बाराबंकी: जिले में विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर परिवार नियोजन अभियान के दूसरे पखवाड़े का शुभारम्भ किया गया. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रमेश चन्द्रा ने इस अभियान की शुरुआत की. 31 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान के तहत आशा बहुएं घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के बारे में बताएंगी. साथ ही आशा बहुएं उनको नसबंदी के लिए प्रेरित करेंगी. इसके साथ ही जो लोग नसबंदी के लिए इच्छुक होंगे, उन दम्पतियों का पहले कोरोना टेस्ट किया जाएगा, जिसके बाद निगेटिव पाए जाने पर ही उनकी नसबंदी की जाएगी.
परिवार नियोजन पखवाड़े की हुई शुरुआत
दिनों दिन बढ़ रही जनसंख्या को काबू में करने के लिए शनिवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर बाराबंकी में परिवार नियोजन पखवाड़े की शुरुआत की गई. कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष परिवार कल्याण अभियान की थीम "आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी" रखी गई है.
आशा बहुओं को भी जोड़ा गया अभियान में
दरअसल, बीते 27 जून से 10 जुलाई तक इस अभियान के पहले चरण में प्रचार प्रसार किया जाना था, लेकिन कोविड-19 के चलते अपेक्षित प्रचार प्रसार नहीं हो सका. इसके बाद शनिवार से इस अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की गई. इसके तहत पहले संचारी रोगों की जागरूकता में लगी आशा बहुओं को इस अभियान से भी जोड़ा गया है. इस अभियान में आशा बहुएं घर-घर जाकर लोगों को संचारी रोगों की जागरूकता के साथ परिवार नियोजन के प्रति लोगों को प्रेरित करेंगी. इसके लिए आशा बहुएं अंतरा इंजेक्शन और कॉपर टी लगवाने के लिए महिलाओं को भी प्रेरित करेंगी.
नसबंदी से पहले दंपत्तियों की होगी कोरोना जांच
स्वास्थ्य विभाग ने जिले की सभी 15 सीएचसी पर नसबंदी करने के इंतजाम किए हैं. सभी सीएचसी पर नसबंदी कराने के इच्छुक लोगों का चयन किया जाएगा. सबसे पहले इच्छुक दंपत्तियों की कोरोना की जांच की जाएगी, रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही ऑपरेशन किया जाएगा.
पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार कम हो सकती हैं नसबंदी
जिले में पिछले वर्ष इस पखवाड़े में 200 महिलाओं की नसबंदी की गई थी, अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के चलते इस बार ये संख्या आधी भी पहुंचना मुश्किल है.