बाराबंकी: राजकीय इंटर कॉलेज के एक लिपिक ने बच्चों की फीस बैंक में जमा करने की बजाए खुद हड़प ली है. 3 वर्षों से लिपिक यह गोलमाल करता आ रहा है. इसकी किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई है.
बच्चों की फीस में गोलमाल-
वर्तमान प्रिंसिपल ने जब पड़ताल शुरू की तो ये खुलासा हुआ है. इस मामले में तत्कालीन प्रिंसिपल की मिलीभगत सामने आई है. फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक ने वर्तमान प्रिंसिपल को दोषी और तत्कालीन प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है. जीआइसी में गोलमाल की शिकायत पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने जांच करवाई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ.बीते 3 वर्षों से घोटाले का यह खेल चल रहा था और किसी को भनक तक नहीं लगी.
लाखों रुपये का घोटाला-
वर्ष 2016-17 में अध्यापकों ने बच्चों से 4 लाख 30 हजार 482 रुपये फीस वसूला था. वर्ष 2017-18 में 4 लाख 27 हजार 803 रुपये फीस ली गई थी. इसी तरह वर्ष 2018-19 में बच्चों से 4 लाख 21 हजार 70 रुपये फीस ली गई थी. अध्यापकों ने यह फीस वरिष्ठ लिपिक पंकज श्रीवास्तव के पास जमा की गई थी. इस वर्ष अप्रैल और मई की फीस 01 लाख 12हजार 138 रुपये भी शिक्षकों द्वारा लिपिक को प्राप्त कराई गई. आरोपी लिपिक ने करीब साढ़े सात लाख रुपये बैंक और ट्रेजरी में जमा ही नहीं किये गए. फीस को बैंक और ट्रेजरी में जमा करने की जानकारी प्रिंसिपल को रहती है. उस वक्त कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती साधना कुमार थी. जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी 38 राजकीय और 35 एडेड कॉलेजों के खातों का ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं.
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