बाराबंकी: पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई वृद्धि के विरोध में बाराबंकी के प्रख्यात गांधीवादी चिंतक पंडित राजनाथ शर्मा ने उपवास शुरु कर दिया है. शहर के बस स्टेशन के पास स्थित गांधी भवन में गांधी प्रतिमा के नीचे उपवास पर बैठे राजनाथ शर्मा ने सरकार से 'दाम बांधो नीति का आह्नाव' किया. उन्होंने कहा कि तेल के बढ़े हुए दामों से जनता बेहाल है. पंडित राजनाथ शर्मा ने कहा कि इस सरकार को इस बाबत सोचना होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल शासन किया. अगर इस सरकार ने कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई और कांग्रेस से अच्छा विकल्प नहीं दिया तो इनको सत्ता से हटना पड़ेगा.
पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी से नाराज बाराबंकी के प्रख्यात गांधीवादी नेता पंडित राजनाथ शर्मा ने उपवास शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि एक तो लॉकडाउन में लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी थी. अब रही सही कसर बढ़े हुए पेट्रोल-डीजल के दामों ने पूरी कर दी. उन्होंने कहा कि तेल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन महंगा हो रहा है, जिसके चलते मूलभूत जरूरतों के सामानों के दाम महंगे होने लगे हैं.
उन्होंने मांग की है कि सरकार को लॉकडाउन से पहले जो तेल के दाम थे, उतने ही कर देने चाहिए. पंडित राजनाथ शर्मा ने कहा कि सरकार को एक नीति बनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि वस्तुओं के दाम फिक्स किए जाए. लागत मूल्य के डेढ़ गुने से ज्यादा दामों पर कोई चीज न बेची जाय. सरकार जिस दाम से कच्चा तेल खरीदे, उससे डेढ़ गुने से ज्यादा दामों पर न बेचे. इन गैर कांग्रेसी सरकारों के लिए पॉलिसी बनाना बहुत जरूरी है, क्योंकि 70 साल तक कांग्रेस सरकार ने शासन किया और अगर इस सरकार ने कांग्रेस से अच्छा विकल्प नहीं दिया तो इनको सत्ता से हटना पड़ेगा.
पंडित राजनाथ शर्मा ने कहा कि इनको सीखना और समझना चाहिए कि जिस तरह जयप्रकाश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन चलाया. इसमें दाम बांधों, जाति तोड़ो और हिमालय बचाओ जैसे आंदोलन चले उसी तरह से नीतियां बनाई जाएं. उन्होंने कहा कि इस सरकार को कांग्रेस से अलग हटकर काम करना चाहिए. अगर चीन हमारी सीमा में घुस आया तो फिर नेहरू और मोदी में क्या फर्क.