बाराबंकी: जल्द ही गवाहों को पेशी की सूचना उनके मोबाइल पर मिल सकेगी. इसके लिए अभियोजन विभाग को हाईटेक किया जा रहा है. भारत सरकार आपराधिक न्याय प्रणाली को और मजबूत बनाने जा रही है. इसके लिए इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम यानी आईसीजेएस योजना लागू कर न्यायप्रणाली को पेपरलेस बनाया जा रहा है.
आईसीजेएस योजना लागू
न्यायपालिका, पुलिस और जेलों को एक ही डेस्कटॉप, डैशबोर्ड से एक्सेस किया जा रहा है. ई-प्रॉसिक्यूशन सिस्टम पर अभियोजन विभाग के सभी अधिकारियों का अकाउंट बनाया गया है. जो रोजाना अपने किए गए अदालत कार्यों को अपलोड करेंगे. इसी पर गवाहों के मोबाइल नंबर भी फीड किए जाएंगे. वहीं पेशी की सूचना उनको एसएमएस की जा सके, इसके जिले के अभियोजन विभाग ने डेटा फीडिंग का काम शुरू कर दिया है.
अभियोजन विभाग को आईसीजेएस से जोड़ा
योजना के तहत सीसीटीएनएस के जरिए थाने ,ई-प्रॉसिक्यूशन के जरिए अभियोजन विभाग, ई-प्रिजन के जरिए जेल इन सबको एक सिस्टम आईसीजेएस से जोड़ा जा रहा है. इससे न्यायालयों की न केवल वर्किंग बढ़ जाएगी, बल्कि मुकदमों के निस्तारण में भी तेजी आ सकेगी.
क्या है मंशा
आईसीजेएस का लक्ष्य सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट को ई-अदालत, ई-जेल, फोरेंसिक, अभियोजन, बाल सुधार गृह और अपराधियों के फिंगरप्रिंट को डाटा बेस से जोड़ना है. ऐसा तभी मुमकिन था जब न्यायपालिका, पुलिस और जेलों को एक ही सिस्टम से एक्सेस किया जाए. इस सिस्टम के जरिए एफआईआर, चार्जशीट्स, सम्मन, वारंट जैसे दस्तावेज अदालत के सामने हर वक्त एक क्लिक पर मौजूद रहेंगे. यही नहीं जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई के दौरान जरूरी अभिलेख तलब करने पर उसी दिन थाने से ऑनलाइन रिपोर्ट पहुंच जाएगी.