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बाराबंकी: फीस के साढ़े सात लाख रुपये डकार गए जीआइसी के कर्मचारी

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में राजकीय इंटर कॉलेज में करीब साढ़े सात लाख रुपये के गबन का बड़ा मामला सामने आया है. शिक्षा के मंदिर में हुए इस भ्रष्टाचार ने सभी को हैरान कर दिया है.

राजकीय इंटर कॉलेज में बच्चों की फीस का गमन.
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Published : Sep 6, 2019, 10:27 AM IST

बाराबंकी: राजकीय इंटर कॉलेज के एक लिपिक ने बच्चों की फीस बैंक में जमा करने की बजाए खुद हड़प ली है. 3 वर्षों से लिपिक यह गोलमाल करता आ रहा है. इसकी किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई है.

राजकीय इंटर कॉलेज में बच्चों की फीस का गमन.

बच्चों की फीस में गोलमाल-

वर्तमान प्रिंसिपल ने जब पड़ताल शुरू की तो ये खुलासा हुआ है. इस मामले में तत्कालीन प्रिंसिपल की मिलीभगत सामने आई है. फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक ने वर्तमान प्रिंसिपल को दोषी और तत्कालीन प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है. जीआइसी में गोलमाल की शिकायत पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने जांच करवाई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ.बीते 3 वर्षों से घोटाले का यह खेल चल रहा था और किसी को भनक तक नहीं लगी.

लाखों रुपये का घोटाला-

वर्ष 2016-17 में अध्यापकों ने बच्चों से 4 लाख 30 हजार 482 रुपये फीस वसूला था. वर्ष 2017-18 में 4 लाख 27 हजार 803 रुपये फीस ली गई थी. इसी तरह वर्ष 2018-19 में बच्चों से 4 लाख 21 हजार 70 रुपये फीस ली गई थी. अध्यापकों ने यह फीस वरिष्ठ लिपिक पंकज श्रीवास्तव के पास जमा की गई थी. इस वर्ष अप्रैल और मई की फीस 01 लाख 12हजार 138 रुपये भी शिक्षकों द्वारा लिपिक को प्राप्त कराई गई. आरोपी लिपिक ने करीब साढ़े सात लाख रुपये बैंक और ट्रेजरी में जमा ही नहीं किये गए. फीस को बैंक और ट्रेजरी में जमा करने की जानकारी प्रिंसिपल को रहती है. उस वक्त कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती साधना कुमार थी. जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी 38 राजकीय और 35 एडेड कॉलेजों के खातों का ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं.

इसे भी पढ़ें-बाराबंकी: धरने पर बैठे किसान पर दबंगों ने किया जानलेवा हमला, हालत गंभीर

बाराबंकी: राजकीय इंटर कॉलेज के एक लिपिक ने बच्चों की फीस बैंक में जमा करने की बजाए खुद हड़प ली है. 3 वर्षों से लिपिक यह गोलमाल करता आ रहा है. इसकी किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई है.

राजकीय इंटर कॉलेज में बच्चों की फीस का गमन.

बच्चों की फीस में गोलमाल-

वर्तमान प्रिंसिपल ने जब पड़ताल शुरू की तो ये खुलासा हुआ है. इस मामले में तत्कालीन प्रिंसिपल की मिलीभगत सामने आई है. फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक ने वर्तमान प्रिंसिपल को दोषी और तत्कालीन प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है. जीआइसी में गोलमाल की शिकायत पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने जांच करवाई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ.बीते 3 वर्षों से घोटाले का यह खेल चल रहा था और किसी को भनक तक नहीं लगी.

लाखों रुपये का घोटाला-

वर्ष 2016-17 में अध्यापकों ने बच्चों से 4 लाख 30 हजार 482 रुपये फीस वसूला था. वर्ष 2017-18 में 4 लाख 27 हजार 803 रुपये फीस ली गई थी. इसी तरह वर्ष 2018-19 में बच्चों से 4 लाख 21 हजार 70 रुपये फीस ली गई थी. अध्यापकों ने यह फीस वरिष्ठ लिपिक पंकज श्रीवास्तव के पास जमा की गई थी. इस वर्ष अप्रैल और मई की फीस 01 लाख 12हजार 138 रुपये भी शिक्षकों द्वारा लिपिक को प्राप्त कराई गई. आरोपी लिपिक ने करीब साढ़े सात लाख रुपये बैंक और ट्रेजरी में जमा ही नहीं किये गए. फीस को बैंक और ट्रेजरी में जमा करने की जानकारी प्रिंसिपल को रहती है. उस वक्त कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती साधना कुमार थी. जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी 38 राजकीय और 35 एडेड कॉलेजों के खातों का ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं.

इसे भी पढ़ें-बाराबंकी: धरने पर बैठे किसान पर दबंगों ने किया जानलेवा हमला, हालत गंभीर

Intro:बाराबंकी , 06 सितंबर । बाराबंकी के राजकीय इंटर कॉलेज में करीब साढ़े सात लाख रुपये गबन का बड़ा मामला सामने आया है । यहां के एक लिपिक ने बच्चों की फीस बैंक में जमा करने की बजाए खुद हड़प ली । खास बात यह कि पिछले 3 वर्षों से लिपिक यह गोलमाल करता रहा और इसकी किसी को कानों कान खबर तक नही हुई । वर्तमान प्रिंसिपल ने जब पड़ताल शुरू की तो यह खुलासा हुआ । इस मामले में तत्कालीन प्रिंसिपल की मिलीभगत सामने आई है । फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक ने वर्तमान प्रिंसिपल को दोषी लिपिक और तत्कालीन प्रिंसिपल के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं । इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है ।


Body:वीओ - जीआइसी में गोलमाल की शिकायत पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने जांच करवाई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ । बीते 3 वर्षों से घोटाले का यह खेल चल रहा था और किसी को भनक तक नही लगी । वर्ष 2016-17 में अध्यापकों ने बच्चों से 4 लाख 30 हजार 482 रुपये फीस वसूला था । वर्ष 2017-18 में 4 लाख 27 हजार 803रुपये फीस ली गई थी । इसी तरह वर्ष 2018-19 में बच्चों से 4 लाख 21 हजार 70 रुपये फीस ली गई थी । अध्यापकों द्वारा यह फीस वरिष्ठ लिपिक पंकज श्रीवास्तव के पास जमा की गई थी । इस वर्ष अप्रैल और मई की फीस 01 लाख 12हजार 138 रुपये भी शिक्षकों द्वारा लिपिक को प्राप्त कराई गई । खातों की जांच हुई तो गोलमाल उजागर हुआ । आरोपी लिपिक द्वारा करीब साढ़े सात लाख रुपये बैंक और ट्रेजरी में जमा ही नहीं किये गए । फीस को बैंक और ट्रेजरी में जमा करने की जानकारी प्रिंसिपल को रहती है ।उस वक्त कालेज की प्रिंसिपल श्रीमती साधना कुमार थी लिहाजा इस गोलमाल में उनकी भी संलिप्तता उजागर हुई। जिला विद्यालय निरीक्षक ने वर्तमान प्रिंसिपल जयकरन यादव को आरोपी लिपिक पंकज श्रीवास्तव और तत्कालीन प्रिंसिपल श्रीमती साधना कुमार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं ।
बाईट - राजेश कुमार वर्मा , जिला विद्यालय निरीक्षक बाराबंकी

वीओ - छात्रों की फीस में हुए गोलमाल को देखते हुए दूसरे कालेजों में भी घपले की आशंका बढ़ गई हैं । लिहाजा जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी 38 राजकीय और 35 एडेड कॉलेजों के खातों का ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं ।
बाईट - राजेश कुमार वर्मा , जिला विद्यालय निरीक्षक बाराबंकी


Conclusion:बहरहाल शिक्षा के मंदिर में हुए इस भ्रष्टाचार ने सभी को हैरान कर दिया है । देखना है इस मामले में आरोपियों पर क्या कार्यवाई होती है ।
रिपोर्ट-अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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