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किशोर के साथ अप्राकृतिक दुराचार के दोषी को 14 साल की कैद - पॉक्सो ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज

शुक्रवार को किशोर के साथ अप्राकृतिक दुराचार के मामले में बाराबंकी अदालत ने आरोपी को 14 वर्ष और 22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. साथ ही अदालत ने आदेश दिया कि पीड़ित को क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख रुपये दिए जाएं.

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किशोर के साथ अप्राकृतिक दुराचार
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Published : Nov 12, 2022, 8:51 AM IST

बाराबंकी: एक किशोर के साथ अप्राकृतिक दुराचार और मारपीट के मामले में यूपी के बाराबंकी की एक अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया. अदालत ने शुक्रवार को आरोपी को 14 वर्ष के कठोर कारावास और 22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश राजीव महेश्वरम ने सुनाया. खास बात ये कि अभियुक्त ने जुर्माने की रकम 22 हजार रुपये अदा की है. यह रकम पीड़ित को दी जाएगी. इसके अलावा अदालत ने ये भी आदेश दिया है कि पीड़ित को क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख रुपये दिये जाएं. इसके अनुपालन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को आदेश की प्रति भेजी की जाए.

फौजदारी के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता योगेंद्र सिंह और अनूप मिश्रा के अनुसार वादी ने 17 फरवरी 2016 को हैदरगढ़ कोतवाली में अभियुक्त अरविंद कुमार पुत्र राहू रावत के विरुद्ध लिखित तहरीर दी थी कि उसने वादी के पुत्र के साथ अप्राकृतिक कार्य किया है और उसके साथ मारपीट की. पुलिस ने अभियुक्त अरविंद कुमार के विरुद्ध 377,323,307,325 आईपीसी और 4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद अभियुक्त अरविंद के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट फाइल की.

इसे भी पढ़े-शामली के कुख्यात बदमाश आकाश जाट को 3 साल की कारावास

इस मामले में अभियोजन ने पैरवी करके ठोस गवाह प्रस्तुत किए. अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश विशेष, न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर 44, राजीव महेश्वरम ने अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने आरोपी अरविंद कुमार को दोषी पाते हुए 14 वर्ष के कठोर कारावास और 22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी. कोर्ट ने आदेश दिया है कि, जुर्माने की रकम पीड़ित को दी जाएगी.

इसके अलावा कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि, पीड़ित को एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति दिया जाना उपयुक्त होगा. कोर्ट ने इस आदेश के अनुपालन के लिए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाराबंकी को निर्णय की प्रति प्रेषित करने का आदेश किया है. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण यह सुनिश्चित करते हुए कि पीड़ित को पूर्व में कोई मुआवजा प्रदान किया गया है या नहीं. यदि ऐसी कोई धनराशि प्राप्त कराई गई है. तो, उसे समायोजित करते हुए पीड़ित को पुनर्वासन इत्यादि हेतु उपयुक्त धनराशि प्रदान की जाए.

यह भी पढ़े-उन्नाव में खून से लथपथ मिले युवती के शव का पोस्टमार्टम, परिजनों का हंगामा

बाराबंकी: एक किशोर के साथ अप्राकृतिक दुराचार और मारपीट के मामले में यूपी के बाराबंकी की एक अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया. अदालत ने शुक्रवार को आरोपी को 14 वर्ष के कठोर कारावास और 22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश राजीव महेश्वरम ने सुनाया. खास बात ये कि अभियुक्त ने जुर्माने की रकम 22 हजार रुपये अदा की है. यह रकम पीड़ित को दी जाएगी. इसके अलावा अदालत ने ये भी आदेश दिया है कि पीड़ित को क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख रुपये दिये जाएं. इसके अनुपालन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को आदेश की प्रति भेजी की जाए.

फौजदारी के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता योगेंद्र सिंह और अनूप मिश्रा के अनुसार वादी ने 17 फरवरी 2016 को हैदरगढ़ कोतवाली में अभियुक्त अरविंद कुमार पुत्र राहू रावत के विरुद्ध लिखित तहरीर दी थी कि उसने वादी के पुत्र के साथ अप्राकृतिक कार्य किया है और उसके साथ मारपीट की. पुलिस ने अभियुक्त अरविंद कुमार के विरुद्ध 377,323,307,325 आईपीसी और 4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद अभियुक्त अरविंद के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट फाइल की.

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इस मामले में अभियोजन ने पैरवी करके ठोस गवाह प्रस्तुत किए. अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश विशेष, न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर 44, राजीव महेश्वरम ने अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने आरोपी अरविंद कुमार को दोषी पाते हुए 14 वर्ष के कठोर कारावास और 22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी. कोर्ट ने आदेश दिया है कि, जुर्माने की रकम पीड़ित को दी जाएगी.

इसके अलावा कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि, पीड़ित को एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति दिया जाना उपयुक्त होगा. कोर्ट ने इस आदेश के अनुपालन के लिए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाराबंकी को निर्णय की प्रति प्रेषित करने का आदेश किया है. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण यह सुनिश्चित करते हुए कि पीड़ित को पूर्व में कोई मुआवजा प्रदान किया गया है या नहीं. यदि ऐसी कोई धनराशि प्राप्त कराई गई है. तो, उसे समायोजित करते हुए पीड़ित को पुनर्वासन इत्यादि हेतु उपयुक्त धनराशि प्रदान की जाए.

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