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6 साल की बच्ची के साथ 14 साल के युवक ने किया दुष्कर्म

घर के बाहर खेलते समय अभियुक्त ने उसे पैसे देकर दुकान से सामान लाने के लिए भेजा. जब वह सामान लेकर उसके घर पहुंची तो अभियुक्त ने कमरा बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया.

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Published : Feb 16, 2019, 5:57 PM IST

ग्राम प्रधान ने बनाया मुकदमा न करने का दबाव

बाराबंकी : जिले में बीती दो फरवरी को एक छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. इस मामले में आरोपी गांव का रहने वाला एक 14 साल का युवक है. सूचना मिलने पर जिले के एडिशनल एसपी ने थाने पर पहुंचकर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

ग्राम प्रधान ने मामले को दबाने का प्रयास किया.
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बता दें कि घूंघटेर थाना क्षेत्र में बीती दो फरवरी को छह साल की बच्ची अचानक गायब हो गई. उसकी मां ने काफी खोजबीन की तो वह पड़ोसी के घर पर मिली. उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था और वह दर्द से कराह रही थी. मां के पूछने पर बच्ची ने सारी आपबीती कह सुनाई. उसने बताया कि घर के बाहर खेलते समय अभियुक्त ने उसे पैसे देकर दुकान से तेल लाने के लिए भेजा. जब वह तेल लेकर उसके घर पहुंची तो अभियुक्त ने कमरा बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया.

पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि इस घटना के तुरंत बाद वे लोग पुलिस में रिपोर्ट करने जा रहे थे. तभी गांव के ग्राम प्रधान और अभियुक्त के घरवालों ने उन्हें ऐसा न करने का दबाव बनाया. साथ ही कुछ दिन बीत जाने के बाद आरोपी के परिवार वाले उन्हें धमकी भी देने लगे कि अगर किसी से कुछ कहा तो ठीक नहीं होगा. इसके कारण मुकदमा दर्ज कराने में देरी हो गई. बच्ची के पिता लखनऊ में रहकर मजदूरी करते हैं और बच्ची अपनी मां के साथ गांव में रहती है.

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सूचना मिलने पर जिले के एडिशनल एसपी दिगंबर कुशवाहा स्वयं घूंघटेर थाना पहुंचे और इस मामले में मुकदमा दर्ज करके जांच के आदेश दे दिए. साथ ही इस मामले की जांच फतेहपुर क्षेत्र के सर्किल अफसर अरविंद कुमार वर्मा को सौंप दी. इसके बाद मौके पर ही आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.

बाराबंकी : जिले में बीती दो फरवरी को एक छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. इस मामले में आरोपी गांव का रहने वाला एक 14 साल का युवक है. सूचना मिलने पर जिले के एडिशनल एसपी ने थाने पर पहुंचकर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

ग्राम प्रधान ने मामले को दबाने का प्रयास किया.
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बता दें कि घूंघटेर थाना क्षेत्र में बीती दो फरवरी को छह साल की बच्ची अचानक गायब हो गई. उसकी मां ने काफी खोजबीन की तो वह पड़ोसी के घर पर मिली. उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था और वह दर्द से कराह रही थी. मां के पूछने पर बच्ची ने सारी आपबीती कह सुनाई. उसने बताया कि घर के बाहर खेलते समय अभियुक्त ने उसे पैसे देकर दुकान से तेल लाने के लिए भेजा. जब वह तेल लेकर उसके घर पहुंची तो अभियुक्त ने कमरा बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया.

पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि इस घटना के तुरंत बाद वे लोग पुलिस में रिपोर्ट करने जा रहे थे. तभी गांव के ग्राम प्रधान और अभियुक्त के घरवालों ने उन्हें ऐसा न करने का दबाव बनाया. साथ ही कुछ दिन बीत जाने के बाद आरोपी के परिवार वाले उन्हें धमकी भी देने लगे कि अगर किसी से कुछ कहा तो ठीक नहीं होगा. इसके कारण मुकदमा दर्ज कराने में देरी हो गई. बच्ची के पिता लखनऊ में रहकर मजदूरी करते हैं और बच्ची अपनी मां के साथ गांव में रहती है.

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सूचना मिलने पर जिले के एडिशनल एसपी दिगंबर कुशवाहा स्वयं घूंघटेर थाना पहुंचे और इस मामले में मुकदमा दर्ज करके जांच के आदेश दे दिए. साथ ही इस मामले की जांच फतेहपुर क्षेत्र के सर्किल अफसर अरविंद कुमार वर्मा को सौंप दी. इसके बाद मौके पर ही आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.

Intro:बाराबंकी जिले के घुंघटेर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक मामला प्रकाश में आया जिसमें 2 फरवरी 2019 को 6 साल की बच्ची का रेप एक 14 साल के बालक ने कर दिया।
बच्ची का रेप जब हुआ उसके बाद परिजनों ने तुरंत मामला दर्ज नहीं करवाया इसके पीछे गांव के ग्राम प्रधान द्वारा और बालक के परिजनों के द्वारा पीड़ित परिवार के ऊपर दबाव बनाया जाना बताया जा रहा है फिलहाल पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है और इसकी जांच शुरू कर दी है।
सूचना प्राप्त होने पर जिले के एडिशनल एसपी दिगंबर कुशवाहा स्वयं घूंघट एयर थाना पहुंचे और इस मामले में मुकदमा दर्ज करके जांच के आदेश दे दिए और इस मामले की जांच फतेहपुर क्षेत्र के सर्किल अफसर अरविंद कुमार वर्मा को शॉप लिया और मौके पर आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।


Body: पीड़िता के परिजनों माता पिता का आरोप है कि यह घटना 2 फरवरी 2019 को जब घटित हुई उसी समय वह थाने जाने को तैयार थे लेकिन ग्राम प्रधान ने दबाव बनाया जिसके कारण वह थाने पर नहीं आए और पीड़ित पक्ष का यह भी आरोप है कि जब थोड़े दिन बीत गए तो बीच-बीच में अभियुक्त के परिवार के लोग पीड़िता के माता-पिता और उसके परिजनों को धमकी भी दे रहे थे कि अगर कहीं कुछ कहा तो ठीक नहीं होगा जिसके कारण मुकदमा दर्ज करवाने के लिए थाने तक पहुंचने में पीड़िता के परिजनों को देरी हुई।
6 वर्ष की बच्ची जिसके साथ यह घटना हुई उसके पिता लखनऊ में मजदूरी का काम करते हैं और पत्नी यह गांव मे रहती है, बलात्कार के इस मामले में 14 वर्ष के अभियुक्त बालक का घर भी वही बिल्कुल आस पास में है और पीड़िता और उसका परिवार पड़ोसी है,
पीड़िता की मां के बयान के अनुसार जब पीड़िता घर के बाहर खेल रही थी उसी समय 14 वर्षीय अभियुक्त वहां पर आया और उसने पीड़िता को पैसे देकर उसे पास की दुकान से तेल लाने को कहा और जब वह तेल लेने के के बाद अभियुक्त के घर उसे देने पहुंची तो अभियुक्त ने कमरा बंद करके उसके साथ बलात्कार किया,
पीड़िता की मां अपनी बच्ची को ढूंढने लगी तो वह मिल नहीं रही थी लेकिन जब थोड़ी देर और खोजा तो पड़ोस में ही रहने वाले अभियुक्त की बहन ने बताया कि वह कमरे में है और उसके अंतः वस्त्र बिखरे पड़े थे और वह बिल्कुल नंगी थी जिस पर पीड़ित बच्चे की मां ने जब बच्ची से पूछा तो उसने आपबीती सुनाई।


Conclusion: यह घटना जिसमें पीड़िता और अभियुक्त दोनों नाबालिग है लेकिन इस घटना से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि जब कोई घटना घटित होती है तो पहले उसे दबाव बनाकर वही समाप्त करने की कोशिश की जाती है बजाय इसके कि दोषी को सजा मिले और ऐसा काम कोई और नहीं बल्कि गांव के ग्राम प्रधान और बड़े माने जाने वाले लोगों के द्वारा ऐसा किया जाता है जो किसी भी प्रकार से सही नहीं है क्योंकि यदि घटना हुई है तो उस घटना को एक सिख माननी चाहिए और आगे आने वाले समय में ऐसी घटना ना हो उसके लिए प्रयत्न करना चाहिए और ऐसा तभी संभव हो सकता है जब अभियुक्त को सजा मिले क्योंकि जब अभियुक्त को सजा नहीं मिलती है ऐसी दशा में वह दोबारा से इस प्रकार की घटना करने के लिए प्रेरित हो जाता है इसलिए ऐसी घटनाओं को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और इसकी सूचना तत्काल पुलिस को देनी ही चाहिए जिससे दोषी को सजा मिल सके।
हम अक्सर अपराध के खिलाफ भय से या अपनी इज्जत खराब होने के डर से पुलिस के पास नहीं जाते हैं और अपराधी को अपराध करने का प्रश्रय इस बात से मिलता ही रहता है इसलिए यदि हमारे आसपास अथवा समाज में इस प्रकार की कोई घटना घटित होती है तो हमें सबसे पहले इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए ना कि इसे दबाने का प्रयास करना चाहिए और इस मामले में जैसा कि ग्राम प्रधान ने किया है वह वास्तव में जनप्रतिनिधि की भूमिका का दुरुपयोग माना जा सकता है जिसमें पीड़ित पक्ष को दबाव में लिया जा रहा है।

बाईट -

पीड़िता की मां
पीड़िता के पिता
एडिशनल एसपी बाराबंकी - दिगंबर कुशवाहा
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