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बाराबंकी: लेखपालों की हड़ताल के चलते समाधान दिवस का काम हुआ प्रभावित

यूपी के बाराबंकी में लेखपालों की हड़ताल के कारण मंगलवार को आयोजित समाधान दिवस में दूरदराज से आए फरियादियों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ीं. लेखपालों ने खेद जताया कि उनकी हड़ताल के चलते तमाम फरियादियों के काम नहीं हो सके.

बाराबंकी में लेखपालों की हड़ताल.
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Published : Sep 4, 2019, 9:16 AM IST

बाराबंकी: लेखपालों की हड़ताल के चलते मंगलवार को आयोजित समाधान दिवस में दूरदराज से आए फरियादियों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ी. लेखपालों ने खेद जताया कि उनकी हड़ताल के चलते तमाम फरियादियों के काम नहीं हो सके. हड़ताली लेखपालों ने कहा कि मजबूरन उनको ये रास्ता अपनाना पड़ रहा है. लेखपालों का कहना है कि अगर वह काम नहीं बंद करेंगे तो शासन तक उनकी आवाज नहीं सुनी जाएगी.

बाराबंकी में लेखपालों की हड़ताल.

कई बार निर्देश दिए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं

  • वेतन विसंगति, प्रमोशन, वेतन भत्ते ,सेवा नियमावली और तहसीलों में आधारभूत सुविधाओं की कमी जैसी तमाम मांगों को लेकर लेखपालों ने एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है.
  • लेखपालों का आरोप है कि जुलाई 2018 से कई बार निर्देश दिए जाने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
  • लेखपालों कहना है कि मजबूरन एक बार फिर से आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा.

हड़ताल नहीं करेंगे तो शासन उनकी आवाज नहीं सुनेगी
शुक्ला लेखपाल संघ बाराबंकी के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार का कहना है कि हमें खेद है कि मंगलवार को आयोजित समाधान दिवस में आये तमाम फरियादियों को हड़ताल के चलते निराश होकर वापस लौटना पड़ा. हमारी हड़ताल के चलते जनता को परेशानी हो रही है, लेकिन यह उनकी मजबूरी है. अगर वो काम बंदकर हड़ताल नहीं करेंगे तो शासन उनकी आवाज नहीं सुनेगा.

जुलाई 2018 में प्रदेश स्तरीय आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन दो माह बीतने के बाद कोई कार्यवाई न हुई तो अक्टूबर 18 में फिर समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए. बार-बार निर्देश दिए जाने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
-सुनील कुमार शुक्ला , जिलाध्यक्ष लेखपाल संघ बाराबंकी

समाधान दिवस पर तमाम फरियादियों को हड़ताल के चलते निराश होना पड़ा, लेकिन हमारी कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की शिकायतें दूर कर सकें.
-अभय कुमार पांडे, एसडीएम, नवाबगंज

बाराबंकी: लेखपालों की हड़ताल के चलते मंगलवार को आयोजित समाधान दिवस में दूरदराज से आए फरियादियों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ी. लेखपालों ने खेद जताया कि उनकी हड़ताल के चलते तमाम फरियादियों के काम नहीं हो सके. हड़ताली लेखपालों ने कहा कि मजबूरन उनको ये रास्ता अपनाना पड़ रहा है. लेखपालों का कहना है कि अगर वह काम नहीं बंद करेंगे तो शासन तक उनकी आवाज नहीं सुनी जाएगी.

बाराबंकी में लेखपालों की हड़ताल.

कई बार निर्देश दिए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं

  • वेतन विसंगति, प्रमोशन, वेतन भत्ते ,सेवा नियमावली और तहसीलों में आधारभूत सुविधाओं की कमी जैसी तमाम मांगों को लेकर लेखपालों ने एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है.
  • लेखपालों का आरोप है कि जुलाई 2018 से कई बार निर्देश दिए जाने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
  • लेखपालों कहना है कि मजबूरन एक बार फिर से आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा.

हड़ताल नहीं करेंगे तो शासन उनकी आवाज नहीं सुनेगी
शुक्ला लेखपाल संघ बाराबंकी के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार का कहना है कि हमें खेद है कि मंगलवार को आयोजित समाधान दिवस में आये तमाम फरियादियों को हड़ताल के चलते निराश होकर वापस लौटना पड़ा. हमारी हड़ताल के चलते जनता को परेशानी हो रही है, लेकिन यह उनकी मजबूरी है. अगर वो काम बंदकर हड़ताल नहीं करेंगे तो शासन उनकी आवाज नहीं सुनेगा.

जुलाई 2018 में प्रदेश स्तरीय आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन दो माह बीतने के बाद कोई कार्यवाई न हुई तो अक्टूबर 18 में फिर समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए. बार-बार निर्देश दिए जाने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
-सुनील कुमार शुक्ला , जिलाध्यक्ष लेखपाल संघ बाराबंकी

समाधान दिवस पर तमाम फरियादियों को हड़ताल के चलते निराश होना पड़ा, लेकिन हमारी कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की शिकायतें दूर कर सकें.
-अभय कुमार पांडे, एसडीएम, नवाबगंज

Intro:बाराबंकी ,03 सितंबर । लेखपालों की हड़ताल के चलते मंगलवार को आयोजित समाधान दिवस में दूरदराज से आए फरियादियों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ी।लेखपालों ने खेद जताया कि उनकी हड़ताल के चलते तमाम फरियादियों के काम नहीं हो सके । हड़ताली लेखपालों ने कहा कि मजबूरन उनको ये रास्ता अख्तियार करना पड़ा । लेखपालों का कहना है कि अगर वह काम नहीं बंद करेंगे तो शासन तक उनकी आवाज नहीं सुनी जाएंगी।


Body:वीओ - बताते चलें कि वेतन विसंगति, प्रमोशन ,वेतन भत्ते ,सेवा नियमावली और तहसीलों में आधारभूत सुविधाओं की कमी जैसी तमाम मांगों को लेकर लेखपालों ने एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है । इनका आरोप है कि जुलाई 18 में प्रदेश स्तरीय आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कार्यवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन जब दो माह बीत जाने के बाद कोई कार्यवाई न हुई तो अक्टूबर 18 में फिर समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए लेकिन बार बार निर्देश दिए जाने के बाद भी आज तक कोई कार्यवाई नही हुई लिहाजा मजबूरन इन लोगों ने एक बार फिर से आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया । मंगलवार को आयोजित समाधान दिवस में आये तमाम फरियादियों को लेखपालों की हड़ताल के चलते निराश होना पड़ा । लेखपालों ने खेद जताते हुए कहा कि उनके चलते जनता को परेशानी हो रही है लेकिन उनकी मजबूरी है अगर वो काम बंद कर हड़ताल नही करेंगे तो शासन उनकी आवाज नही सुनेगा ।
बाईट - सुनील कुमार शुक्ला , जिलाध्यक्ष लेखपाल संघ बाराबंकी

वीओ - हालांकि प्रशासन ने तहसील के दूसरे कर्मचारियों की मदद लेकर काम निबटाने का प्रयास किया बावजूद इसके हड़ताल के चलते तमाम काम प्रभावित हुआ ।
बाईट - अभय कुमार पांडे , एसडीएम नवाबगंज


Conclusion:
निश्चय ही लेखपालों के जिम्मे तमाम काम रहते है । मंगलवार को इनका एक दिन का आंदोलन था लेकिन अगर इन्होंने आगे भी आंदोलन किया तो राजस्व सम्बन्धी नुकसान होगा ही तमाम प्रमाणपत्र निर्गत होने में भी परेशानी होगी ।
रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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