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बाराबंकीः महिलाओं के साथ हिंसा में आई कमी - बलात्कार

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आ रही है. वर्ष 2018 के मुकाबले 2019 में महिलाओं के प्रति अपराध कम हुए हैं.

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जानकारी देते पुलिस अधीक्षक.
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Published : Dec 21, 2019, 7:20 PM IST

बाराबंकी: जिले में साल 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आई है. इस साल पिछले साल की अपेक्षा बलात्कार की घटनाएं आधी हुई हैं. वहीं बहला-फुसलाकर महिलाओं के साथ यौन शोषण अपराधों में भी मामूली कमी दर्ज की गई है. घरेलू हिंसा की घटनाओं में भी कमी आई है.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक.

आंकड़ों हुए आधे
2019 में अब तक पुलिस द्वारा बलात्कार से संबंधित 28 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले साल 2018 में यह आंकड़ा 59 था. एबडक्शन से संबंधित पिछले साल 176 मामले पंजीकृत हुए थे. वहीं इस साल 170 मामले अब तक दर्ज किए गए है. 2018 में घरेलू हिंसा के कुल 302 मामले संज्ञान में आए थे. वहीं इस साल अब तक 274 मामले पंजीकृत हुए हैं. जिले में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में चैन स्नैचिंग भी एक बड़ा अपराध है.

पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी का कारण एंटी रोमियो स्क्वायड है. लगातार शोहदों को दंडित किए जाने के कारण अपराधों में कमी आई है. घरेलू हिंसा में पुलिस विभाग का परिवार परामर्श केंद्र कारगर साबित हो रहा है. परिवार टूटने से बचाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में हम और बेहतरी का प्रयास करेंगे, जिससे महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं कम हों.

बाराबंकी: जिले में साल 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आई है. इस साल पिछले साल की अपेक्षा बलात्कार की घटनाएं आधी हुई हैं. वहीं बहला-फुसलाकर महिलाओं के साथ यौन शोषण अपराधों में भी मामूली कमी दर्ज की गई है. घरेलू हिंसा की घटनाओं में भी कमी आई है.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक.

आंकड़ों हुए आधे
2019 में अब तक पुलिस द्वारा बलात्कार से संबंधित 28 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले साल 2018 में यह आंकड़ा 59 था. एबडक्शन से संबंधित पिछले साल 176 मामले पंजीकृत हुए थे. वहीं इस साल 170 मामले अब तक दर्ज किए गए है. 2018 में घरेलू हिंसा के कुल 302 मामले संज्ञान में आए थे. वहीं इस साल अब तक 274 मामले पंजीकृत हुए हैं. जिले में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में चैन स्नैचिंग भी एक बड़ा अपराध है.

पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी का कारण एंटी रोमियो स्क्वायड है. लगातार शोहदों को दंडित किए जाने के कारण अपराधों में कमी आई है. घरेलू हिंसा में पुलिस विभाग का परिवार परामर्श केंद्र कारगर साबित हो रहा है. परिवार टूटने से बचाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में हम और बेहतरी का प्रयास करेंगे, जिससे महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं कम हों.

Intro: बाराबंकी , 21 दिसंबर। जिलेभर में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में आई है कमी. इस साल पिछले साल की अपेक्षा बलात्कार की घटनाएं आधी हुई है. वही बहला-फुसलाकर महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में भी मामूली कमी दर्ज की गई है. घरेलू हिंसा की घटनाओं में भी कमी आई है, तो वहीं दहेज से संबंधित मामलों में कमी की वजह परिवार परामर्श केंद्र, से लोगों को बेहतर सलाह देना बताया जा रहा है. वही चैन स्नेचिंग की घटनाओं में किसी भी प्रकार की कमी दर्ज नहीं की गई है ,पिछले वर्ष जहां इसकी 5 घटनाएं हुई थी वहीं इस साल नवंबर के अंत तक 4 घटनाएं हो चुकी हैं.


Body:महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में बाराबंकी जिले में बड़ी संख्या में कमी देखने को मिली है. आंकड़े बताते हैं कि-

इस साल अब तक कुल पुलिस ने बलात्कार से संबंधित 28 मामले दर्ज किए हैं ,जबकि पिछले साल 2018 में यह आंकड़ा 59 था.

एबडक्शन से संबंधित जहां पिछले साल 176 मामले पंजीकृत हुए थे, वहीं इस साल 170 मामले अब तक दर्ज किए जा चुके हैं.

घरेलू हिंसा के मामलों में भी 2018 की तुलना में कमी आई है, जहां पिछले साल घरेलू हिंसा के कुल 302 मामले संज्ञान में आए थे ,वही इस साल अब तक 274 मामले पंजीकृत हुए हैं.

जिले में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में चैन स्नैचिंग भी एक बड़ा अपराध है , जिसमें पिछले साल के मुकाबले इस साल मात्र एक मामले की कमी आई है.

ईटीवी भारत से बातचीत में पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि , महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी का कारण एंटी रोमियो स्क्वायड है, जिसके द्वारा लगातार शोहदों को दंडित किए जाने के कारण कमी आई है. वहीं घरेलू हिंसा में पुलिस विभाग का परिवार परामर्श केंद्र कारगर साबित हो रहा है ,जिसकी वजह से अब दहेज से संबंधित मामले भी बेहतर तरीके से निपटाए जा रहे हैं ,और परिवार टूटने से बचाया जा रहा है . आने वाले समय में हम और बेहतरी का प्रयास करेंगे जिससे यह आंकड़ा, जिसमें महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं होती है, वह कम से कम हो जाए.





Conclusion:कुल मिलाकर एक बात तो स्पष्ट है कि जिस प्रकार से महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में मामूली कमी दर्ज की गई है, उससे एक बात तो साफ है कि , यदि बेहतर प्रयास और स्मार्ट पुलिसिंग को बढ़ावा मिलेगा तो , आने वाले समय में इसके परिणाम और भी बेहतर हो सकते हैं , जहां महिलाएं पूरी तरीके से सुरक्षित महसूस करेंगी. लेकिन अभी भी जिस प्रकार से आंकड़ा मौजूद है उससे बहुत संतुष्ट तो नहीं हुआ जा सकता है , लेकिन हां दिशा सही है इस बारे में चर्चा जरूर की जा सकती है.



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1- आकाश तोमर, पुलिस अधीक्षक , बाराबंकी.




रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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