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पिता की हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास और दस हजार जुर्माना - पिता की हत्या के आरोप बेटे को आजीवन कारावास

बाराबंकी की एक अदालत ने करीब साढ़े तीन साल पहले पिता की हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाया है. यह फैसला कोर्ट नम्बर चार के अपर जिला जज राम अवतार यादव ने दिया है.

आरोपी बेटे को उम्रकैद की सजा.
आरोपी बेटे को उम्रकैद की सजा.
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Published : Dec 2, 2020, 9:06 PM IST

बाराबंकीः वादी मुकदमा रामनगर थाना क्षेत्र के मोतीपुरवा मजरे लोहटी जई निवासी लल्लन यादव ने इस मामले की तहरीर दी थी कि 08 जून 2017 को उसके पिता छोटेलाल अपने बरामदे में सो रहे थे. तभी छोटेलाल के लड़के टीकाराम ने रात 4 बजे बांके से उनकी हत्या कर दी थी. तभी से टीकाराम जेल में निरुद्ध चल रहा था.

क्या थी हत्या की वजह
टीकाराम आपराधिक प्रवृत्ति का था. टीकाराम अपने पिता से अपने हिस्से की जमीन की मांग कर रहा था. अभियुक्त की पत्नी आशा भी अभियुक्त की हरकतों से अलग हो गई थी और मृतक छोटेलाल के साथ ही रहती थी. इन सबको लेकर टीकाराम अपने पिता छोटेलाल से रंजिश रखता था. जिसको लेकर उसने अपने पिता की हत्या कर डाली.

अभियुक्त की पत्नी और भाई ने दी गवाही
इस मामले में टीकाराम के विरुद्ध उसकी पत्नी आशा और अभियुक्त के भाई ने गवाही दी. मामले में अभियोजन के सरकारी वकील मथुरा प्रसाद वर्मा ने बड़ी मजबूती से अपना पक्ष रखा. बचाव पक्ष और अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और बहस सुनने के बाद न्यायालय ने मामले में आरोपी टीकाराम को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार दिया. इस मामले की सुनवाई कर रहे अपर जिला जज राम अवतार यादव ने अभियुक्त टीकाराम को उम्रकैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

बाराबंकीः वादी मुकदमा रामनगर थाना क्षेत्र के मोतीपुरवा मजरे लोहटी जई निवासी लल्लन यादव ने इस मामले की तहरीर दी थी कि 08 जून 2017 को उसके पिता छोटेलाल अपने बरामदे में सो रहे थे. तभी छोटेलाल के लड़के टीकाराम ने रात 4 बजे बांके से उनकी हत्या कर दी थी. तभी से टीकाराम जेल में निरुद्ध चल रहा था.

क्या थी हत्या की वजह
टीकाराम आपराधिक प्रवृत्ति का था. टीकाराम अपने पिता से अपने हिस्से की जमीन की मांग कर रहा था. अभियुक्त की पत्नी आशा भी अभियुक्त की हरकतों से अलग हो गई थी और मृतक छोटेलाल के साथ ही रहती थी. इन सबको लेकर टीकाराम अपने पिता छोटेलाल से रंजिश रखता था. जिसको लेकर उसने अपने पिता की हत्या कर डाली.

अभियुक्त की पत्नी और भाई ने दी गवाही
इस मामले में टीकाराम के विरुद्ध उसकी पत्नी आशा और अभियुक्त के भाई ने गवाही दी. मामले में अभियोजन के सरकारी वकील मथुरा प्रसाद वर्मा ने बड़ी मजबूती से अपना पक्ष रखा. बचाव पक्ष और अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और बहस सुनने के बाद न्यायालय ने मामले में आरोपी टीकाराम को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार दिया. इस मामले की सुनवाई कर रहे अपर जिला जज राम अवतार यादव ने अभियुक्त टीकाराम को उम्रकैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

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