बाराबंकी: हर वर्ष बैसाखी के मौके पर गुलजार रहने वाले बाराबंकी के गुरुद्वारे में इस बार सन्नाटा पसरा रहा. कोरोना संकट के चलते इस बार न तो यहां भजन कीर्तन हुआ और न ही लंगर का आयोजन किया गया.
खालसा पंथ की स्थापना दिवस के मौके पर हर वर्ष बैसाखी के दिन बाराबंकी का गुरुद्वारा काफी गुलजार रहता था. सिख समुदाय के हजारों लोग यहां आकर शीश नवाते थे और अरदास में शामिल होते थे. यही नहीं सुबह से दिन भर यहां लंगर चलता था, जिसमें जिले के विभिन्न धर्मों के लोग भी शामिल होते थे. लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते कुछ भी नहीं हुआ.
लोगों ने घरों में की अरदास
गुरुद्वारा के ग्रन्थी समेत तमाम जिम्मेदारों लोगों ने सिख समुदाय के लोगों से अपील कर रखी थी कि लोग अपने-अपने घरों में रहकर लॉकडाउन का पाालन करते हुए अरदास और पूजा पाठ करें. साथ ही इस महामारी के खत्म होने की प्रार्थना करें.