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बाराबंकी: हलवा और लजीज पराठा भी है देवा मेले की पहचान - देवा मेले की पहचान

यूपी के बाराबंकी में पिछले तीन दशकों से हलवे और पराठे के लिए देवा मेले में जमजम होटल की एक अलग ही पहचान है. मेले में आने वाले जायरीन इसे बिना खाए आगे नहीं बढ़ते.

हलवा और खास ढंग से बना पराठा भी है देवा मेले की पहचान
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Published : Oct 24, 2019, 9:51 AM IST

बाराबंकी: यूं तो देवा मेला में आपको खाने-पीने की तमाम चीजें मिल जाएंगी. लेकिन मेले में हलवा-पराठा खाने से लोग अपने आपको रोक नहीं पाते. इस पराठे के बड़े साइज को देखकर लोग इसे साबू पराठा भी बोल देते हैं. पिछले तीन दशकों से हलवे और पराठे के लिए मेले में जमजम होटल की एक अलग ही पहचान है.

हलवा और खास ढंग से बना पराठा भी है देवा मेले की पहचान

दुकानदार की मानें तो खास ढंग के पराठे और घी, शक्कर, सूजी और मेवे से मिलकर तैयार होने वाला हलवा बनाने की तकनीक उनके पुरखे पंजाब से सीखकर आए थे. मेले में आने वाले जायरीन इस हलवे और पराठे को खाए बिना आगे नहीं बढ़ते. कई जायरीन इस हलवे और पराठे को पैक कराकर घर भी ले जाते हैं.

इसे भी पढ़ें- बरेली के अर्बन हाट में लगा मेला बना मिनी इंडिया, कई राज्यों से आए हस्तशिल्पी

क्या है पराठा बनाने की विधि
इस बड़े साइज के पराठे पर गौर करिए, जिसकी देवा मेले में खासी धूम है. इसे बनाने का भी एक खास तरीका है. पहले मैदे में पानी और हल्का नमक मिलाकर मिक्स किया जाता है. इसके बाद उसमें घी डालकर गूथा जाता है. मैदे को गूथकर उसे कई बार लपेटा जाता है, जिससे उसमें कई परतें पड़ जाएं.

इसके बाद इसे खास ढंग से बेलकर बड़ा कर दिया जाता है. फिर एक बड़ी कड़ाही में घी में तल दिया जाता है. बड़े साइज के पराठे बनाने का मकसद है मुलायम और आसानी से टूट सके, जिससे इस लजीज पराठे को खाने में आसानी रहे.

बाराबंकी: यूं तो देवा मेला में आपको खाने-पीने की तमाम चीजें मिल जाएंगी. लेकिन मेले में हलवा-पराठा खाने से लोग अपने आपको रोक नहीं पाते. इस पराठे के बड़े साइज को देखकर लोग इसे साबू पराठा भी बोल देते हैं. पिछले तीन दशकों से हलवे और पराठे के लिए मेले में जमजम होटल की एक अलग ही पहचान है.

हलवा और खास ढंग से बना पराठा भी है देवा मेले की पहचान

दुकानदार की मानें तो खास ढंग के पराठे और घी, शक्कर, सूजी और मेवे से मिलकर तैयार होने वाला हलवा बनाने की तकनीक उनके पुरखे पंजाब से सीखकर आए थे. मेले में आने वाले जायरीन इस हलवे और पराठे को खाए बिना आगे नहीं बढ़ते. कई जायरीन इस हलवे और पराठे को पैक कराकर घर भी ले जाते हैं.

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क्या है पराठा बनाने की विधि
इस बड़े साइज के पराठे पर गौर करिए, जिसकी देवा मेले में खासी धूम है. इसे बनाने का भी एक खास तरीका है. पहले मैदे में पानी और हल्का नमक मिलाकर मिक्स किया जाता है. इसके बाद उसमें घी डालकर गूथा जाता है. मैदे को गूथकर उसे कई बार लपेटा जाता है, जिससे उसमें कई परतें पड़ जाएं.

इसके बाद इसे खास ढंग से बेलकर बड़ा कर दिया जाता है. फिर एक बड़ी कड़ाही में घी में तल दिया जाता है. बड़े साइज के पराठे बनाने का मकसद है मुलायम और आसानी से टूट सके, जिससे इस लजीज पराठे को खाने में आसानी रहे.

Intro:बाराबंकी ,24 अक्टूबर ।यूँ तो देवां मेला में आपको खाने पीने की तमाम चीजें मिल जाएंगी लेकिन मेले में हलवा-पराठा खाने से लोग अपने आपको रोक नही पा रहे । बड़े साइज के खास ढंग से बने इस पराठे को देखकर लोग इसे साबू पराठा बोल देते हैं ।


Body:वीओ- इस बड़े साइज के पराठे पर गौर करिए । देवां मेला में इसकी खासी धूम है । बड़े साइज के इस पराठे को देखकर लोग इसे साबू पराठा बोल देते हैं । इसके बनाने का भी खास ढंग है । पहले मैदे में पानी और हल्का नमक मिलाकर मिक्स किया जाता है । फिर उसमें घी डालकर गूँधा जाता है । मैदे को गूँधकर उसे इतनी बार लपेटा जाता है कि उसमें कई परतें पड़ जाती हैं ।
बाईट- आसिफ , पराठा कारीगर

वीओ- मैदे से बने इस पेड़े को खास ढंग से बेल कर बड़ा कर दिया जाता है और फिर उसको बड़े से कड़ाह में घी में तल दिया जाता है।
बाईट- मो आरिफ , पराठा तलने वाला कारीगर

वीओ- पिछले तीन दशकों से हलवा पराठा के लिए मेले में जमजम होटल की एक अलग पहचान है । दुकानदार की माने तो खास ढंग के पराठे और घी, शक्कर ,सूजीऔर मेवे से मिलकर तैयार होने वाला हलवा बनाने की तकनीक उनके पुरखे पंजाब से सीखकर आए थे । बड़े साइज़ का पराठा बनाने के पीछे इनका कहना है कि ये मुलायम रहता है और आसानी से इसके टुकड़े हो जाते हैं ।
बाईट - असलम , दुकानदार , बरेली

वीओ- मेले में आने वाले जायरीन बगैर इस हलवा पराठा को खाये आगे नही बढ़ते । तमाम जायरीन तो इसे पैक कराकर घर भी ले जाते हैं ।
बाईट- करीम , जायरीन
बाईट- हाफिज नजमुद्दीन, पराठा खाने के शौकीन
बाईट- सोफिया, जायरीन


Conclusion:रिपोर्ट-अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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