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बाराबंकी: ODF कराने में योगदान देने वाले स्वच्छाग्रही प्रशासन से नाराज, किया धरना प्रदर्शन

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Published : Oct 31, 2019, 11:13 AM IST

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने में योगदान देने वाले करीब एक हजार स्वच्छाग्रही सिस्टम से नाराज हैं. स्वच्छाग्रहियों का आरोप है कि उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन में अपनी पूरी महनत की लेकिन उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है.

ODF कराने में योगदान देने वाले स्वच्छाग्रहियों ने किया धरना प्रदर्शन.

बाराबंकी: जिले को खुले में शौच मुक्त कराने में योगदान देने वाले करीब एक हजार स्वच्छाग्रही सिस्टम से नाराज हैं. काम करने के बावजूद भी भुगतान न दिए जाने से दुखी जिले के स्वच्छाग्रहियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. स्वच्छाग्रहियों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे.

ODF कराने में योगदान देने वाले स्वच्छाग्रहियों ने किया धरना प्रदर्शन.

स्वच्छाग्रहियों का धरना प्रदर्शन

  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर गांव में एक स्वच्छाग्रही की नियुक्ति की गई थी.
  • इनका काम था कि गांवों में जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें, साथ ही शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित करें.
  • इन स्वच्छाग्रहियों ने पीएम मोदी के इस मिशन को आगे बढ़ाया.
  • नियुक्ति के समय इनसे कहा गया था कि हर सर्वे पर इन्हें 200 रुपये दिए जाएंगे.
  • शौचालय के लिए प्रेरित करने पर शौचालय निर्माण के समय 75 रुपये और निर्माण के बाद उसका प्रयोग शुरू होने पर 75 रुपये दिए जाने का वादा किया गया था.
  • गांव 'खुले में शौच मुक्त घोषित' हो जाने पर इनको 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की भी बात कही गई थी.
  • आंदोलनकारी स्वच्छाग्रहियों ने कहा कि वर्ष 2017 से आज तक उनको कुछ भी भुगतान नहीं किया गया.
  • उन्होंने कहा कि जिले की सभी 1166 ग्राम पंचायतें 'खुले में शौच मुक्त' हो चुकी हैं, लेकिन इनको भुगतान नहीं किया गया.

पीएम मोदी और सीएम योगी की मंशा को हम लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझकर पूरा किया, लेकिन हमारी तरफ किसी का ध्यान नहीं है.
- विनोद कुमार, पीड़ित स्वच्छाग्रही

सुबह सवेरे उठकर गांवों में जाकर महिलाओं को शौचालय के लिए न केवल प्रेरित किया बल्कि शौचालय निर्माण भी करवाया, लेकिन किसी ने हमारी मेहनत पर ध्यान नहीं दिया. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम क्रमिक धरना करते रहेंगे.
- फूलमती, महिला स्वच्छाग्रही

इसे भी पढ़ें: नियुक्ति पत्र के बाद भी नहीं दे रहे नौकरी...धरने से बिगड़ी टीचर्स की तबीयत

बाराबंकी: जिले को खुले में शौच मुक्त कराने में योगदान देने वाले करीब एक हजार स्वच्छाग्रही सिस्टम से नाराज हैं. काम करने के बावजूद भी भुगतान न दिए जाने से दुखी जिले के स्वच्छाग्रहियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. स्वच्छाग्रहियों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे.

ODF कराने में योगदान देने वाले स्वच्छाग्रहियों ने किया धरना प्रदर्शन.

स्वच्छाग्रहियों का धरना प्रदर्शन

  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर गांव में एक स्वच्छाग्रही की नियुक्ति की गई थी.
  • इनका काम था कि गांवों में जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें, साथ ही शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित करें.
  • इन स्वच्छाग्रहियों ने पीएम मोदी के इस मिशन को आगे बढ़ाया.
  • नियुक्ति के समय इनसे कहा गया था कि हर सर्वे पर इन्हें 200 रुपये दिए जाएंगे.
  • शौचालय के लिए प्रेरित करने पर शौचालय निर्माण के समय 75 रुपये और निर्माण के बाद उसका प्रयोग शुरू होने पर 75 रुपये दिए जाने का वादा किया गया था.
  • गांव 'खुले में शौच मुक्त घोषित' हो जाने पर इनको 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की भी बात कही गई थी.
  • आंदोलनकारी स्वच्छाग्रहियों ने कहा कि वर्ष 2017 से आज तक उनको कुछ भी भुगतान नहीं किया गया.
  • उन्होंने कहा कि जिले की सभी 1166 ग्राम पंचायतें 'खुले में शौच मुक्त' हो चुकी हैं, लेकिन इनको भुगतान नहीं किया गया.

पीएम मोदी और सीएम योगी की मंशा को हम लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझकर पूरा किया, लेकिन हमारी तरफ किसी का ध्यान नहीं है.
- विनोद कुमार, पीड़ित स्वच्छाग्रही

सुबह सवेरे उठकर गांवों में जाकर महिलाओं को शौचालय के लिए न केवल प्रेरित किया बल्कि शौचालय निर्माण भी करवाया, लेकिन किसी ने हमारी मेहनत पर ध्यान नहीं दिया. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम क्रमिक धरना करते रहेंगे.
- फूलमती, महिला स्वच्छाग्रही

इसे भी पढ़ें: नियुक्ति पत्र के बाद भी नहीं दे रहे नौकरी...धरने से बिगड़ी टीचर्स की तबीयत

Intro:बाराबंकी ,30 अक्टूबर । बाराबंकी जिले को ओडीएफ कराने में योगदान देने वाले करीब एक हजार स्वच्छाग्रही सिस्टम से नाराज हैं । काम करने के बावजूद भी भुगतान न दिए जाने से दुखी जिले के स्वच्छाग्राहियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है । इन्होंने धमकी दी है कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगें नही मानी तो वे लगातार आंदोलन जारी रखेंगे ।


Body:वीओ- बताते चलें कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर गांवों में एक स्वच्छाग्राही की नियुक्ति की गई थी । इनका काम था कि गांवों में जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें साथ ही शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित करें । इन स्वच्छाग्रहियों ने पीएम मोदी के इस मिशन को आगे बढाया । नियुक्ति के समय इनसे कहा गया था कि हर सर्वे पर इन्हें 2 सौ रुपये दिए जाएंगे । शौचालय के लिए प्रेरित करने पर शौचालय निर्माण के समय 75 रुपये और निर्माण के बाद उसका प्रयोग शुरू होने पर 75 रुपये दिए जाने का वादा किया गया था । यही नही गांव के ओडीएफ घोषित हो जाने पर इनको 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की भी बात कही गई थी । आंदोलनकारी स्वच्छाग्रहियों ने कहा कि वर्ष 2017 से आज तक उनको कुछ भी भुगतान नही किया गया । इन्होंने कहा कि जिले की सभी 1166 ग्राम पंचायतें ओडीएफ हो चुकी हैं लेकिन इनको भुगतान नही हुआ । पीड़ित स्वच्छाग्रहियों ने कहा कि पीएम मोदी और सीएम मोदी की मंशा को उन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझ कर पूरा किया लेकिन उनकी तरफ किसी का ध्यान नही है । महिला स्वच्छाग्रहियों ने कहा सुबह सवेरे उठकर गांवों में जा जाकर उन्होंने महिलाओं को शौचालय के लिए न केवल प्रेरित किया बल्कि शौचालय निर्माण भी करवाये लेकिन किसी ने उनकी मेहनत पर ध्यान नही दिया । आंदोलनकारियों ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें नही मानी गई तो वे क्रमिक धरना करते रहेंगे ।
बाईट- विनोद कुमार, पीड़ित स्वच्छाग्रही
बाईट- फूलमती, महिला स्वच्छाग्रही


Conclusion:रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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