बाराबंकी: अल कुरआन इंस्टीट्यूट 10 रुपए में कुरान शरीफ का अनुवादित संस्करण उपलब्ध करा रहा है. इसका उद्देश्य लोगों में कुरान शरीफ को लेकर फैलाई जाने वाली अफवाहों को दूर करना है. इस इंस्टीट्यूट में 10 भाषाओं में कुरान का अनुवादित अंश उपलब्ध है. साथ ही दस हजार से ज्यादा कॉपियां लोगों तक पहुंचाई जा चुकी हैं. जिससे लोग कुरान और इस्लाम के बारे में फैल रहीअफवाहों से बच सकें.
दस भाषाओं में उपलब्ध है कुरान शरीफ
दुनिया भर में कई जगहों पर ऐसी बातें सामने आई है, जहां इस्लाम और कुरान शरीफ के नाम पर लोगों को बरगलाया जाता है. जिससे तमाम प्रकार की कुरीतियां और समस्याएं उत्पन्न हो जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए अल कुरआन इंस्टीट्यूट ने एक नई पहल शुरू की है.
अल कुरआन इंस्टीट्यूट 10 रुपए में कुरान का अनुवादित संस्करण दे रहा है. इस इंस्टीट्यूट में 10 भाषाओं में कुरान का अनुवादित अंश उपलब्ध है. जिससे लोग कुरान को पढ़कर उसे बेहतर तरीके से समझ पाएं. इसके साथ ही कुरान और इस्लाम के बारे में फैल रही अफवाहों से बच सकें.
लोगों तक पहुंचा चुके हैं दस हजार कॉपियां
अल कुरआन इंस्टीट्यूट के सदस्य मोहम्मद अनवर खान बताते हैं कि वो वर्ष 2003 से हम काम कर रहे हैं और अब तक करीब 10 हजार कॉपियां लोगों तक पहुंचा चुके हैं. हम लोगों की क्षेत्रीय भाषाओं में उन्हे ये संस्करण उपलब्ध कराते हैं. जिससे लोगों को इसे पढ़ने में किसी तरह की कोई भी समस्या न हो.
पीएम मोदी के फैसले की तारीफ
मोहम्मद अनवर खान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए आगे कहते हैं कि मोदी जी ने निर्देश दिए हैं कि भाजपा के हर कार्यकर्ता के कार्यालय में कुरान होनी चाहिए, जो एक अच्छी पहल है.
इस पहल से दूर होगीं अफवाहें
मसरूर वारसी पेशे से एक बिजनेसमैन है और इनका भी मानना है कि इस प्रकार से आम लोगों तक उनकी भाषा में कुरान शरीफ पहुंचाना एक अच्छी पहल है. इससे लोग कुरान और इस्लाम के बारे में फैल रही अफवाहों से बच सकेंगे.