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इस्लाम के नाम पर फैल रही अफवाहों पर लगाम लगाएगी अल कुरआन इंस्टीट्यूट की यह पहल - kuraan shareef

बाराबंकी में अल कुरआन इंस्टीट्यूट ने लोगों में कुरान शरीफ को लेकर फैल रही गलतफहमियों को दूर करने के लिए एक नई पहल शुरू की है. दरअसल यह इंस्टीट्यूट 10 रुपये में कुरान शरीफ का अनुवादित संस्करण उपलब्ध करा रहा है, जिससे लोगों को कुरान के बारे में सही मालुमात हो सके.

अल कुरआन इंस्टीट्यूट की अनोखी पहल.
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Published : Jun 20, 2019, 9:35 PM IST

बाराबंकी: अल कुरआन इंस्टीट्यूट 10 रुपए में कुरान शरीफ का अनुवादित संस्करण उपलब्ध करा रहा है. इसका उद्देश्य लोगों में कुरान शरीफ को लेकर फैलाई जाने वाली अफवाहों को दूर करना है. इस इंस्टीट्यूट में 10 भाषाओं में कुरान का अनुवादित अंश उपलब्ध है. साथ ही दस हजार से ज्यादा कॉपियां लोगों तक पहुंचाई जा चुकी हैं. जिससे लोग कुरान और इस्लाम के बारे में फैल रहीअफवाहों से बच सकें.

दस भाषाओं में उपलब्ध है कुरान शरीफ

दुनिया भर में कई जगहों पर ऐसी बातें सामने आई है, जहां इस्लाम और कुरान शरीफ के नाम पर लोगों को बरगलाया जाता है. जिससे तमाम प्रकार की कुरीतियां और समस्याएं उत्पन्न हो जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए अल कुरआन इंस्टीट्यूट ने एक नई पहल शुरू की है.

अल कुरआन इंस्टीट्यूट 10 रुपए में कुरान का अनुवादित संस्करण दे रहा है. इस इंस्टीट्यूट में 10 भाषाओं में कुरान का अनुवादित अंश उपलब्ध है. जिससे लोग कुरान को पढ़कर उसे बेहतर तरीके से समझ पाएं. इसके साथ ही कुरान और इस्लाम के बारे में फैल रही अफवाहों से बच सकें.

अल कुरआन इंस्टीट्यूट ने जारी की अनोखी पहल.

लोगों तक पहुंचा चुके हैं दस हजार कॉपियां

अल कुरआन इंस्टीट्यूट के सदस्य मोहम्मद अनवर खान बताते हैं कि वो वर्ष 2003 से हम काम कर रहे हैं और अब तक करीब 10 हजार कॉपियां लोगों तक पहुंचा चुके हैं. हम लोगों की क्षेत्रीय भाषाओं में उन्हे ये संस्करण उपलब्ध कराते हैं. जिससे लोगों को इसे पढ़ने में किसी तरह की कोई भी समस्या न हो.

पीएम मोदी के फैसले की तारीफ

मोहम्मद अनवर खान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए आगे कहते हैं कि मोदी जी ने निर्देश दिए हैं कि भाजपा के हर कार्यकर्ता के कार्यालय में कुरान होनी चाहिए, जो एक अच्छी पहल है.

इस पहल से दूर होगीं अफवाहें​​​​

मसरूर वारसी पेशे से एक बिजनेसमैन है और इनका भी मानना है कि इस प्रकार से आम लोगों तक उनकी भाषा में कुरान शरीफ पहुंचाना एक अच्छी पहल है. इससे लोग कुरान और इस्लाम के बारे में फैल रही अफवाहों से बच सकेंगे.

बाराबंकी: अल कुरआन इंस्टीट्यूट 10 रुपए में कुरान शरीफ का अनुवादित संस्करण उपलब्ध करा रहा है. इसका उद्देश्य लोगों में कुरान शरीफ को लेकर फैलाई जाने वाली अफवाहों को दूर करना है. इस इंस्टीट्यूट में 10 भाषाओं में कुरान का अनुवादित अंश उपलब्ध है. साथ ही दस हजार से ज्यादा कॉपियां लोगों तक पहुंचाई जा चुकी हैं. जिससे लोग कुरान और इस्लाम के बारे में फैल रहीअफवाहों से बच सकें.

दस भाषाओं में उपलब्ध है कुरान शरीफ

दुनिया भर में कई जगहों पर ऐसी बातें सामने आई है, जहां इस्लाम और कुरान शरीफ के नाम पर लोगों को बरगलाया जाता है. जिससे तमाम प्रकार की कुरीतियां और समस्याएं उत्पन्न हो जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए अल कुरआन इंस्टीट्यूट ने एक नई पहल शुरू की है.

अल कुरआन इंस्टीट्यूट 10 रुपए में कुरान का अनुवादित संस्करण दे रहा है. इस इंस्टीट्यूट में 10 भाषाओं में कुरान का अनुवादित अंश उपलब्ध है. जिससे लोग कुरान को पढ़कर उसे बेहतर तरीके से समझ पाएं. इसके साथ ही कुरान और इस्लाम के बारे में फैल रही अफवाहों से बच सकें.

अल कुरआन इंस्टीट्यूट ने जारी की अनोखी पहल.

लोगों तक पहुंचा चुके हैं दस हजार कॉपियां

अल कुरआन इंस्टीट्यूट के सदस्य मोहम्मद अनवर खान बताते हैं कि वो वर्ष 2003 से हम काम कर रहे हैं और अब तक करीब 10 हजार कॉपियां लोगों तक पहुंचा चुके हैं. हम लोगों की क्षेत्रीय भाषाओं में उन्हे ये संस्करण उपलब्ध कराते हैं. जिससे लोगों को इसे पढ़ने में किसी तरह की कोई भी समस्या न हो.

पीएम मोदी के फैसले की तारीफ

मोहम्मद अनवर खान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए आगे कहते हैं कि मोदी जी ने निर्देश दिए हैं कि भाजपा के हर कार्यकर्ता के कार्यालय में कुरान होनी चाहिए, जो एक अच्छी पहल है.

इस पहल से दूर होगीं अफवाहें​​​​

मसरूर वारसी पेशे से एक बिजनेसमैन है और इनका भी मानना है कि इस प्रकार से आम लोगों तक उनकी भाषा में कुरान शरीफ पहुंचाना एक अच्छी पहल है. इससे लोग कुरान और इस्लाम के बारे में फैल रही अफवाहों से बच सकेंगे.

Intro:बाराबंकी, 20 जून । जिले में अल कुरान इंस्टीट्यूट दे रहा है ₹10 रुपए में कुरान का अनुवादित संस्करण. इसका उद्देश्य है कि लोगों में कुरान शरीफ को लेकर फैलाई जाने वाली भ्रांतियों को दूर करना . 10 भाषाओं में कुरान शरीफ का अनुवादित अंश है उपलब्ध. दस हजार से भी ज्यादा प्रतियां लोगों तक पहुंचाई जा चुकी हैं. सभी लोग अपनी भाषा में कुरान पढ़कर ,उसे बेहतर तरीके से समझ पाएं, जिससे कुरान और इस्लाम के बारे में उन्हें कोई गलत ना बता सके.


Body: दुनिया भर में कई जगहों पर ऐसी बातें सामने आई है,जहां इस्लाम और कुरान शरीफ के नाम पर , लोगों को मिस गाइड कर दिया जाता है .जिससे तमाम प्रकार की कुरीतियां और समस्याएं उत्पन्न हो जाती है.इसी बात को ध्यान में रखकर अल कुरान इंस्टीट्यूट ने यह कोशिश किया है कि , लोग सही में कुरान शरीफ को समझ सके . उसके मिसइंटरप्रिटेशन से दूर रहे, जिससे अल्लाह के वास्तविक स्वरूप और उनके संदेशों को लोगों तक पहुंचा सके और खुद भी पालन कर सकें.
मोहम्मद अनवर खान इस काम को बखूबी अपने मोबाइल वाहन द्वारा कर रहे हैं. इनका मानना है कि किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचा जा सके ,इसलिए हम यह कोशिश कर रहे हैं कि , सभी लोग इस्लाम और कुरान के वास्तविक स्वरूप से रूबरू हों. सन 2003 से अब तक लगभग 16 सालों से मोहम्मद अनवर खान इस काम को कर रहे हैं. जिससे आपसी भाईचारा और मोहब्बत के पैगाम को लोगों तक पहुंचाया जा सके, इस्लाम और कुरान का असली मंतव्य लोगों तक पहुंचा सके.
मसरूर वारसी पेशे से एक बिजनेसमैन है और इनका भी मानना है कि,बहुत ही कम मूल्य में इस प्रकार से आम लोगों तक, कुरान शरीफ उनकी ही भाषा में पहुंचाना यह नेक काम है.


Conclusion: कुल मिलाकर यह एक अच्छी पहल है, अब लोग खुद उनकी भाषा में कुरान शरीफ के उपलब्ध होने से, बेहतर तरीके से इस्लाम और कुरान को समझ सकेंगे .खासकर गैर मुसलमान भी इसे अच्छे तरीके से जान पाएंगे. इससे जो भी भ्रांतियां इस्लाम और कुरान शरीफ को लेकर फैलाई जाती है, उससे निपटने से भी सहायता मिलेगी. खासकर इस्लाम में ही कुछ कट्टरपंथियों द्वारा, लोगों को बरगलाकर ,उन्हें गलत रास्ते पर लाया जाता है, इससे भी लोगों को जानकारी होने के बाद छुटकारा मिलेगा.


bite -

1- मोहम्मद मसरूर वारसी, व्यापारी , बाराबंकी

2- मोहम्मद अनवर खान, सदस्य अल कुरआन इंस्टीट्यूट, बाराबंकी




रिपोर्ट- आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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