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...काश कोई देता अपने दो मिनट तो बच जाती एक जान

आपके दो मिनट किसी को आत्महत्या करने से रोक सकते हैं. ये कहना है मनोचिकित्सकों का है. मनोचिकित्सकों की सलाह है कि डिप्रेस्ड लोगों को समय दें ताकि वे अपनी बात साझा कर अपना मन हलका कर सकें. इससे आत्महत्या के मामले में कमी आएगी. बता दें, यूपी के बाराबंकी जिले में पिछले एक महीने में 27 लोगों ने आत्महत्या की है.

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Published : Jul 21, 2020, 3:40 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 5:41 PM IST

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डिजाइन फोटो.

बाराबंकी: जिले में पिछले एक महीने के अंदर 27 लोगों ने आत्महत्या कर ली. दिनों दिन बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों से स्वास्थ्य महकमा भी गम्भीर है. जिला अस्पताल के मनोचिकित्सकों ने इसके पीछे तमाम कारण बताए हैं. मनोचिकित्सकों की सलाह है कि लोग अपने आसपास नजर रखें. अगर कोई जरा भी उदास और परेशान दिखाई दे तो उसकी मदद करें. उससे बात करें और उसकी परेशानी समझकर उसको समझाने की कोशिश करें.

पिछले तीन महीने के बाद से जिले में आत्महत्या का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना संकट ने लोगों में डिप्रेशन पैदा कर दिया है. लॉकडाउन के चलते तमाम लोगों का कारोबार प्रभावित हुआ. वहीं तमाम लोगों का काम छूट गया. आर्थिक संकट से लोग परेशान हो गए. इसके अलावा भी तमाम कारणों से लोग डिप्रेशन में आ गए, जिसका नतीजा ये हुआ कि खुदकुशी का ग्राफ बढ़ गया.

मनोचिकित्सक ने बताया लोग क्यों करते हैं सुसाइड.

पिछले एक महीने के आंकड़ों पर एक नजर-

  • 21 जून- कोठी थाना क्षेत्र में चियारा गांव में एक युवक ने फांसी लगा ली. इसी दिन बीरापुर गांव में एक युवक ने खुद को आग लगा ली, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
  • 23 जून- फतेहपुर कोतवाली के साढेमऊ गांव के एक युवक ने घर में फांसी लगा ली. इसी दिन नगर कोतवाली के जसमण्डा गांव में एक युवक ने कमरे में फांसी लगा ली.
  • 24 जून- हैदरगढ़ कोतवाली के भैरमपुर गांव में एक युवती ने आत्मदाह का प्रयास किया. इसी दिन देवां थाने के रिमवा रतनपुर के एक युवक ने गांव के बाहर पेड़ में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी. ये युवक लखनऊ में कोई प्राइवेट नौकरी करता था और छुट्टी पर घर आया था. इसी दिन जैदपुर कोतवाली के भिटौरा लखन गांव के एक युवक ने गांव के बाहर पेड़ से लटक कर जान देने की कोशिश की.
  • 26 जून- रामनगर कोतवाली के अटौता गांव के एक युवक ने गांव के बाहर पेड़ से लटककर जान दे दी.
  • 29 जून- सतरिख थाना क्षेत्र के चकसर गांव में एक व्यक्ति ने खुदकुशी की.
  • 1 जुलाई- रामसनेही घाट थाना क्षेत्र के गोसाईपुरवा गांव के एक युवक ने घर में पंखे के हुक से लटककर आत्महत्या कर ली. इसी दिन रामनगर कोतवाली के चन्दनापुर गांव में एक युवक ने घर के छप्पर से फंसी फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली.
  • 4 जुलाई- रामनगर थाना क्षेत्र के अमोली कला गांव में एक विवाहिता ने खुदकुशी कर ली.
  • 9 जुलाई- सफदरगंज थाना क्षेत्र के पल्हरी में एक युवती ने जहर खा लिया.
  • 14 जुलाई- नगर कोतवाली के आवास विकास में दो बेटों को फांसी पर लटकाकर पति-पत्नी ने भी खुदकुशी कर ली. इसी दिन असंदरा थाना क्षेत्र के चमरनपुरवा गांव में एक युवक का शव गांव के बाहर पेड़ से लटका मिला.
  • 16 जुलाई- देवां कोतवाली के पटना गांव में एक किशोरी ने घर मे फंदे से लटककर जान दे दी. इसी दिन सतरिख थाने के तिंदवानी गांव के एक युवक ने गांव के बाहर बाग में फांसी लगा ली.
  • 18 जुलाई- सुबेहा थाना क्षेत्र में एक युवती का घर के अंदर शव मिला. इसी दिन कोतवाली नगर के लाइन पुरवा इलाके में एक कांग्रेस नेता के भाई ने घर में फांसी लगा ली.

अगर आपको लगे कि आपके घर के आसपास, पड़ोस, फैमिली या जहां आप काम करते हैं वहां कोई ऐसा व्यक्ति है जो बदल गया है या पहले से उदास रहने लगा है तो 2 मिनट उनके लिए निकालिए. उनका हाथ पकड़कर उनके कष्ट जानने की कोशिश करिए. सिर्फ इतनी बात से ही सुसाइड रेट को 60 से 70 फीसदी तक कम किया जा सकता है.सिर्फ आपका दो मिनट किसी की जिंदगी बचा सकता है.
-डॉ. सौरभ मिश्रा, मनोचिकित्सक, जिला अस्पताल

बाराबंकी: जिले में पिछले एक महीने के अंदर 27 लोगों ने आत्महत्या कर ली. दिनों दिन बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों से स्वास्थ्य महकमा भी गम्भीर है. जिला अस्पताल के मनोचिकित्सकों ने इसके पीछे तमाम कारण बताए हैं. मनोचिकित्सकों की सलाह है कि लोग अपने आसपास नजर रखें. अगर कोई जरा भी उदास और परेशान दिखाई दे तो उसकी मदद करें. उससे बात करें और उसकी परेशानी समझकर उसको समझाने की कोशिश करें.

पिछले तीन महीने के बाद से जिले में आत्महत्या का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना संकट ने लोगों में डिप्रेशन पैदा कर दिया है. लॉकडाउन के चलते तमाम लोगों का कारोबार प्रभावित हुआ. वहीं तमाम लोगों का काम छूट गया. आर्थिक संकट से लोग परेशान हो गए. इसके अलावा भी तमाम कारणों से लोग डिप्रेशन में आ गए, जिसका नतीजा ये हुआ कि खुदकुशी का ग्राफ बढ़ गया.

मनोचिकित्सक ने बताया लोग क्यों करते हैं सुसाइड.

पिछले एक महीने के आंकड़ों पर एक नजर-

  • 21 जून- कोठी थाना क्षेत्र में चियारा गांव में एक युवक ने फांसी लगा ली. इसी दिन बीरापुर गांव में एक युवक ने खुद को आग लगा ली, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
  • 23 जून- फतेहपुर कोतवाली के साढेमऊ गांव के एक युवक ने घर में फांसी लगा ली. इसी दिन नगर कोतवाली के जसमण्डा गांव में एक युवक ने कमरे में फांसी लगा ली.
  • 24 जून- हैदरगढ़ कोतवाली के भैरमपुर गांव में एक युवती ने आत्मदाह का प्रयास किया. इसी दिन देवां थाने के रिमवा रतनपुर के एक युवक ने गांव के बाहर पेड़ में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी. ये युवक लखनऊ में कोई प्राइवेट नौकरी करता था और छुट्टी पर घर आया था. इसी दिन जैदपुर कोतवाली के भिटौरा लखन गांव के एक युवक ने गांव के बाहर पेड़ से लटक कर जान देने की कोशिश की.
  • 26 जून- रामनगर कोतवाली के अटौता गांव के एक युवक ने गांव के बाहर पेड़ से लटककर जान दे दी.
  • 29 जून- सतरिख थाना क्षेत्र के चकसर गांव में एक व्यक्ति ने खुदकुशी की.
  • 1 जुलाई- रामसनेही घाट थाना क्षेत्र के गोसाईपुरवा गांव के एक युवक ने घर में पंखे के हुक से लटककर आत्महत्या कर ली. इसी दिन रामनगर कोतवाली के चन्दनापुर गांव में एक युवक ने घर के छप्पर से फंसी फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली.
  • 4 जुलाई- रामनगर थाना क्षेत्र के अमोली कला गांव में एक विवाहिता ने खुदकुशी कर ली.
  • 9 जुलाई- सफदरगंज थाना क्षेत्र के पल्हरी में एक युवती ने जहर खा लिया.
  • 14 जुलाई- नगर कोतवाली के आवास विकास में दो बेटों को फांसी पर लटकाकर पति-पत्नी ने भी खुदकुशी कर ली. इसी दिन असंदरा थाना क्षेत्र के चमरनपुरवा गांव में एक युवक का शव गांव के बाहर पेड़ से लटका मिला.
  • 16 जुलाई- देवां कोतवाली के पटना गांव में एक किशोरी ने घर मे फंदे से लटककर जान दे दी. इसी दिन सतरिख थाने के तिंदवानी गांव के एक युवक ने गांव के बाहर बाग में फांसी लगा ली.
  • 18 जुलाई- सुबेहा थाना क्षेत्र में एक युवती का घर के अंदर शव मिला. इसी दिन कोतवाली नगर के लाइन पुरवा इलाके में एक कांग्रेस नेता के भाई ने घर में फांसी लगा ली.

अगर आपको लगे कि आपके घर के आसपास, पड़ोस, फैमिली या जहां आप काम करते हैं वहां कोई ऐसा व्यक्ति है जो बदल गया है या पहले से उदास रहने लगा है तो 2 मिनट उनके लिए निकालिए. उनका हाथ पकड़कर उनके कष्ट जानने की कोशिश करिए. सिर्फ इतनी बात से ही सुसाइड रेट को 60 से 70 फीसदी तक कम किया जा सकता है.सिर्फ आपका दो मिनट किसी की जिंदगी बचा सकता है.
-डॉ. सौरभ मिश्रा, मनोचिकित्सक, जिला अस्पताल

Last Updated : Jul 21, 2020, 5:41 PM IST
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