बाराबंकी: शासन द्वारा लगातार दिए जा रहे निर्देशों के बावजूद यूपी के बाराबंकी के परिषदीय विद्यालयों के लापरवाह शिक्षक बच्चों को अपने स्कूलों तक नही ला सके. हालात इतने खराब हुए कि सितंबर माह में जिले के 74 स्कूल ऐसे रहे जिनमे बच्चों की उपस्थिति 40 फीसदी भी नहीं पहुंच सकी. इसकी जानकारी गुरुवार को उस वक्त हुई जब यूपी के स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने विभागीय कार्यक्रमों की समीक्षा की. महानिदेशक ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए 74 स्कूलों के पूरे स्टाफ यानी 280 शिक्षकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया है. महानिदेशक की इस बड़ी कार्यवाही से लापरवाह शिक्षकों में हड़कम्प मच गया है.
गौरतलब है, बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शासन लगातार प्रयास कर रहा है. बच्चों को स्कूलों तक लाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. स्कूलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. बावजूद इसके तमाम अभिभावकों का आकर्षण अभी भी कान्वेंट स्कूल बने हुए हैं. इसके पीछे तमाम अभिभावकों का मानना है कि सरकार और शासन की सख्ती के बावजूद भी तमाम लापरवाह शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं. यही नहीं कई शिक्षक तो स्कूल से गायब भी हो जाते हैं. ऐसे में उन्हें दूसरे स्कूलों का सहारा लेना पड़ रहा है.
शिक्षकों की इस लापरवाही से बच्चे भी धीरे-धीरे स्कूल से किनारा करने लगते हैं. बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बच्चों की हाजिरी पर नजर रखने के लिए हर रोज उपस्थिति डेटा को एमडीएम पोर्टल पर अपलोड करने के आदेश दे रखे हैं. गुरुवार को महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने जब इसकी समीक्षा की तो वे हैरान रह गए. जिले के 15 ब्लॉक और शहरी क्षेत्र के स्कूलों समेत कुल 74 स्कूल ऐसे हैं जिनमें बच्चों की उपस्थिति 40 फीसदी कम पाई गई. लिहाजा शासन ने इन स्कूलों के सभी 280 शिक्षकों का वेतन रोक दिया है.
वहीं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पाण्डेय ने बताया कि 74 स्कूलों के स्टाफ का वेतन रोक दिया गया है. बीएसए ने बताया कि अब इनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. साथ ही अगर दो-तीन महीनों से स्कूल में बच्चों की उपस्थिति का यही हाल रहा होगा तो उनको प्रतिकूल प्रविष्ठि भी जारी की जाएगी.
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