बाराबंकी: बीते 12 जुलाई की रात कोठी थाना क्षेत्र से अपहृत बच्चे को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने तीन अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक दो लाख की फिरौती के लिए आरोपियों ने घर के बाहर सो रहे 8 साल के बच्चे का अपहरण कर फरार हो गए थे. लेकिन अपहरणकर्ताओं की तरफ से परिजनों को फोन करने से पहले ही पुलिस ने जिले के दूसरे थानाक्षेत्र से बच्चे को बरामद कर लिया है. इसके साथ ही सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
बता दें कि मामला कोठी थाना क्षेत्र के माजीपुर के भानमऊ मजरे का है. यहां के निवासी उमेश चंद्र का 8 वर्षीय इकलौता बेटा बीते 12 जुलाई गुरुवार की रात घर के बाहर सो रहा था. रात करीब 2 बजे डीलक्स मोटरसाइकिल सवार दो युवकों ने उनके बेटे का अपहरण कर लिया. बच्चे के शोर मचाने पर परिजनों ने उनका पीछा किया, लेकिन अपहरणकर्ता फरार हो गए. पिता उमेश चंद्र ने कोठी थाने में सूचना दी तो पुलिस हरकत में आ गई और अपहरणकर्ताओं की तलाश शुरू कर दी. सर्विलांस और स्वाट टीमें लोकेशन पता करने में जुट गईं.
अगले दिन 13 जुलाई बुधवार को रामसनेही घाट के एक गांव से पुलिस ने अपहृत बालक को बरामद कर लिया. इसके साथ ही बच्चे की तरफ से बताए गए हुलिए और पुलिस की तरफ से इकट्ठा किए गए साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने तीन आरोपियों को दबोच लिया. गिरफ्तार अपहरणकर्ता सतरिख थाना क्षेत्र के एक ही गांव जैनाबाद बबुरिहा के निवासी हैं. इनमें सोनू और जितेंद्र पुत्र जगदीश दोनों सगे भाई हैं, जबकि तीसरा युवक गोविंद पुत्र दुर्गाप्रसाद इनका साथी है.
यह भी पढ़ें- छात्र का अपहरण कर हत्या करने के मामले में तीन दोषियों को आजीवन कारावास
पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया है कि तीनों ने मिलकर उमेश चंद्र के बेटे का अपहरण किया था. दो लाख रुपये फिरौती के लिए अपहरण की योजना बनाई थी. सोनू और जितेंद्र ने तीसरे युवक गोविंद को पुलिस और परिजनों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके बदले में दोनों ने गोविंद को 20 हजार रुपये देने की बात कही थी. अपहरण में गोविंद की मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था. योजना के मुताबिक सोनू और जितेंद्र अपहरण के बाद बच्चे को कहीं ठिकाने लगाने जा रहे थे, उसके बाद फिरौती के लिए फोन करते.
अपहरण की सूचना पर रात ही में पुलिस सक्रिय हो गई. गोविंद ने पुलिस की इस गतिविधि की अपहरणकर्ताओं को खबर दी, जिससे वे डर गए और रात ही में उन्होंने रामसनेही घाट थाना क्षेत्र के एक गांव में एक परिचित के यहां पहुंचाकर बच्चे को छोड़ दिया. अपहरणकर्ताओं ने परिचितों से कहा कि ये मेरी बहन का लड़का है. इसे सुबह आकर अयोध्या ले जाएंगे और वो बच्चे को छोड़कर चले गए. इसी बीच बच्चे के रोने पर अपहरण होने का खुलासा हुआ. उसके बाद गांव वालों ने पुलिस को खबर दी और बच्चे को पुलिस को सौंप दिया.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप