डिजिटल वालंटियर भी बनाए गए हैं, जिससे ऐसी घटनाओं पर नजर रखी जा सके. उन्होंने कहा कि अगर दुर्भाग्य से किसी के साथ घटना होती है तो, वह 24 घंटे के भीतर पुलिस को सूचना दे, जिससे उनके साथ होने वाली घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जा सके.तीन प्रकार के होते हैं साइबर अपराध 1- संस्थानों के खिलाफ साइबर अपराध2- व्यक्तिगत साइबर अपराध3- फाइनेंसियल साइबर अपराध ऐसे करें बचाव
1- साइबर सुरक्षा मानकों का ध्यान रखें.
2- सोशल मीडिया पर जिन्हें जानते हों उन्हीं को जोड़ें .
3- निजी फोटो, जानकारी और आवागमन की स्थिति साझा न करें.
4- वित्तीय जानकारी किसी से साझा न करें.
5- ओटीपी, पासवर्ड किसी से शेयर न करें.
6- बैंकिंग व अन्य के लिए कठिन पासवर्ड रखें.
7- समय-समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहे.
Intro: बाराबंकी, 22 जनवरी। ईटीवी भारत से नव आगंतुक पुलिस अधीक्षक ने की खास बातचीत , बढ़ रहे साइबर क्राइम पर की विशेष चर्चा , - कहा तीन प्रकार के साइबर क्राइम होते हैं . जिसमें सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं के प्रति होने वाले साइबर अपराध, व्यक्तिगत लोगों के खिलाफ होने वाला साइबर क्राइम, और फाइनेंसियल साइबर क्राइम.
जिसमें से व्यक्तिगत साइबर क्राइम के भी होते हैं - 3 प्रकार. जिसने पहला उलझन पैदा करने वाली शरारतें, दूसरा चरित्र हनन, तीसरा वित्तीय धोखाधड़ी. साइबर क्राइम एक प्रकार का हिप्नोटिज्म है, यह 10 सेकंड से लेकर 10 घंटे, 10 दिन या उससे ज्यादा भी रह सकता है.
हम साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं हर गांव में S- 10 नाम से वॉलिंटियर बनाए गए हैं. डिजिटल वालंटियर भी बनाए गए हैं . जिससे ऐसी घटनाओं पर नजर रखी जा सके. दुर्भाग्य से यदि किसी के साथ घटनाएं होती हैं तो, वह तत्काल 24 घंटे के भीतर पुलिस को सूचना देंगे तो, उनके साथ होने वाली घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई में मदद मिलेगी.


Body:साइबर अपराध पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बाराबंकी के पुलिस कप्तान डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी ने कहा कि-
साइबर अपराध एक प्रकार का हिप्नोटिज्म है , जो 10 सेकंड, 10 घंटे , 10 दिन या इससे अधिक दिन के लिए भी किसी को अपने आगोश में रख सकता है. एक मानसिक स्थिति होती है जो किसी साइबर अपराधी द्वारा की जाती है.

तीन प्रकार के साइबर अपराध संज्ञान में आते हैं

1- सरकारी एजेंसियों के खिलाफ साइबर अपराध
2- प्राइवेट संस्थाओं के खिलाफ साइबर अपराध
3- व्यक्तिगत साइबर अपराध

व्यक्तिगत साइबर अपराध तीन प्रकार के होते-

1- व्यक्तिगत रूप से उलझन पैदा करने वाली शरारतें.
2- चरित्र हनन ( किसी महिला का , किसी संस्था का ,या किसी भी व्यक्ति का )
3- वित्तीय धोखाधड़ी.

इससे बचाव कैसे करें-

1- सुरक्षा मानकों का ध्यान रखें
2-सोशल मीडिया पर हर आदमी से ना जोड़ें, केवल जिन्हें जानते हैं उसी व्यक्ति को जोड़ें .
3-व्यक्तिगत फोटोग्राफ, आवागमन की स्थिति, और व्यक्तिगत जानकारी साझा ना करें, इससे नुकसान हो सकता है.
4-वित्तीय जानकारी साझा ना करें.
5-ओटीपी , पासवर्ड किसी से शेयर ना करें
6-कठिन पासवर्ड रखें
7-लगातार समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहे.

इसके बाद भी यदि दुर्भाग्यवश किसी के साथ इस प्रकार की घटना घटित हो रही है तो , वह 24 घंटे के भीतर पुलिस को इसकी जानकारी दें. क्योंकि वित्तीय अनियमितता के मामले में 24 घंटे के भीतर सूचना मिलने पर , जिन प्लेटफार्म पर यह पैसा शेयर हुआ है ,उनको होल्ड करवा कर वापस लिया जा सकता है.

नगर कोतवाली क्षेत्र में अभी 2 दिन पूर्व का एक मामला आया जिसमें एक महिला के 45000 रुपए, सही समय पर सूचना मिलने के कारण वापस हुए.

सोशल साइट पर महिला अपराधों पर , हम स्कूल - कॉलेज और समाज में जाकर अवेयर करेंगे, जिससे जो सीमाएं हैं उनका उल्लंघन लोग ना करें. नुकसान जिस प्रकार से पहुंचाया जा सकते हैं उनके तरीकों के बारे में लोगों को सावधान करेंगे. यदि फिर भी किसी प्रकार का अपराध किसी के साथ होता है तो , उसके बारे में तत्काल पुलिस को जरूर सूचित करें. जिससे अपराध करने वाले व्यक्ति को दंडित किया जा सके, जिससे एक संदेश जाए.


प्रत्येक गांव में हमारे पास डिजिटल वॉलिंटियर मौजूद है साथ ही साथ हर गांव में S10 नाम से हमारे सूचना प्रदाता भी उपलब्ध है उनके माध्यम से भी हम लोगों तक सूचनाएं पहुंचाएंगे जिससे लोग सावधान हो जाएं और सुरक्षित रह सके.




Conclusion:भ़धढदघ
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