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सूबे के 90 फीसदी किसानों की अफीम की फसल बर्बाद, नष्टीकरण को लेकर विभाग हलकान

यूपी के बाराबंकी में भारी बारिश और ओलावृष्टि ने यूपी के अफीम काश्तकारों की कमर तोड़ दी है. तकरीबन 90 फीसदी काश्तकारों ने फसल नष्टीकरण का आवेदन किया है, जिससे विभाग भी हलकान है.

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90 फीसदी किसानों की अफीम की फसल बर्बाद
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Published : Mar 16, 2020, 11:32 AM IST

Updated : Mar 16, 2020, 12:11 PM IST

बाराबंकी: भारी बारिश और ओलावृष्टि ने यूपी के अफीम काश्तकारों की कमर तोड़कर रख दी है. तकरीबन 90 फीसदी काश्तकारों ने फसल नष्टीकरण के लिए आवेदन किया है. इतनी ज्यादा संख्या में आवेदन आ जाने से विभाग हलकान है.

90 फीसदी किसानों की अफीम की फसल बर्बाद

उत्तर प्रदेश में राजस्थान इकाई द्वारा पोस्ते की खेती कराई जाती. इस बार यूपी के 9 जिलों के चार हजार से ज्यादा काश्तकारों को पोस्ता बोने के लिए विभाग द्वारा पट्टे जारी किए गए थे. अकेले बाराबंकी जिले के अट्ठारह सौ किसानों को लाइसेंस मिले थे, लेकिन भारी बारिश और ओलावृष्टि ने पोस्ते की फसल नष्ट कर दी. फसल बर्बाद हो जाने से लाइसेंस जब्त होने का खतरा पैदा हो गया. लिहाजा किसान परेशान हैं और उन्होंने अपनी फसल के नष्ट करने के लिए विभाग से गुहार लगाई है.

गौरतलब हो कि उत्तरप्रदेश में महज 9 जिलों बदायूं ,बरेली,शाहजहांपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फैज़ाबाद,रायबरेली, मऊ और गाज़ीपुर में ही पोस्ता की खेती की जाती है . जिसमे बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर इन तीन जिलों के किसानों को लाइसेंस जारी करने और उनसे अफीम लेने के लिए बरेली को मुख्यालय बनाया गया है जबकि बाकी के 6 जिलों के किसानों को लाइसेंस देने का काम बाराबंकी कार्यलय करता है. दोनों डिवीजनों के जिलों में ओलावृष्टि और बारिश ने फसल बर्बाद कर दी.

प्रदेश के तकरीबन 90 फीसदी किसानों की फसल बर्बाद हो जाने से विभाग भी परेशान है लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी किसानों की फसल के नष्टीकरण करने की कार्रवाई को लेकर है .इतनी संख्या में आवेदन आ जाने से विभाग हलकान है.

बाराबंकी: भारी बारिश और ओलावृष्टि ने यूपी के अफीम काश्तकारों की कमर तोड़कर रख दी है. तकरीबन 90 फीसदी काश्तकारों ने फसल नष्टीकरण के लिए आवेदन किया है. इतनी ज्यादा संख्या में आवेदन आ जाने से विभाग हलकान है.

90 फीसदी किसानों की अफीम की फसल बर्बाद

उत्तर प्रदेश में राजस्थान इकाई द्वारा पोस्ते की खेती कराई जाती. इस बार यूपी के 9 जिलों के चार हजार से ज्यादा काश्तकारों को पोस्ता बोने के लिए विभाग द्वारा पट्टे जारी किए गए थे. अकेले बाराबंकी जिले के अट्ठारह सौ किसानों को लाइसेंस मिले थे, लेकिन भारी बारिश और ओलावृष्टि ने पोस्ते की फसल नष्ट कर दी. फसल बर्बाद हो जाने से लाइसेंस जब्त होने का खतरा पैदा हो गया. लिहाजा किसान परेशान हैं और उन्होंने अपनी फसल के नष्ट करने के लिए विभाग से गुहार लगाई है.

गौरतलब हो कि उत्तरप्रदेश में महज 9 जिलों बदायूं ,बरेली,शाहजहांपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फैज़ाबाद,रायबरेली, मऊ और गाज़ीपुर में ही पोस्ता की खेती की जाती है . जिसमे बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर इन तीन जिलों के किसानों को लाइसेंस जारी करने और उनसे अफीम लेने के लिए बरेली को मुख्यालय बनाया गया है जबकि बाकी के 6 जिलों के किसानों को लाइसेंस देने का काम बाराबंकी कार्यलय करता है. दोनों डिवीजनों के जिलों में ओलावृष्टि और बारिश ने फसल बर्बाद कर दी.

प्रदेश के तकरीबन 90 फीसदी किसानों की फसल बर्बाद हो जाने से विभाग भी परेशान है लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी किसानों की फसल के नष्टीकरण करने की कार्रवाई को लेकर है .इतनी संख्या में आवेदन आ जाने से विभाग हलकान है.

Last Updated : Mar 16, 2020, 12:11 PM IST
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