बाराबंकी: जिले के सिरौलीगौसपुर तहसील के टेपरा गांव में लोग अपने ही घर से बेघर होने को मजबूर हैं. फिलहाल घाघरा नदी में बाढ़ नहीं आई है, लेकिन तेज बारिश से घाघरा नदी का जलस्तर 2 सेंटीमीटर बढ़ गया है. इस दौरान नदी के कटान से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं मिल रही है.
घाघरा नदी की कटान से बढ़ी परेशानी:
- जिले के टेपरा गांव में लोग अपने ही घर से बेघर होने को मजबूर हैं.
- नदी में लगातार कटान बढ़ने से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
- अगर ऐसे ही कटान जारी रही तो, वो दिन दूर नहीं जब बंधा भी कट जाएगा.
- बंधे से नदी मात्र 500 मीटर की दूरी पर है.
- पहले नदी घरों से 4 किमी. की दूरी पर थी.
- लगातार जलस्तर बढ़ने से अब नदी 32 घरों के नजदीक आ गई है.
- कटान के चलते लोगों का बना बनाया आशियाना उजड़ने को है.
- लोगों की खुद की जमीन कट गई है, जिससे वे अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ है.
- प्रशासन के लोग आते हैं और सनावा विद्यालय में कार्यक्रम करके चले जाते हैं.
- प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है.
- आखिर इन गरीबों का क्या दोष है, जो यहां कोई नहीं आता है.
यहां पर हम लोगों की जमीन घाघरा नदी में कट गई है, घर भी कटने वाला है. खाने-पीने के लिए अब कुछ है ही नहीं हम अपने बच्चों को क्या खिलाएं और प्रशासन की तरफ से भी कोई मदद हम लोगों को नहीं मिल रही है. प्रशासन के लोग आते हैं और केवल सनावा विद्यालय में कार्यक्रम करके चले जाते हैं. जहां वास्तव में कटान चल रही है, वहां कोई नहीं पहुंचता है. आखिर हम गरीबों का दोष क्या है. जो यहां कोई नहीं आता है.
बुधना, टेपरा गांव निवासी
हमारे यहां वोट मांगने तो राजनेता आते हैं. लेकिन जब हम लोगों के ऊपर कोई मुसीबत पड़ती है, तो नहीं दिखाई पड़ते हैं. चाहे नए सांसद उपेंद्र रावत हो या विधायक शरद अवस्थी हो कोई मौके पर हम लोगों की सहायता के लिए नहीं आ रहा है
सीताराम, टेपरा गांव निवासीचाहे हेतमापुर हो सनावा हो या टेपरा हो. सभी जगहों पर कटान को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. कटान रुक भी गई है, जलस्तर घटने से कटान तेज हुई है और वहां पर सिंचाई विभाग के कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं.
डॉक्टर आदर्श सिंह, डीएम बाराबंकी