बाराबंकीः जिले के सुप्रसिद्ध हिंदी गीतकार और कवि गजेंद्र सिंह ‘प्रियांशु’ ने ईटीवी भारत से हिंदी दिवस के अवसर बातचीत की. उन्होंने बताया कि हिंदी भाषा का भविष्य उज्ज्वल है और यह दुनिया की सबसे समृद्ध साहित्य परंपरा अपने पास रखती है. हिंदी और भारत ने दुनिया में प्रेम का प्रचार-प्रसार किया. चंद्रयान-2 पर लिखी अपनी कविता में कहते हैं 'हमारा संपर्क टूटा है मगर अभी दिल नहीं टूटा'.
'नागफनियों की गली में फूल का व्यापार मेरा'
उन्होंने हिंदी भाषा को साहित्य परंपरा की दृष्टि से सबसे समृद्ध भाषा बताते हुए कहा कि एक दिन पूरी दुनिया को मानसिक शांति और सुख के लिए हिंदी की तरफ देखना ही पड़ेगा. क्योंकि हिंदी प्रेम की भाषा है और 'वसुधैव कुटुंबकम' के मार्ग को प्रशस्त करती है. अपने चिर परिचित अंदाज में उन्होंने अपनी कविता कही कि 'नागफनियों की गली में फूल का व्यापार मेरा'.
भारतेंदु जी को किया याद
हिंदी दिवस के इस अवसर पर उन्होंने भारतेंदु हरिश्चंद्र जी को याद करते हुए कहा कि 'निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल'. हिंदी दिवस के अवसर पर गजेंद्र सिंह ‘प्रियांशु’ ने कहा कि चंद्रयान-2 हमें निराश होने की जरूरत नहीं है. हिंदी भाषा के साहित्य से हम अपने वैज्ञानिकों में उर्जा कुछ इस प्रकार भरेंगे और कहेंगे चांद से कि 'मैं आऊंगा ओ मेरे चांद खिड़की खोल कर रखना, अभी संपर्क टूटा है हमारा दिल नहीं टूटा'.