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बाराबंकी: गवाहों को SMS से मिलेगी पेशी की जानकारी, आईसीजेएस योजना लागू - icjs scheme implemented

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में अब गवाहों को पेशी की सूचना मोबाइल पर ही मिल सकेगी. दरअसल इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम यानी आईसीजेएस योजना लागू कर न्यायप्रणाली को पेपरलेस बनाया जा रहा है.

गवाहों को पेशी की सूचना मोबाइल पर मिलेगी.
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Published : Oct 23, 2019, 3:10 PM IST

बाराबंकी: जल्द ही गवाहों को पेशी की सूचना उनके मोबाइल पर मिल सकेगी. इसके लिए अभियोजन विभाग को हाईटेक किया जा रहा है. भारत सरकार आपराधिक न्याय प्रणाली को और मजबूत बनाने जा रही है. इसके लिए इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम यानी आईसीजेएस योजना लागू कर न्यायप्रणाली को पेपरलेस बनाया जा रहा है.

गवाहों को पेशी की सूचना मोबाइल पर मिलेगी.
इसे भी पढ़ें-बाराबंकी: दूध डेयरी के ट्रक ने चौकीदार को कुचला, मौत

आईसीजेएस योजना लागू
न्यायपालिका, पुलिस और जेलों को एक ही डेस्कटॉप, डैशबोर्ड से एक्सेस किया जा रहा है. ई-प्रॉसिक्यूशन सिस्टम पर अभियोजन विभाग के सभी अधिकारियों का अकाउंट बनाया गया है. जो रोजाना अपने किए गए अदालत कार्यों को अपलोड करेंगे. इसी पर गवाहों के मोबाइल नंबर भी फीड किए जाएंगे. वहीं पेशी की सूचना उनको एसएमएस की जा सके, इसके जिले के अभियोजन विभाग ने डेटा फीडिंग का काम शुरू कर दिया है.

अभियोजन विभाग को आईसीजेएस से जोड़ा
योजना के तहत सीसीटीएनएस के जरिए थाने ,ई-प्रॉसिक्यूशन के जरिए अभियोजन विभाग, ई-प्रिजन के जरिए जेल इन सबको एक सिस्टम आईसीजेएस से जोड़ा जा रहा है. इससे न्यायालयों की न केवल वर्किंग बढ़ जाएगी, बल्कि मुकदमों के निस्तारण में भी तेजी आ सकेगी.

क्या है मंशा
आईसीजेएस का लक्ष्य सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट को ई-अदालत, ई-जेल, फोरेंसिक, अभियोजन, बाल सुधार गृह और अपराधियों के फिंगरप्रिंट को डाटा बेस से जोड़ना है. ऐसा तभी मुमकिन था जब न्यायपालिका, पुलिस और जेलों को एक ही सिस्टम से एक्सेस किया जाए. इस सिस्टम के जरिए एफआईआर, चार्जशीट्स, सम्मन, वारंट जैसे दस्तावेज अदालत के सामने हर वक्त एक क्लिक पर मौजूद रहेंगे. यही नहीं जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई के दौरान जरूरी अभिलेख तलब करने पर उसी दिन थाने से ऑनलाइन रिपोर्ट पहुंच जाएगी.

बाराबंकी: जल्द ही गवाहों को पेशी की सूचना उनके मोबाइल पर मिल सकेगी. इसके लिए अभियोजन विभाग को हाईटेक किया जा रहा है. भारत सरकार आपराधिक न्याय प्रणाली को और मजबूत बनाने जा रही है. इसके लिए इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम यानी आईसीजेएस योजना लागू कर न्यायप्रणाली को पेपरलेस बनाया जा रहा है.

गवाहों को पेशी की सूचना मोबाइल पर मिलेगी.
इसे भी पढ़ें-बाराबंकी: दूध डेयरी के ट्रक ने चौकीदार को कुचला, मौत

आईसीजेएस योजना लागू
न्यायपालिका, पुलिस और जेलों को एक ही डेस्कटॉप, डैशबोर्ड से एक्सेस किया जा रहा है. ई-प्रॉसिक्यूशन सिस्टम पर अभियोजन विभाग के सभी अधिकारियों का अकाउंट बनाया गया है. जो रोजाना अपने किए गए अदालत कार्यों को अपलोड करेंगे. इसी पर गवाहों के मोबाइल नंबर भी फीड किए जाएंगे. वहीं पेशी की सूचना उनको एसएमएस की जा सके, इसके जिले के अभियोजन विभाग ने डेटा फीडिंग का काम शुरू कर दिया है.

अभियोजन विभाग को आईसीजेएस से जोड़ा
योजना के तहत सीसीटीएनएस के जरिए थाने ,ई-प्रॉसिक्यूशन के जरिए अभियोजन विभाग, ई-प्रिजन के जरिए जेल इन सबको एक सिस्टम आईसीजेएस से जोड़ा जा रहा है. इससे न्यायालयों की न केवल वर्किंग बढ़ जाएगी, बल्कि मुकदमों के निस्तारण में भी तेजी आ सकेगी.

क्या है मंशा
आईसीजेएस का लक्ष्य सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट को ई-अदालत, ई-जेल, फोरेंसिक, अभियोजन, बाल सुधार गृह और अपराधियों के फिंगरप्रिंट को डाटा बेस से जोड़ना है. ऐसा तभी मुमकिन था जब न्यायपालिका, पुलिस और जेलों को एक ही सिस्टम से एक्सेस किया जाए. इस सिस्टम के जरिए एफआईआर, चार्जशीट्स, सम्मन, वारंट जैसे दस्तावेज अदालत के सामने हर वक्त एक क्लिक पर मौजूद रहेंगे. यही नहीं जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई के दौरान जरूरी अभिलेख तलब करने पर उसी दिन थाने से ऑनलाइन रिपोर्ट पहुंच जाएगी.

Intro:बाराबंकी ,23 अक्टूबर । जल्द ही गवाहों को पेशी की सूचना उनके मोबाइल पर मिल सकेगी।इसके लिए अभियोजन विभाग को हाईटेक किया जा रहा है । भारत सरकार द्वारा आपराधिक न्याय प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई इंटर ऑप्रेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम यानी आईसीजेएस योजना लागू कर न्यायप्रणाली को पेपर लेस बनाया जा रहा है । इसके लिए न्यायपालिका,पुलिस और जेलों को एक ही डेस्कटॉप डैशबोर्ड से एक्सेस किया जा रहा है । ई-प्रॉसिक्यूशन सिस्टम पर अभियोजन विभाग के सभी अधिकारियों का अकाउंट बनाया गया है जो रोजाना अपनी किये गए अदालत कामों को अपलोड करेंगे । इसी पर गवाहों के मोबाइल नंबर भी फीड किये जाएंगे ताकि पेशी की सूचना उनको एसएमएस किया जा सके ।जिले के अभियोजन विभाग ने डेटा फीडिंग का काम शुरू कर दिया है ।


Body:वीओ- योजना के तहत सीसीटीएनएस के जरिए थाने ,ई-प्रॉसिक्यूशन के जरिए अभियोजन विभाग, ई-प्रिजन के जरिए जेल इन सबको एक सिस्टम आईसीजेएस से जोड़ा जा रहा है । इससे न्यायालयों की न केवल वर्किंग बढ़ जाएगी बल्कि मुकदमो के निस्तारण में तेजी आएगी। यह योजना पब्लिक को त्वरित न्याय देने में मील का पत्थर साबित होगी ।
बाईट - सत्य प्रकाश राय , संयुक्त निदेशक अभियोजन

क्या है मंशा


आईसीजेएस का लक्ष्य सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट को ई- अदालत,ई-जेल, फोरेंसिक,अभियोजन, बाल सुधार गृह और अपराधियों के फिंगरप्रिंट को डाटा बेस से जोड़ना है । ऐसा तभी मुमकिन था जब न्यायपालिका, पुलिस और जेलों को एक ही सिस्टम से एक्सेस किया जाय । इस सिस्टम के जरिए एफआईआर, चार्ज शीट्स,समन, वारंट जैसे दस्तावेज अदालत के सामने हर वक्त एक क्लिक पर मौजूद रहेंगे । यही नहीं जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई के दौरान जरूरी अभिलेख तलब करने पर उसी दिन थाने से आनलाइन रिपोर्ट पहुंच जाएगी ।


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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